Dunagiri Ranikhet in Hindi : दूनागिरी अल्मोड़ा जिले में रानीखेत में स्थित उत्तराखंड राज्य का सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है जो चारो तरफ से हरे भरे जंगलो और पहाड़ो से घिरा होने के कारण एक अद्भुत प्रकिर्तिक नजारा प्रस्तुत करता है। रानीखेत का नाम सुनते ही लोगो के मन में खूबसूरत झरनो, नदी, पहाड़, प्राकृतिक सौंदर्य, धार्मिक स्थल और बहुत से पर्यटक आकर्षक स्थानों की याद आ जाती है। दूनागिरी Uttarakhand Tourism के साथ साथ हिल स्टेशन रानीखेत में घूमने की सूची में एक विशेष स्थान रखता है।
दूनागिरी में पर्यटक भारी संख्या में पिकनिक मानाने और रोमांचक गतिविधियों का आनन्द लेने आते है। अगर आप भी यहाँ घूमने का प्लान बना रहे है तो आइए जानते है दूनागिरी कहां स्थित है?, दूनागिरी घूमने कब जाना चाहिए? दूनागिरी कैसे पहुंचे? के साथ साथ दूनागिरी के बारे में अन्य जानकारी –
दूनागिरी मन्दिर रानीखेत उत्तराखंड – दूनागिरी मन्दिर – Dunagiri Ranikhet in Hindi – Best Tourist Places in Ranikhet Hill Station – Uttarakhand Tourism In Hindi
रानीखेत का एक खूबसूरत पर्यटन स्थल दूनागिरी, जो द्वाराहाट से लगभग 14 किलोमीटर दूर स्थित है। यहाँ हिमालय की सुंदरता को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। इस पर्वत की चोटी पर अनेक मंदिर भी स्थित हैं जो दर्शकों में यहां के पर्यटन की रूचि पैदा करते हैं। प्रमुख रूप से पर्यटक यहाँ हिमालय की ऊँची ऊँची चोटियों पर सूर्योदय और सूर्यास्त के समय दिखने वाले मनमोहक और अद्भुत द्र्श्यो को देखने भरी संख्या में आते है।
दूनागिरी या द्रोणागिरी नामक प्रसिद्ध जगह रानीखेत में स्थित उत्तराखंड का एक महत्वपूर्ण शक्तिपीठ है, उत्तराखंड को हरिभूमि इसीलिए कहा जाता है क्योंकि यहां पर मंदिर और धार्मिक जगहों की भरमार है, इन्हीं में से दूनागिरी रानीखेत के पास स्थित एक महत्वपूर्ण मंदिर है, सालाना हजारों लोग इस मंदिर में पूजा अर्चना के लिए आते हैं, दूनागिरी उत्तराखंड के कुमाऊं नामक जगह पर स्थित है।
आपने वैष्णो देवी की यात्रा जरूर सुनी होगी, वैष्णव देवी के बाद दूनागिरी दूसरा सबसे प्रसिद्ध मंदिर माना जाता है, यह एक वैष्णो शक्तिपीठ माना गया है, हजारों सालों से यहां पर श्रद्धालु आकर पूजा अर्चना करते हैं, इस मंदिर का इतिहास कत्यूरी साम्राज्य से जोड़ा जाता है, माना जाता है कि कत्यूरी साम्राज्य के शासक सुधारदेव ने 1318 ईस्वी में इस मंदिर का निर्माण करवाया था और यहां पर मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित की थी।
यह जगह द्वाराहाट से 15 किलोमीटर दूर कुमाऊं नामक जगह पर स्थित है, दूनागिरी नामक प्रसिद्ध जगह प्राकृतिक सुंदरता के कारण भी जानी जाती है, यहां का मौसम काफी बेहतरीन और पर्यटकों के लिए मजेदार रहता है, उत्तराखंड के बाकी स्थानों के जैसे ही यहां पर काफी हरियाली रहती है, जिससे कि वातावरण मनोरम बना रहता है।
दूनागिरी मंदिर का इतिहास
