हैल्लो दोस्तो, आइये जानते हैं उत्तराखण्ड के केदारनाथ मंदिर इतिहास वास्तुकला और विशेषता (Kedarnath Temple Uttarakhand In Hindi) के बारे में जहाँ पर आप चार धाम प्रमुख केदारनाथ मंदिर के साथ साथ बर्फ से ढकी पहाड़ी और हिमालय की अद्भुत सुंदरता का आनंद उठा सकते है। केदारनाथ में अद्यात्म और प्रकिर्तिक सुंदरता का अनोखा मिश्रण आपके इस यात्रा को ज़िन्दगी का खूबसूरत यादगार पल बना सकते है।
यदि आप केदारनाथ मंदिर घूमने का प्लान बना रहे है तो आपके मन में केदारनाथ मंदिर कहां स्थित है?, केदारनाथ मंदिर घूमने कब जाना चाहिए? केदारनाथ मंदिरकैसे पहुंचे? केदारनाथ मंदिर के खुलने का समय क्या है? आदि जैसे कुछ सवाल जरूर होंगे। तो इस पोस्ट को अन्त तक पढ़िएगा जो आपकी यात्रा को आसान बना देंगे।
केदारनाथ मंदिर इतिहास वास्तुकला और विशेषता – Kedarnath Temple Uttarakhand In Hindi – Famous Kedarnath Temple Information in Hindi
केदारनाथ मंदिर एक चतुर्भुजाकार चबूतरे पर शिलापट द्वारा बना हुआ भव्य मंदिर है जो लगभग 3 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। केदारनाथ मंदिर की वास्तुकला बहुत ही आकर्षक है जो मंदिर में पत्थरों को काटकर बिना सीमेंट या पत्थर स्लैब के बनाया गया है। मंदिर के अंदर गर्भ गृह में शंकु आकार के चट्टान को भगवान शिव के रूप में पूजा जाता है तथा इसके बाहर उनके वाहन नंदी विराजमान है। इस मंदिर की भव्यता तथा आसपास का आकर्षण दर्शनार्थियों तथा श्रद्धालुओं के लिए एक आध्यात्मिक और आंतरिक सुख प्रदान करने वाला है।
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में भगवान शिव को समर्पित पवित्र केदारनाथ मंदिर समुद्र तल से 3583 मीटर की ऊंचाई पर बना हुआ विश्व विख्यात धार्मिक स्थल है। केदारनाथ में स्थित भोलेनाथ का यह पवित्र स्थल बर्फ से आच्छादित पहाड़ों के बीच हरी-भरी सुंदर घाटियां तथा मनमोहक प्राकृतिक भव्यता के बीच सुशोभित है। केदारनाथ मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से सर्वोच्च स्थान रखने वाला ज्योतिर्लिंग है। 16 किलोमीटर मंदाकिनी नदी के किनारे ट्रैकिंग करने के बाद हम इस मंदिर तक पहुंचते हैं। केदारनाथ मंदिर 1000 साल पहले बनाया गया था ।
केदारनाथ मंदिर भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित हिंदू धर्म के सुप्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। केदारनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित मंदिर है और तत्कालीन मंदिर आदि प्राचीन माना जाता है। यहां पर हमें कुछ कुछ समय बाद चमत्कार देखने को मिलते रहते हैं। हाल ही में उत्तराखंड में हुई त्रासदी में भोले बाबा के इस प्रसिद्ध मंदिर का बाल भी बांका नहीं हुआ था। आसपास की हर एक जगह छिन्न-भिन्न और नष्ट हो गई थी लेकिन मंदिर के पीछे भीम शिला नाम का एक बड़ा पत्थर आकर रुक गया था जिसने पानी के बहाव को दो तरफ काट दिया था और मंदिर को नुकसान से बचा लिया था।
भगवान शिव के इस प्रसिद्ध मंदिर में लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। उत्तराखंड में केदारनाथ और बद्रीनाथ दोनों ही सबसे महान तीर्थ स्थल माने जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि जो भी व्यक्ति बिना केदारनाथ के दर्शन किए बद्रीनाथ की यात्रा के लिए जाता है उसकी यात्रा निष्फल मानी जाती है।
केदारनाथ मंदिर का इतिहास – History of Kedarnath Temple In Hindi
इस मंदिर के इतिहास के बारे में कोई भी सटीक जानकारी उपलब्ध नहीं है लेकिन इस बात को सभी स्वीकार करते हैं कि पिछले 1000 सालों से केदारनाथ हिंदू धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल बना हुआ है। यहां पर हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं इसका मतलब यह है कि यह मंदिर अति प्राचीन है। ग्वालियर के राजा भोज की स्तुति नामक एक ग्रंथ में इस मंदिर का जिक्र मिलता है जिसमें बताया गया है कि मंदिर का निर्माण 1076–99 के बीच किया गया है, लेकिन उससे पहले भी यहां पर पूजा-अर्चना होती थी।
