नमस्कार दोस्तों, आज के आदि शंकराचार्य समाधि केदारनाथ उत्तराखण्ड (Adi Shankaracharya Samadhi Uttarakhand in Hindi) आर्टिकल में आप सभी का बहुत-बहुत स्वागत है। इस आर्टिकल में मैं आपको उत्तराखंड में स्थित सुप्रसिद्ध आदि शंकराचार्य समाधि के बारे में पूरी जानकारी दूंगा। यहां हम आदि शंकराचार्य समाधि के इतिहास और विशेषता के बारे में संपूर्ण जानकारी लेंगे। साथ ही साथ मै आपको बताऊंगा कि आप आदि शंकराचार्य समाधि यात्रा का सबसे सही समय? आदि शंकराचार्य समाधि में घूमने के लिए किस प्रकार से जा सकते हैं।
आदि शंकराचार्य समाधि केदारनाथ उत्तराखण्ड – Adi Shankaracharya Samadhi Uttarakhand in Hindi – Famous Adi Shankaracharya Samadhi Information in Hindi
केदारनाथ के सबसे पसंदीदा और लोकप्रिय स्थलों में से एक है आदिगुरु शंकराचार्य समाधि स्थल जो पर्यटकों के द्वारा सबसे ज्यादा पर्यटन किए जाने वाले स्थलों में से एक है। शंकराचार्य जी एक संत और एक महान विद्वान थे। कथनानुसार केदारनाथ के वर्तमान मंदिरों का निर्माण शंकराचार्य जी ने ही आठवीं शताब्दी में करवाया था जिन्होंने अपने अद्वैत दर्शन के प्रचार के लिए अनेकों यात्राएं की थी।
शंकराचार्य जी ने चार मठों की भी स्थापना की थी तत्पश्चात 32 वर्ष की आयु में इसी स्थान पर उनके निर्माण स्थल के वजह से यह उनका समाधि स्थल है। जो मूलतया एक छोटा मंदिर था परंतु अब शंकराचार्य जी की मूर्ति तथा स्पुतिका लिंगम को द्वारिका तथा ज्योतिष पीठ के द्वारा 2006 में पुनः पुनर्निर्मित किया गया। आदि शंकराचार्य समाधि के पास का वातावरण बेहद ही सुन्दर और शान्त है। यहां से दिखने वाले आसपास के मनोरम दृश्य पर्यटकों को आनंदित और मोहित कर देते हैं। आदि शंकराचार्य समाधि बर्फ से आच्छादित पहाड़ों, हरी-भरी सुंदर घाटियां तथा मनमोहक प्राकृतिक भव्यता के बीच सुशोभित है।
हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आदि शंकराचार्य हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण योगी रहे हैं, मान्यता है कि केदारनाथ का प्रसिद्ध मंदिर भी आदि शंकराचार्य जी ने ही बनवाया था, आदि शंकराचार्य जी की समाधि आपको केदारनाथ मंदिर के समीप ही मिल जाती है, यहां पर भारत सरकार द्वारा आदि शंकराचार्य जी की एक खूबसूरत मूर्ति भी स्थापित की गई है जिसका आगे वर्णन करूंगा।
आदि शंकराचार्य समाधि का इतिहास और वास्तुकला – History and Architecture of Adi Shankaracharya Samadhi in Hindi
2013 में आई भयंकर बाढ़ के कारण आदि शंकराचार्य जी की समाधि तहस-नहस हो गई थी, लेकिन आज के समय में मोदी सरकार ने यहां पर बहुत खूबसूरत निर्माण कार्य किया है, यहां पर आदि शंकराचार्य की बेहद खूबसूरत मूर्ति स्थापित की गई है, और जबरदस्त वास्तुकला के साथ समाधि का पुनर्निर्माण किया गया है, इस समाधि का पुनर्निर्माण का पूरा कार्य मंदिर ट्रस्ट और भारत सरकार को जाता है।
आदि शंकराचार्य की समाधि प्रसिद्ध मंदिर केदारनाथ से पीछे की तरफ लगभग 100 मीटर पर स्थित है, यह समाधि गोलाई में बनाई गई है, और काफी बड़ी है, इसके अंदर आदि शंकराचार्य जी की मूर्ति स्थापित की गई है और पूजा-अर्चना के लिए स्थान दिया गया है।
