हैल्लो दोस्तो, आज के चंद्रशिला केदारनाथ उत्तराखण्ड (Chandrashila Kedarnath Uttarakhand) आर्टिकल में हम चंद्रशिला नामक जगह के बारे में पूरी जानकारी लेंगे। चंद्रशिला उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है जहाँ लगभग हर पहाड़ मंदिर और झील पूजनीय है। यहां पर लगभग हर स्थल की धार्मिक मान्यता है इसीलिए उत्तराखंड को देवभूमि कहा गया है। यहां पर मैं आपको चंद्रशिला पहाड़ी पर स्थित मंदिर और घूमने के लिए ट्रैक का जिक्र करूंगा, साथ ही साथ यहां पर हम चंद्रशिला के इतिहास और धार्मिक मान्यता, चंद्रशिला कैसे पहुंचे?, चंद्रशिला में रुकने की जगह, चंद्रशिला आने का सबसे सही समय आदि की भी चर्चा करेंगे।
चंद्रशिला केदारनाथ उत्तराखण्ड – Chandrashila Kedarnath Uttarakhand – Chandrashila uttarakhand tourist places in hindi
केदारनाथ के लोकप्रिय स्थलों में से एक प्रमुख स्थल चंद्रशिला जो छोटे से गांव तुंगनाथ में स्थित है जो लगभग 2680 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह स्थान देवदार और सदाबहार जंगलों से घिरा हुआ एक शानदार स्थल है जिसकी एक सबसे ऊंची शिव मंदिर वाली चोटी है। चंद्रशिला जो समुद्र तल से 4000 मीटर ऊंचाई पर स्थित है। चंद्रशिला एक खड़ी चढ़ाई वाला स्थल है जहां से हिमालय की श्रृंखलाएं नंदा देवी, त्रिशूल, केदार चोटी और चौखंबा चोटियों जैसे क्षेत्रों का एक शानदार और अद्भुत दृश्य दिखाई देता है।
बर्फ से ढका हुआ यह इलाका बहुत ही खूबसूरत है। यहां पर प्रकृति आपको अपने चरम सुंदर रूप में दिखेगी। पहाड़ी की चढ़ाई चढ़ने पर नजारा बहुत मनोरम होता है। अगर आप भी इस नजारे का आनंद लेना चाहते हैं तो आप चंद्रशिला जाने की तैयारी शुरू कर सकते हैं। इस आर्टिकल में मैं आपको चंद्रशिला जाने के रास्ते और यहां पर रुकने की जगह के बारे में भी बताऊंगा।
आर्टिकल में आगे मैं आपको बताऊंगा कि चंद्रशिला मंदिर और पहाड़ी का चंद्रमा से क्या नाता है, यह बहुत ही रोचक आर्टिकल रहने वाला है, इसलिए इस आर्टिकल को आखिर तक जरूर देखिएगा, आइए दोस्तों आर्टिकल शुरू करते हैं।
चंद्रशिला ट्रैक, तुंगनाथ ट्रैक और चंद्रशिला मंदिर – Chandrashila Track, Tungnath Track and Chandrashila Temple
चंद्रशिला रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है। रुद्रप्रयाग जिले में ही चोपता गांव आता है, जिससे लगभग 4 किलोमीटर का ट्रैक पूरा करने पर तुंगनाथ महादेव नामक प्रसिद्ध मंदिर आता है, जोकि शिव भगवान का बहुत ही प्रसिद्ध मंदिर है, और हिंदू धर्म में विशिष्ट धार्मिक मान्यता रखता है। यह मंदिर पंच केदार मंदिरों में से एक भी है। जब आप तुंगनाथ महादेव मंदिर से लगभग 2 किलोमीटर ऊपर की यात्रा करते हैं तो आप चंद्रशिला पहाड़ी के शिखर तक पहुंच सकते हैं। यह ट्रैक बहुत ही खूबसूरत है और सालाना हजारों टूरिस्ट यहां पर आते रहते हैं। आपको बर्फ से ढके हुए रास्ते मिलेंगे और चारों तरफ मनोरम दृश्य देखने को मिलेगा।