दूनागिरी मंदिर को कत्यूरी साम्राज्य से जोड़कर देखा जाता है, लेकिन मंदिर होने के प्रमाण इससे काफी पहले के मिलते हैं, 1181 के मिले शिलालेखों में भी यहां पर दूनागिरी मंदिर होने के प्रमाण है, इसके अलावा पौराणिक कहानियों के अनुसार जब रामायण काल में लक्ष्मण मूर्छित हो गए थे, तो हनुमान जी को द्रोणाचल नामक पर्वत से जड़ी बूटी लाने को कहा गया था, जब हनुमान जी यहां से पर्वत उठा रहे थे, तो पर्वत का एक छोटा भाग टूट कर गिर गया था, इसी स्थान पर मंदिर का निर्माण किया गया है।
दूनागिरी के पास मसूरी में घूमने की जगह – Ranikhet Tourist Places Near Dunagiri
- चौबटिया गार्डन
- गोल्फ ग्राउंड
- रानी झील
- द्वाराहाट
- कुमाऊँ रेजिमेंटल सेंटर
- झूला देवी मंदिर
- शीतलाखेत
- आशियाना पार्क
- बिन्सर महादेव मंदिर
- भालू बांध
- मझखली
दूनागिरी में स्थित अन्य मंदिर –
यहाँ पर भगवान गणेश का एक मंदिर भी स्थित है, यह एक अलग चोटी पर स्थित है और इस चोटी को गणेशाधार के नाम से जाना जाता है, इस मंदिर से जुड़ी भी कई पौराणिक कहानियां हैं, मान्यता है कि इन सभी स्थानों पर अज्ञातवास के दौरान पांडव रुके थे और कई पौराणिक कहानियों के अनुसार पांडवों ने यहां पर मां दुर्गा की पूजा अर्चना की थी पांडव यहां पर युद्ध में विजय की इच्छा लेकर पूजा अर्चना करते थे, और द्रोपती अपने सतीत्व को बचाने के लिए पूजा-अर्चना करती थी।इसके अलावा भी आसपास के इलाकों में घूमने और पूजा अर्चना करने के लिए आपको कई जगह मिल जाएंगी।
दूनागिरी जाने के लिए आदर्श समय – Best Time To Visit Dunagiri Ranikhet In Hindi?
पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण यहां वर्ष भर पर्यटक आते रहते हैं। पर यहां पर हर चीजों का आप आंनद उठाना चाहते हैं तो आपके लिए,मार्च से जुलाई का समय सबसे अच्छा समय होता है। लेकिन यदि आप बर्फ से ढकी पहाड़िया देखने और बर्फबारी देखने जाना चाहते हैं तो आपको दिसंबर से लेकर फरवरी तक का मौसम सबसे अच्छा होता है। गर्मियों के मौसम में जब देश के ज्यादातर हिस्सों में भीषण गर्मी पड़ती है तब यहाँ का मौसम काफी खुशनुमा रहता है। मानसून के मौसम में भारी बारिश के कारण यहाँ हिमस्खलन और नदिया का जलस्तर काफी बढ़ जाता है इसलिय जुलाई से लेकर अगस्त तक यहाँ घूमने से बचना चाहिए।
दूनागिरी का प्रसिद्ध भोजन क्या है? – Famous Food Of Dunagiri Ranikhet In Hindi
कई पकवानों से बनी एक डिश रास रानीखेत के साथ साथ उत्तराखंड का प्रसिद्ध भोजन है। आलू के गुटके, अरसा मिठाई, आलू टमाटर का झोल, स्वीट स्नैक गुलगुला, सिंगोरी, बावड़ी भट्ट की चुरानी, कुमाउनी रायता और आलू के गुटके जैसे स्वादिष्ट व्यंजन पूरे उत्तराखंड के सबसे प्रसिद्ध भोजन है। रानीखेत यात्रा के दौरान उत्तराखंड में कई तरह के भारतीय व्यंजनो के स्वाद का लुप्त उठाना न भूले।
दूनागिरी कैसे पहुंचे? – How To Reach Dunagiri In Hindi
दूनागिरी नामक इस प्रसिद्ध मंदिर में आने के लिए आपको सबसे पहले रानीखेत में आना होगा, इसके बाद आप द्वाराहाट नामक जगह पर आ सकते हैं, और इसी रास्ते पर आगे बढ़ने पर 15 किलोमीटर आगे आपको कुमाऊं नामक जगह पर दूनागिरी मंदिर मिल जाएगा, आपको बता दूं कि दूनागिरी मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको लगभग 500 सीढ़ियां चढ़नी होती है, यह काफी कठिनाई भरी चढ़ाई होती है, लेकिन एडवेंचर पसंद लोगों के लिए इस मंदिर पर घूमना काफी रोमांचकारी अनुभव रहता है।