लेकिन यह जानकारी केवल वर्तमान मंदिर के लिए है। इस धार्मिक स्थल की मान्यता इस मंदिर के निर्माण से भी बहुत पहले की है। ऐसा माना जाता है कि सर्वप्रथम इस मंदिर को पांडवों द्वारा स्थापित किया गया था। पांडवों ने यहां पर भगवान भोलेनाथ की पूजा के लिए शिवलिंग स्थापित किया था। एक मान्यता के अनुसार आदि गुरु शंकराचार्य ने यहां पर आठवीं शताब्दी में पूजा अर्चना शुरू की थी और एक छोटा मंदिर स्थापित किया था। यहां पर प्राचीन लिपि में मंदिर के बगल में कुछ लिखा हुआ भी है अस्पष्टता के कारण इसे पढ़ पाना मुश्किल है।
केदारनाथ मंदिर की वास्तुकला और विशेषता – Architecture and features of Kedarnath Temple In Hindi
यह मंदिर एक ऊँचे चबूतरे के ऊपर बना हुआ है, मंदिर के अंदर गर्भ ग्रह में एक बड़ा शिवलिंग स्थापित किया गया है। शिवलिंग के चारों ओर फेरी लगाने के लिए कक्ष बना हुआ है। मंदिर के बाहर नंदी भगवान भगवान शिव की सवारी के रूप में विराजित हैं। केदारनाथ मंदिर के मध्य भाग में भगवान गणेश की मूर्ति है और साथ में मां पार्वती का यंत्र भी स्थापित किया गया है।
केदारनाथ 12 ज्योतिर्लिंगों में शामिल है केदारनाथ में स्थित भगवान शिव के लिंगम पर नौ अलग-अलग भाग होने के कारण इसे नव लिंगम का नाम भी दिया जाता है। भगवान भोले के भगत मंदिर में आकर लिंगम को छूते हैं अगर आप लिंगम को छूना चाहते हैं तो आपको सुबह 10:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक आना होगा 4:00 बजे के बाद लिंगम को छूने की आजादी नहीं होती।
इस मंदिर में कई बार मरम्मत का कार्य करवाया जा चुका है ताकि मंदिर को संजो कर रखा जा सके। मंदिर ट्रस्ट द्वारा मंदिर के चारों तरफ कुछ इलाके में जमीन पर पत्थर लगाये गए हैं जिससे कि श्रद्धालुओं को घूमने में और बैठने में आसानी हो। पहले यहां पर उबड़ खाबड़ जमीन हुआ करती थी जिसके कारण श्रद्धालुओं को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता था।
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केदारनाथ मंदिर की यात्रा के लिए कुछ जरूरी जानकारी – Take Precautions Before Go For Kedarnath Yatra In Hindi
- यदि आप केदारनाथ की यात्रा पर जा रहे हैं तो छोटे बच्चों को अपने साथ न ले जाएं क्योंकि यहां पर बर्फबारी तथा तूफान की आशंकाए रहती हैं।
- ठण्ड के समय यहाँ का ऑक्सीजन लेवल बहुत कम हो जाता है इस समय अपने साथी रेनकोट ठंडी के लिए रजाइया, जैकेट तथा विंड सीटर, दवाइयां अवश्य रख ले।
- केदारनाथ की यात्रा में खासकर रात के समय यात्रा करने से आपको जरूर बचना चाहिए क्योंकि यहां केदारनाथ की घाटियों में काले भालू अक्सर दिखाई दे जाते हैं उनसे बचने के लिए रात की यात्रा नहीं करनी चाहिए।
- यहां की यात्रा करते समय आपको धैर्य पूर्वक और सावधानी से यहां के रास्तों पर चलना चाहिए क्योंकि पहाड़ी पर बर्फबारी होती है जिससे रास्तों पर बर्फ फ़ैल जाती है जिससे यहां के रास्तों पर आराम से चले तथा बिल्कुल भी भागने की कोशिश ना करें।
- यदि आपको सांस से जुड़ी कोई समस्याएं हैं तो आप उसके लिए दवा अपने साथ अवश्य रख ले।
- अपना यात्रा कार्ड केदारनाथ की यात्रा करते समय हमेसा साथ रखे।
केदारनाथ मंदिर के पास अन्य पर्यटन स्थल – Best Tourist Places In Kedarnath Near Kedarnath Temple In Hindi
- वासुकी ताल
- सोनप्रयाग
- त्रियुगी नारायण मंदिर
- भैरवनाथ मंदिर
- आदिगुरु शंकराचार्य समाधि
- चोराबाडी झील
- चंद्रशिला
- गौरीकुंड
- रूद्र गुफा
केदारनाथ मंदिर यात्रा का सबसे सही समय? – Best time to visit Kedarnath Temple?