यहां पर शंकराचार्य जी की मूर्ति काले रंग की है, जिसकी तस्वीर आप नीचे देख सकते हैं, आदि शंकराचार्य जी की मूर्ति बहुत डिटेल में और कारीगरी से बनाई गई है, यह एक पत्थर के ऊपर बैठे हुए है।
कौन थे आदि शंकराचार्य? – Who was Adi Shankaracharya in Hindi
आदि शंकराचार्य हिंदू धर्म के महान संतों में से एक है, माना जाता है कि आठवीं शताब्दी में आदि शंकराचार्य केदारनाथ में आए थे, और यहां पर अपने अनुयायियों के साथ मठ की स्थापना की थी, एक अन्य धार्मिक मान्यता के अनुसार आदि शंकराचार्य ने केदारनाथ, में केदार मंदिर का निर्माण करवाया था, और यहां पर एक गर्म पानी का कुंड बनवाया था, ताकि और आने वाले लोगों को सुविधा हो सके।
आदि गुरु शंकराचार्य ने लगभग 34 साल की उम्र में देह त्याग कर दिया था, मान्यता है कि यह खुद ही पृथ्वी में समाहित हो गए थे, जिस जगह पर आदि शंकराचार्य जी पृथ्वी में समाहित हुए थे, उस जगह पर आदि शंकराचार्य जी का मठ हुआ करता था, और फिलहाल यह स्थान आदि शंकराचार्य जी की समाधि के रूप में पूजा जाता है।
आदि शंकराचार्य ने भारत में लगभग 4 मठों की स्थापना की, चारों ही हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण है, आदि शंकराचार्य हिंदू धर्म के महान धर्म प्रवर्तक और दार्शनिक माने जाते हैं, यह दक्षिण भारत से केदारनाथ में आए थे, उनका जन्म दक्षिण भारत में केरल में हुआ था, आदि शंकराचार्य ब्राह्मण परिवार से संबंध रखते थे।
आदि शंकराचार्य के बारे में कहा जाता है कि 8 वर्ष की आयु में इनको सभी वेद कंठस्थ हो गए थे, और 12 वर्ष की आयु में सभी पुराणों को भी याद कर लिया था, ब्रह्मापुत्र नामक महत्वपूर्ण ग्रन्थ के ऊपर शांकरभाष्यकी नामक ग्रंथ की रचना आदि शंकराचार्य जी ने की थी, मान्यता है कि आदि शंकराचार्य पूरी दुनिया को अपना परिवार मानते थे, और इस ग्रंथि में उन्होंने दुनिया को एकजुट करने का कार्य भी किया है, आदि शंकराचार्य के जीवन से आप सगुण और निर्गुण दोनों प्रकार की भक्ति का अनुभव देख पाएंगे।
आदि शंकराचार्य ने सृष्टि की रचना और विनाश के बारे में पूरी जानकारी दी, उन्होंने बताया है कि सृष्टि की रचना ब्रह्मा हुई है और प्रलय का कारण बताया है, इन्होने सृष्टि में अलग अलग देश और अलग अलग प्रकार के जीव जंतुओं के बारे में भी जानकारी दी है, इतनी छोटी उम्र में इतनी महान उपलब्धि हासिल करने के कारण आदि शंकराचार्य को भारत का गुरु माना जाता है, भारत में स्थित सभी योगियों में से आदि शंकराचार्य जी सबसे महान व्यक्तित्व वाले योगी माने जाते हैं।
आदि शंकराचार्य समाधि के पास अन्य पर्यटन स्थल – Kedarnath Tourist Places Near Adi Shankaracharya Samadhi In Hindi
- वासुकी ताल
- केदारनाथ मन्दिर
- सोनप्रयाग
- त्रियुगी नारायण मंदिर
- भैरवनाथ मंदिर
- आदिगुरु शंकराचार्य समाधि
- चोराबाडी झील
- चंद्रशिला
- गौरीकुंड
- रूद्र गुफा
आदि शंकराचार्य समाधि कैसे पहुंचे? – How To Reach Adi Shankaracharya Samadhi Kedarnath In Hindi
जैसा कि आप जानते हैं शंकराचार्य जी की समाधि केदारनाथ मंदिर के पास ही स्थित है, ऐसे में इस जगह पर आने के लिए आप दिल्ली से हरिद्वार की यात्रा कर सकते हैं, हरिद्वार से आपको रुद्रप्रयाग आ जाना है, रुद्रप्रयाग से गौरीकुंड आने पर गौरीकुंड से आगे आप पैदल ही आ पाएंगे, क्योंकि गौरीकुंड से केदारनाथ की दूरी लगभग 16 किलोमीटर है, और यह एक ऊंची चढ़ाई है, इसमें आप साधन लेकर नहीं आ पाएंगे, यहां पर आप पैदल जा सकते हैं, या टट्टू की सहायता लेकर आ सकते हैं। आप Amazon से किफायती कीमत पर फ्लाइट और ट्रेन की टिकट बुक कर सकते है।
