नमस्कार दोस्तों, आज के अगस्त्यमुनि रुद्रप्रयाग उत्तराखण्ड (Agastyamuni Rudraprayag Uttarakhand in Hindi) आर्टिकल में आप सभी का बहुत-बहुत स्वागत है। इस आर्टिकल में मैं आपको उत्तराखंड में स्थित सुप्रसिद्ध अगस्त्यमुनि मंदिर के बारे में पूरी जानकारी दूंगा। यहां हम अगस्त्यमुनि मंदिर के इतिहास और विशेषता के बारे में संपूर्ण जानकारी लेंगे। साथ ही साथ मै आपको बताऊंगा कि आप अगस्त्यमुनि मंदिर यात्रा का सबसे सही समय? अगस्त्यमुनि मंदिर में घूमने के लिए किस प्रकार से जा सकते हैं।
अगस्त्यमुनि रुद्रप्रयाग उत्तराखण्ड – Agastyamuni Rudraprayag Uttarakhand in Hindi – Rudraprayag Me Ghumne Ki Jagah Agastyamuni
अगस्त मुनि मंदाकिनी नदी के तट पर हिमालय के सुंदर आकर्षण के बीच बसा एक पवित्र स्थान एक विख्यात और छोटा सा प्राचीन काल का प्रसिद्ध गांव है। किवन्दतियों के अनुसार यह प्रसिद्ध स्थान ऋषि अगस्त्य के गुरुकुल के रूप में उपयोग किया जाता था जिस कारण से इस गांव का नाम प्रसिद्ध ऋषि अगस्त्य के नाम पर ही अगस्त्यमुनि रखा गया। यदि आप शहर की भीड़भाड़ से ऊपर एक शांत और खूबसूरत जगह की तलाश में है तो यह स्थान आपके लिए एक उत्तम स्थान है।
जहां पर आप अपनी फैमिली और फ्रेंड के साथ या कपल के साथ सुंदर प्राकृतिक आकर्षण का आनंद ले सकते हैं। अगस्त मुनि इसलिए भी बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है क्योंकि चार धाम की यात्रा में प्रमुखता से कार्य करता है। यहां पर हेलीपैड होने के कारण चार धाम की यात्रा को हेलीकॉप्टर से करने वाले लोगों के लिए या स्थान एक प्रमुख स्थान है जहां से वह चार धामों की यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर का उपयोग करते हैं।
इसके अलावा अगस्त मुनि की प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण के लिए भी पर्यटक यहां अपना महत्वपूर्ण समय बिताते हैं तथा यहां की सुंदरता का लुत्फ़ उठाते हैं। यहां से दिखाई देने वाले अपने प्राकृतिक सौंदर्य तथा अपने महत्त्व के कारण यह स्थान रुद्रप्रयाग में घूमने की खूबसूरत जगहो में पर्यटकों के लिए प्रमुख पर्यटन स्थल है।
महर्षि अगस्त्य की तपोस्थली होने के कारण रुद्रप्रयाग का यह इलाका बहुत मशहूर है। धार्मिक मान्यता के साथ-साथ इस इलाके की प्राकृतिक सुंदरता भी लाजवाब है। यहां पर सालाना हजारों टूरिस्ट और धार्मिक यात्री आते हैं। यहां पर आपको अगस्त्यमुनि का एक छोटा प्रसिद्ध मंदिर भी देखने को मिलेगा जिसमें आप दर्शन कर सकते हैं और महर्षि अगस्त्य के बारे में और जानकारी ले सकते हैं।
सप्तर्षियों में से एक अगस्त्यमुनि हिंदू धर्म के लिए महत्वपूर्ण साधुओं और मुनियों में से एक है। उन्होंने अगस्त्य संहिता नामक ग्रंथ की रचना भी की है जो अपने आप में काफी रोचक है। इसके अलावा यह शिवजी के प्रिय भगत होने और अगस्तमुनि नाम की तपोस्थली पर शिव भगवान के ताप करने के कारण प्रसिद्ध है।
अगस्त्यमुनि का प्रसिद्ध मंदिर और धार्मिक मान्यता – Famous temple of Agastyamuni and religious belief in Hindi