हवाई मार्ग
यदि आप यहां वायु मार्ग द्वारा दूनागिरी आना चाहते हैं तो हम आपको बता दे की दूनागिरी रानीखेत में हवाई अड्डा 119 किलोमीटर की दूरी पंतनगर में स्थित है। जो दिल्ली, बैंगलोर, मुंबई जैसे देश के सभी प्रमुख राज्यों से जुड़ा है। दूनागिरी द्वाराहाट से मात्र 15 किलोमीटर की दूरी पर है। आप Amazon से किफायती कीमत पर फ्लाइट की टिकट बुक कर सकते है।
रेल मार्ग
रेल मार्ग दूनागिरी रानीखेत को सीधे नहीं जोड़ता पर यहां पर रानीखेत के सबसे पास का स्टेशन काठगोदाम रेलवे स्टेशन है जो मात्र 44 किलोमीटर दूर है। यहां से आपको दूनागिरी रानीखेत के लिए आराम से टैक्सी मिल जाती है। आप दिल्ली से भी सीधे काठगोदाम रेलवे स्टेशन आप आसानी से पहुंच सकते हैं।
सड़क मार्ग
सड़क मार्ग के द्वारा दूनागिरी रानीखेत पहुंचना बहुत ही आसान और अच्छा विकल्प है। प्रकिर्तिक सुंदरता और हरे भरे पहाड़ो के बीच से गुजरते राष्ट्रीय राजमार्ग 9 से आप दूनागिरी रानीखेत आसानी से यहां पहुंच सकते हैं। रानीखेत के साथ साथ हरिद्वार, ऋषिकेश, देहरादून, नैनीताल, मसूरी, रूद्रपुर, रामनगर और हल्द्वानी जाने के लिए दिल्ली लखनऊ जैसे प्रमुख शहरों से सीधा बस आपको मिल जाएगी। बाइक और कार से रानीखेत जाना बहुत आसान है आप दिल्ली से हाइवे पकड़ सकते हैं और सीधा दूनागिरी आप जा सकते हैं और अपने मन के अनुसार रास्ते का इंज्वॉय कर सकते हैं।
रानीखेत में बर्फबारी कब होती है?
रानीखेत में पहली बर्फबारी रानीखेत में लगभग दिसंबर माह में होती है। दिसंबर से लेकर फरवरी तक यहां पर्यटक स्नोफॉल और बर्फ से ढकी पहाड़ियों का आनंद ले सकते हैं। सर्दियों में यहां का तापमान 0 डिग्री तक हो जाता है और उस समय चारों तरफ से पहाड़ों को घेरे हुए धुंध बहुत ही खूबसूरत दिखती है जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है।
रानीखेत घूमने के लिए कितने दिन पर्याप्त हैं?
दो दिन और एक रात रुककर आप रानीखेत के साथ द्वाराहाट के खूबसूरत नजरो का आनंद लेने के लिए पर्याप्त है। अगर आप प्रकृति के अद्भुत दृश्यों से भरपूर रानीखेत के आसपास के टूरिस्ट प्लेसो का विजिट करना चाहते हैं तो आपको कम से कम 2 दिन की आवश्यकता और होगी।
दूनागिरी ग्लेशियर कहाँ स्थित है
दूनागिरी ग्लेशियर उत्तराखण्ड के चमोली जिले में स्थित है।
आशा करता हूँ दूनागिरी रानीखेत उत्तराखंड (Dunagiri Ranikhet in Hindi) के विषय में इस पोस्ट के माध्यम से जो जानकारी दी गई है वो आपको अच्छी लगी होगी। आप अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से इस पोस्ट को साझा करे। दूनागिरी रानीखेत या उत्तराखण्ड के और किसी भी पर्यटन स्थल के बारे में कुछ भी जानकारी चाहिए या मेरी इस पोस्ट में आपको कुछ गलती दिखे तो कृपया कमेंट जरूर करें। – धन्यबाद
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