केदारनाथ मंदिर मई के पहले सप्ताह में खुलता है और नवंबर के पहले सप्ताह में कपाट बंद कर दिए जाते हैं इसलिए आपको इन्हीं महीनों के बीच में दर्शन के लिए आना चाहिए। यह समय सबसे उचित रहता है। केदारनाथ मंदिर में ज्यादातर श्रद्धालु मई और जून के महीने में आते हैं क्योंकि इन महीनों में यहां पर वर्षा ना के बराबर होती हैं क्योंकि पहाड़ी इलाके में वर्षा एक बड़ी समस्या बन जाती है।
मई से जून के महीनों में गर्मियों की छुट्टियां भी होती हैं इसलिए आप जून के महीने में केदारनाथ की यात्रा कर सकते हैं। केदारनाथ नामक फिल्म का एक महत्वपूर्ण डायलॉग है कि “हम भी आएंगे केदारनाथ दर्शन के लिए, सुना है यहां पर स्वर्ग से हवाएं आती हैं”।
केदारनाथ मंदिर कैसे पहुंचे? – How To Reach Kedarnath Temple In Hindi
केदारनाथ जाने के लिए आप अपनी सुविधा अनुसार रेल मार्ग सड़क मार्ग या हवाई मार्ग का उपयोग कर सकते है।
सड़क मार्ग द्वारा केदारनाथ मंदिर कैसे पहुंचे? – How To Reach Kedarnath Temple By Road In Hindi
केदारनाथ मंदिर जाने के लिए आप सबसे पहले दिल्ली से हरिद्वार की यात्रा कीजिए। अगर आप आसपास के इलाकों में रहते हैं तो आप हरिद्वार में आ जाइए। यह सफर 230 किलोमीटर का रहेगा। हरिद्वार से आपको आगे रुद्रप्रयाग आ जाना है, हरिद्वार से रुद्रप्रयाग का सफर 165 किलोमीटर का है।
रुद्रप्रयाग से आपको गौरीकुंड की यात्रा करनी है। गौरीकुंड में ही केदारनाथ मंदिर स्थित है। यह यात्रा 75 किलोमीटर की होती है और इस यात्रा में आप पैदल जा सकते हैं या टट्टू की सहायता ले सकते हैं। आप शाम की यात्रा में केदारनाथ पहुंच सकते हैं और शाम की आरती में शामिल हो सकते हैं। रात्रि को यहां पर रुकने के लिए आपको बहुत से स्थल मिल जाएंगे।
रेल मार्ग द्वारा केदारनाथ मंदिर कैसे पहुंचे? – How To Reach Kedarnath Temple By Tran In Hindi
हरिद्वार रेलवे स्टेशन ऋषिकेश रेलवे स्टेशन तथा देहरादून और कोटद्वार रेलवे स्टेशन यहां के सबसे पास के रेलवे स्टेशन है। जिसमें से हरिद्वार रेलवे स्टेशन भारत के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है उससे आप यहां आसानी से पहुंच सकते हैं।
हवाई मार्ग द्वारा केदारनाथ मंदिर कैसे पहुंचे? – How To Reach Kedarnath Temple By Flight In Hindi
यदि आप यहां जाने के लिए हवाई जहाज का उपयोग करना चाहते हैं तो बता दें कि केदारनाथ के सबसे निकटतम हवाई अड्डा जौलीग्रांट हवाई अड्डा है जो केदारनाथ से लगभग 239 किलोमीटर दूर है तथा ऋषिकेश से लगभग 16 किलोमीटर दूर स्थित है। केदारनाथ की यात्रा के लिए आप अपनी सुविधा अनुसार मार्ग का चयन कर सकते हैं। आप Amazon से किफायती कीमत पर फ्लाइट और ट्रेन की टिकट बुक कर सकते है।
केदारनाथ में कहाँ रुके? – Where to stay in Kedarnath In Hindi
केदारनाथ में केदारनाथ मंदिर के आसपास किफायती होटल और गेस्ट हाउस मौजूद है। जिनमे बाबा केदार कैंप हाउस (किराया लगभग 300 से 400), पंजाब सिंध आवास (किराया लगभग 500-1000), GMVN (गढ़वाल मंडल विकास निगम) कॉटेज (किराया लगभग 300-500) और केदार वैली रिजॉर्ट (किराया लगभग 800-1500) जैसे फेमस और एक साफ-सुथरे स्थान है।
केदारनाथ धाम में दर्शन करने का समय क्या है?