समुद्र तल से इस पहाड़ी की ऊंचाई लगभग 4000 मीटर है, जिससे कि ऊपर चढ़ने पर आपको आसपास की छोटी पहाड़ियों का दृश्य भी खूबसूरत दिखाई देगा। आसपास से तुंगनाथ की बहुत सी पहाड़ियां है जिनमें से चंद्रशिला पहाड़ी सबसे ऊंची मानी जाती हैं। चद्रशिला ट्रैक में आपको तुंगनाथ महादेव का खूबसूरत मंदिर मिलता है। यह मंदिर लगभग केदारनाथ मंदिर के समान ही दिखेगा। इसके आसपास आपको भारी बर्फबारी मिलेगी। इस इलाके में रुकने के लिए कोई भी जगह नहीं है इसलिए ध्यान रखें कि आप चोपता गांव में रुक सकते हैं।
चंद्रशिला का इतिहास और धार्मिक महत्व – History and religious significance of Chandrashila
सतयुग में राजा दक्ष की पुत्री से चंद्रमा का विवाह हुआ था। जैसा कि आप जानते हैं राजा दक्ष की पुत्री सती का विवाह भगवान शिव से हुआ था। सती की लगभग 27 बहनों का विवाह चंद्रमा से हुआ था। लेकिन मान्यता है कि चंद्रमा का स्नेह राजा दक्ष की सबसे बड़ी पुत्री रोहिणी से था।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चंद्रमा की पत्नियों ने राजा दक्ष से इस बात की शिकायत की थी कि चंद्रमा का रोहिणी से विशेष लगाव है। राजा दक्ष ने चंद्रमा को श्राप के रूप में क्षय रोग दे दिया था। इस रोग से मुक्ति पाने और भगवान शिव की तपस्या करने के लिए चंद्रमा ने इसे पहाड़ी का चुनाव किया था। मान्यता है कि इस पहाड़ी के ऊपर जो मंदिर है इस स्थान पर चंद्रमा ने बैठकर भगवान शिव की बहुत समय तक तपस्या की थी जिससे कि भगवान शिव ने प्रसन्न होकर चंद्रमा को रोग मुक्त किया था।
चंद्रशिला और भगवान राम का नाता – Relationship between Chandrashila and Lord Rama
एक अन्य मान्यता के अनुसार भगवान राम ने रावण का वध किया था। लेकिन रावण शिव का प्रिय भगत था और एक ब्राह्मण भी था। इसलिए राम के ऊपर ब्राह्मण हत्या का घोर पाप चढ़ गया था। इस पाप से मुक्ति के लिए राम ने रामेश्वरम नामक जगह पर भगवान शिव की पूजा की थी और इसके बाद भगवान राम चंद्रशीला नामक इस पहाड़ी पर आए थे और बहुत समय तक भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए तपस्या की थी।
चंद्रशिला के पास अन्य पर्यटन स्थल – Kedarnath Tourist Places Near Chandrashila In Hindi
- वासुकी ताल
- केदारनाथ मन्दिर
- सोनप्रयाग
- त्रियुगी नारायण मंदिर
- भैरवनाथ मंदिर
- आदिगुरु शंकराचार्य समाधि
- चोराबाडी झील
- चंद्रशिला
- गौरीकुंड
- रूद्र गुफा
चंद्रशिला कैसे पहुंचे? – How To Reach Chandrashila Kedarnath In Hindi
अगर चंद्रशिला आने के रास्तों के बारे में बात करूं तो यहां पर सबसे करीबी गांव चौपता नामक गांव है। चोपता नामक गांव में आने के लिए आपको उखीमठ में आना होगा। आप ऋषिकेश ट्रेन के माध्यम से आ सकते हैं, व इसके बाद आप उखीमठ आ जाइए। उखीमठ से आप चोपता नामक गांव में आ सकते हैं। ध्यान रखिए कि आप चोपता गांव में आने के लिए गूगल मैप की सहायता ना लीजिए। ऋषिकेश भारत के सभी बड़े शहरो से बस, ट्रेन और हवाई मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुवा है।
यह आपको किसी और चोपता गांव में पहुंचा सकता है, आप बस की सहायता ले सकते हैं, या लोकल लोगों से पूछ सकते हैं। चोपता गांव में आने के बाद आप चंद्रशिला ट्रैक की यात्रा के लिए निकल सकते है। आप Amazon से किफायती कीमत पर फ्लाइट और ट्रेन की टिकट बुक कर सकते है।