आदि शंकराचार्य समाधि स्थल के पास रुकने की जगह – Where to stay in Adi Shankaracharya Samadhi Kedarnath In Hindi
शंकराचार्य जी की समाधि स्थल के पास आपको रुकने की कई जगह मिल जाएंगी, यहां पर प्रसिद्ध केदारनाथ मंदिर होने के कारण आसपास रुकने की कई जगह हैं, आप इन स्थलों पर रुक सकते हैं, या पास की जगह पर होटल भी ले सकते हैं, यहां पर आपको ज्यादातर धर्मशालाएं और लोकल रेजिडेंशियल प्लेसेस मिलेंगे।
जहां पर आप पांच 7 दिनों तक आसानी से रुक सकते हैं, जिससे कि आप आसपास में स्थित अन्य धार्मिक स्थलों पर भी आसानी से यात्राओं के लिए जा सकते हैं, यहां पर यह स्थान रुकने के लिए यही मुख्य स्थान है, आसपास के धार्मिक स्थलों पर जाकर वापस टूरिस्ट इसी स्थान पर आते है।
आदि शंकराचार्य समाधि यात्रा का सबसे सही समय? – Best time to visit Adi Shankaracharya Samadhi Kedarnath In Hindi
अगर आप पर आदि शंकराचार्य समाधि पर यात्रा के लिए जा रहे हैं तो आपको बता दूं कि यहां पर घूमने के लिए मई से जून महीने सबसे सही रहते हैं। मई में केदारनाथ मंदिर के कपाट खुल जाते हैं जिससे कि आप केदारनाथ मंदिर पर दर्शन के लिए जा रहे हैं। आदि शंकराचार्य समाधि पर वही लोग जाते हैं जो केदारनाथ मंदिर में दर्शन के लिए जाते हैं। इसके अलावा आप बर्फ़बारी का आनन्द लेना चाहते है तो सर्दियों के मौसम में जा सकते है।
आदि शंकराचार्य केदारनाथ कब आए थे?
आदिगुरु शंकराचार्य केदारनाथ 8वी सदी में आए थे और यहाँ आकर उन्होंने केदारनाथ मंदिर और अपने एक मठ की स्थापना की।
आदि शंकराचार्य ने किन मठो की स्थापना की?
आदि शंकराचार्य ने उत्तर में ज्योर्तिमठ, पश्चिम में शारदामठ दक्षिण में श्रंगेरी मठ और पूर्व दिशा में गोवर्धन मठ की स्थापना की।
हरिद्वार से केदारनाथ कैसे जाया जाता है?
आप सड़क मार्ग से जाना चाहते है तो आपको हरिद्वार से केदारनाथ के लिए बस, टैक्सी आदि आसानी से उपलभ्ध हो जाती है। लेकिन केदारनाथ से लगभग 16 किलोमीटर पहले गौरीकुंड तक ही गाड़िया जा सकती है।
आखिरी शब्द:-
तो दोस्तों कैसा लगा आपको आज का आदि शंकराचार्य समाधि केदारनाथ उत्तराखण्ड (Adi Shankaracharya Samadhi Uttarakhand in Hindi) आर्टिकल, इस आर्टिकल में हमने शंकराचार्य समाधि के बारे में पूरी जानकारी ली है, यहां पर मैंने आपको शंकराचार्य जी की समाधि की वास्तुकला विशेषता और इतिहास के बारे में भी पूरी जानकारी दी है, आशा करूंगा कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा, इस आर्टिकल में हमने शंकराचार्य समाधि स्थल जाने के रास्ते और यहां पर रुकने की जगह के बारे में भी पूरा वर्णन किया है, अगर आपको जानकारी अच्छी लगी है तो इसे अपने करीबी साथियों के साथ जरूर साझा करें, मिलते हैं किसी नए आर्टिकल में नइ जानकारी के साथ।
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prabhu ye ghumne ki jgh nhi aadhyatmik tirth h
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