अगस्त्यमुनि नामक यह प्रसिद्ध जगह ऋषिकेश से केदारनाथ जाने वाले रास्ते में स्थित है। रुद्रप्रयाग से यह इलाका लगभग 18 किलोमीटर की दूरी पर है। यह इलाका समुद्र तल से लगभग 1000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। अगस्त्यमुनि नामक जगह पर पहले एक बड़ा घास का मैदान हुआ करता था जिस जगह पर अभी स्टेडियम बना दिया गया है और आपको लोग खेलते हुए मिल जाएंगे। यहां पर कई प्रकार के टूर्नामेंट होते हैं और यह स्टेडियम उत्तराखंड के महत्वपूर्ण खेल मैदानों में से एक है। वैशाखी के पावन अवसर पर इस इलाके में भारी लोग इकट्ठा होते हैं और मेला लगता है।
अगस्तमुनि नामक जगह पर महान ऋषि अगस्त्य का एक प्राचीन मंदिर भी स्थित है। ऋषि अगस्त्य की तपोस्थली होने के कारण ही इस जगह का नाम अगस्त्यमुनि पड़ा है। इस इलाके में पर्यटकों के लिए कई मनोरंजन के इलाके हैं जहां पर आप घूम करें मौज मस्ती कर सकते हैं। मंदिर के पास से एक खूबसूरत नदी भी बहती है जिसकी छोटी धारा में आप वाटर एक्टिविटी भी कर सकती हैं। यह इलाका धार्मिक दृष्टि के साथ-साथ खूबसूरती में भी बेमिसाल है।
ऋषि अगस्त्य की महत्वपूर्ण जानकारी – Important information of sage Muni Agastya in Hindi
ऋषि अगस्त्य भगवान शिव के प्रिय 7 ऋषियों में से एक थे, मान्यता है कि ऋषि अगस्त्य भगवान ब्रह्मा के पुत्र थे, इनका विवाह विदर्भ-नरेश की कन्या लोपामुद्रा से हुआ था, मान्यता है कि यह बहुत ही महान ऋषि थे और शिव भगवान के घोर तपस्या करने वाले ऋषियों में से एक हैं, इन्होंने ही विंध्याचल पर्वत से दक्षिण की तरफ जाने का सरल रास्ता खोजा था।
हिंदू धार्मिक मान्यता के अनुसार वेदों पुराणों को बनाने में भी ऋषि अगस्त्य ने महत्वपूर्ण सहयोग दिया था, ऋषि अगस्त्य के वंशजों को अगस्त के वंशज कहा जाता है और पूरे भारत में हजारों जातियां हैं, जो खुद को ऋषि अगस्त्य की संतान मानती है।
मान्यता है कि ऋषि अगस्त्य द्वारा रचित ग्रंथ अगस्त्य संहिता बहुत ही प्रसिद्ध है, और इसमें प्राचीन काल में ही बिजली बनाने की विधि दी गई है, आपको बता दूं कि भारतीय मान्यताओं के अनुसार सप्त ऋषि बहुत वैज्ञानिक हुआ करते थे और उस समय टेक्नोलॉजी आज से कहीं ज्यादा विकसित हुआ करती थी, मान्यता है कि उस समय ऊंचे उड़ने वाले वाहन हुआ करते थे और ऐसे वाहन भी हुआ करते थे, जिनसे लोग अंतरिक्ष की यात्रा कर सकते थे।
कई वैज्ञानिक शोधों में भी इस बात को मान लिया गया है, कि पुराने समय में ऋषियों के पास से कई प्रकार की टेक्नोलॉजी होती थी, ऋषियों द्वारा रचित ग्रंथों में भी इनका वर्णन किया गया है और प्रसिद्ध वैज्ञानिक थॉमस एडिसन ने भी स्वीकार किया था, कि बल्ब बनाने का आईडिया उनको संस्कृत के श्लोक से ही मिला है।
अगस्त्यमुनि के पास अन्य पर्यटन स्थल – Rudraprayag Tourist Places Near Agastyamuni In Hindi
- वासुकी ताल
- केदारनाथ मन्दिर
- सोनप्रयाग
- त्रियुगी नारायण मंदिर
- भैरवनाथ मंदिर
- आदिगुरु शंकराचार्य समाधि
- चोराबाडी झील
- चंद्रशिला
- गौरीकुंड
- रूद्र गुफा
अगस्त्यमुनि कैसे पहुंचे? -How To Reach Agastyamuni Rudraprayag In Hindi
अगस्तमुनि नामक जगह पर आने के लिए आप ऋषिकेश आ सकते हैं, ऋषिकेश तक आप ट्रेन के माध्यम से आ सकते हैं, और ऋषिकेश से अगस्तमुनि के लिए आपको बस की सुविधा मिल जाएगी, आप चाहे तो टैक्सी लेकर भी आसानी से आ सकते हैं,, यहां से आगे की यात्रा में अगर आप केदारनाथ जाना चाहते हैं, तो अगस्त्यमुनि मैदान से आपको हेलीकॉप्टर की सुविधा मिल जाएगी, जो आपको डायरेक्ट केदारनाथ मंदिर के पास से लेकर जाती है, इसके अलावा आप टैक्सि या बस की सहायता भी ले सकते हैं।