सुबह 5 बजे से रात 9 बजे तक केदारनाथ धाम में दर्शन किए जा सकते है।
केदारनाथ में हेलीकॉप्टर का किराया कितना है?
केदारनाथ में प्रति व्यक्ति का हेलीकॉप्टर का राउंड ट्रिप किराया 6500 से 8000 रुपए और वन-वे किराया लगभग 3000 से 3500 रुपए है।
गौरीकुंड से केदारनाथ की चढ़ाई कितनी है?
गौरीकुंड से केदारनाथ की चढ़ाई का पक्का पैदल मार्ग 14 किमी लंबा है। ऋषिकेश, हरिद्वार, देहरादून इत्यादि से गौरीकुण्ड अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
केदारनाथ में बर्फ कौन से महीने में गिरती है?
केदारनाथ धाम में बर्फबारी आम बात है।12000 फीट की ऊंचाई पर स्थित होने की यहां गर्मी के महीनों में भी बर्फ गिरती है।
ऋषिकेश से केदारनाथ कैसे पहुंचे?
ऋषिकेश से केदारनाथ पहुंचने के लिए सबसे अच्छा विकल्प हेलीकाप्टर सेवा है। लेकिन यदि आप सड़क मार्ग से जाना चाहते है तो आपको केदारनाथ के लिए ऋषिकेश से बस, टैक्सी आदि आसानी से उपलभ्ध हो जाती है।
केदारनाथ की चढ़ाई कितने किलोमीटर की है?
अगर आप केदारनाथ की चढ़ाई पैदल करना चाहते है तो आप सुबह 8 बजे से गौरीकुंड से 16 किलोमीटर चढ़ाई शुरू करके केदारनाथ शाम तक पहुंच सकते हैं।
केदारनाथ इतना प्रसिद्ध क्यों है?
भगवान शंकर को समर्पित और चार धाम में प्रमुख केदारनाथ मंदिर के साथ साथ बर्फ से ढकी पहाड़ी और हिमालय की अद्भुत सुंदरता के लिए केदारनाथ इतना प्रसिद्ध है।
हरिद्वार से केदारनाथ कैसे जाया जाता है?
आप सड़क मार्ग से जाना चाहते है तो आपको हरिद्वार से केदारनाथ के लिए बस, टैक्सी आदि आसानी से उपलभ्ध हो जाती है। लेकिन केदारनाथ से लगभग 16 किलोमीटर पहले गौरीकुंड तक ही गाड़िया जा सकती है।
श्री केदारनाथ धाम मंदिर दर्शन के लिए कब खोला जाता हैं?
अक्षय तृतीया के दिन केदारनाथ धाम मंदिर दर्शन के लिए खोला जाता हैं।
श्री केदारनाथ धाम मंदिर कहाँ स्थित है?
चार धामों में प्रमुख केदारनाथ धाम मंदिर देवभूमि उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में है।
आखरी शब्द:-
तो दोस्तों कैसा लगा आपको आज का यह आर्टिकल, आशा करूंगा की आपको जानकारी पसंद आई होगी, इस आर्टिकल में हमने केदारनाथ मंदिर के बारे में संपूर्ण जानकारी ली है, यहां पर मैंने आपको केदारनाथ मंदिर के इतिहास और वास्तुकला के बारे में बताया, साथ ही साथ हमने मंदिर जाने की पूरी यात्रा जानकारी और यहां पर मंदिर खुलने और बंद होने के समय के बारे में भी पूरी जानकारी ग्रहण की है, अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी है, तो इसे अपने करीबी साथियों के साथ साझा जरूर करें, मिलते हैं किसी नए आर्टिकल में नई जानकारी के साथ।
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