चंद्रशिला में रुकने की जगह – Where to stay in Chandrashila Kedarnath In Hindi
चंद्रशिला और चंद्रशिला ट्रैकिंग को किसी भी प्रकार की कोई रुकने की व्यवस्था नहीं मिलेगी। आप रोकने के लिए चोपता गांव में होटल ले सकते हैं। यहां पर आपको होटल और कई लोकल रेजिडेंशियल प्लेस मिल जाएंगे। जहां पर आप आसानी से रुक सकते हैं इसके अलावा भी आपको आसपास है कई गांव में लेंगे जहां पर आप आसानी से होटल ले सकते हैं।
ध्यान रखिए कि आप अपने होटल से निकलने के बाद एक दिन में ही वापस आ जाइए क्योंकि आपको चंद्रशिला ट्रैक पर किसी भी प्रकार की कोई सुविधा नहीं मिलती है आपको बिना किसी सहायता से जाना होगा और फिर उसी दिन वापस आना होगा।
चंद्रशिला आने का सबसे सही समय – Best time to visit Chandrashila Kedarnath In Hindi
वैसे तो आप चंद्रशिला आने के लिए मई से नवंबर के बीच के समय का चुनाव कर सकते हैं क्योंकि इस समय केदारनाथ मंदिर के कपाट खुले रहते हैं। आप यहां भी दर्शन कर पाएंगे। लेकिन अगर आप चंद्रशिला में बर्फ का आनंद लेना चाहते हैं, तो इसके लिए आप सर्दियों के मौसम में आ सकते हैं। यहां पर बहुत ज्यादा बर्फबारी होती है इसलिए ध्यान रखिए कि आपको गर्म कपड़े साथ लेकर आना चाहिए और ट्रैकिंग जूते भी होने चाहिए। इसके अलावा आप अपनी सुविधा के लिए साजो सामान साथ में ले सकते हैं।
चंद्रशिला क्यों प्रसिद्ध है?
चंद्रशिला अपने अद्भुत प्रकिर्तिक दृश्यों के साथ अपने पौराणिक मान्यता के लिए काफी प्रसिद्ध है। मान्यता है की चंद्र देव ने इसी पहाड़ी पर आकर भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए घोर तप किया था। अन्य मान्यतानुसार भगवान राम ने रावण के वध के बाद यहाँ आकर साधना की थी।
चंद्रशिला और तुंगनाथ क्या एक ही है?
समुद्र तल से 4000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित चंद्रशिला तुंगनाथ का ऊपरी शिखर है। चंद्रशिला और तुंगनाथ दोनों एक ही पहाड़ी पर स्थित है।
चंद्रशिला ट्रेक कितने दिन का है?
समुद्र तल से चंद्रशिला पहाड़ी की ऊंचाई लगभग 4000 मीटर है जिससे कि ऊपर चढ़ने पर आपको आसपास की छोटी पहाड़ियों का दृश्य भी खूबसूरत दिखाई देगा। आप इस खूबसूरत चंद्रशिला ट्रेक को एक या दो दिन में आराम से पूरा कर सकते है।
आखिरी शब्द:-
तो दोस्तों कैसा लगा आपको आज का चंद्रशिला केदारनाथ उत्तराखण्ड (Chandrashila Kedarnath Uttarakhand) यह आर्टिकल? इस आर्टिकल में हमने चंद्रशिला के बारे में पूरी जानकारी ली है। यहां पर मैंने आपको चंद्रशिला ट्रैक, यहाँ के प्रसिद्ध तुंगनाथ महादेव के मंदिर और चंद्रशिला से चंद्रमा के नाते के बारे में भी पूरी जानकारी दी है। इसी के साथ-साथ मैंने आपको चंद्रशिला में रुकने के स्थान और यहां पर जाने के रास्तों के बारे में भी बताया है। अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया है तो इसे अपने करीबी साथियों के साथ साँझा करना बिल्कुल भी ना भूले। मिलते हैं किसी नए आर्टिकल में नई जानकारी के साथ।
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