अगस्त्यमुनि केदारनाथ से केवल 37 किलोमीटर की दूरी पर है, अगस्त्यमुनि जाने के लिए आप उखीमठ होते हुए जा सकते हैं, यहां पर आपको बस सुविधा भी मिल जाएगी, जो कि सोनप्रयाग तक है, इसके बाद आगे आपको रुद्रप्रयाग से पैदल ही केदार को जाना होगा। आप Amazon से किफायती कीमत पर फ्लाइट और ट्रेन की टिकट बुक कर सकते है।
अगस्त्यमुनि में रुकने की जगह – Where to stay in Agastyamuni Rudraprayag In Hindi
अगस्त्यमुनि में रुकने के लिए आपको कई जगह मिल जाएंगी, यहां पर आपको लोकल रेजिडेंशियल प्लेस मिल जाएंगे, इसके अलावा आपको अगस्तमुनि में रुकने के लिए होटल भी मिल जाएगा, अगर आप एक साधारण होटल लेना चाहते हैं, तो 500 से ₹1000 में आपको अच्छा होटल मिल जाएगा, जहां पर आप रात गुजार सकते हैं, इसके अलावा इस इलाके में कई धर्मशालाएं भी है, जहां पर आप फ्री में भी रुक सकते हैं।
अगस्तमुनि में आने वाले ज्यादातर यात्री यहां पर रुकते नहीं है, वह केवल रास्ते में मंदिर में पूजा अर्चना करके आगे बढ़ते हैं, क्योंकि यह मंदिर केदारनाथ जाने वाले महत्वपूर्ण रूट के बीच में पड़ता है।
अगस्त्यमुनि घूमने का सबसे सही समय? – Best time to visit Agastyamuni Rudraprayag In Hindi
अगर आप पर अगस्त्यमुनि पर यात्रा के लिए जा रहे हैं तो आपको बता दूं कि यहां पर घूमने के लिए मई से जून महीने सबसे सही रहते हैं। मई में केदारनाथ मंदिर के कपाट खुल जाते हैं, जिससे कि आप केदारनाथ मंदिर पर दर्शन के लिए जा रहे हैं, इस अगस्त्यमुनि में लगभग वही लोग जाते हैं जो केदारनाथ मंदिर में दर्शन के लिए जाते हैं। इसके अलावा आप बर्फ़बारी का आनन्द लेना चाहते है तो सर्दियों के मौसम में जा सकते है। सर्दी के मौसम में भारी बर्फबारी के कारण यहां की यात्रा में कठिनाई होती है इसीलिए मानसून और सर्दी के समय में यहां की यात्रा से बचना चाहिए।
रुद्रप्रयाग में कौन कौन से प्रसिद्ध मंदिर हैं?
रुद्रप्रयाग में केदारनाथ मंदिर, त्रियुगीनारायण मंदिर, काली मठ ,कार्तिकेय स्वामी मंदिर, वासुकी ताल, तुंगनाथ मंदिर, गुप्तकाशी मंदिर, ऊखीमठ, और रुद्रनाथ मंदिर के साथ 12 प्रसिद्ध मंदिर हैं जो रुद्रप्रयाग को हिन्दुओ के लिए इक आस्था का केंद्र बनाते है।
रुद्रप्रयाग में बर्फ कौन से महीने में गिरती है?
यदि आप बर्फबारी देखना चाहते है और बर्फीली चोटियों पर ट्रैकिंग करना चाहते है तो आप सर्दी के मौसम में नवम्बर से जनवरी के बीच यहाँ की यात्रा कर सकते है।
आखिरी शब्द :-
तो दोस्तों कैसा लगा आपको आज का यह अगस्त्यमुनि रुद्रप्रयाग उत्तराखण्ड (Agastyamuni Rudraprayag Uttarakhand in Hindi) आर्टिकल, आशा करूंगा कि आपको आर्टिकल पसंद आया होगा, और दी गई जानकारी अच्छी लगी होगी, इस आर्टिकल में मैंने आपको अगस्तमुनि के बारे में पूरी जानकारी दी है, अगस्तमुनि के प्रसिद्ध मंदिर और धार्मिक मान्यता के बारे में हमने पूरी जानकारी देखी है, और साथ ही साथ अगस्त्यमुनि में रुकने की जगह और अगस्त्यमुनि जाने के रास्तों के बारे में भी वर्णन किया है, अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया है तो इसे अपने करीबी साथियों के साथ जरूर साझा करें, मिलते हैं किसी नए आर्टिकल में नई जानकारी के साथ।
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