Dwarahat Ranikhet in hindi : द्वाराहाट अल्मोड़ा जिले के रानीखेत में स्थित उत्तराखंड राज्य का सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है जो चारो तरफ से हरे भरे जंगलो और पहाड़ो से घिरा होने के कारण एक अद्भुत प्रकिर्तिक नजारा प्रस्तुत करता है। रानीखेत का नाम सुनते ही लोगो के मन में नैसर्गिक शान्तिपूर्ण स्थान के साथ साथ खुबानी, देवदार, सेबों के बगीचों और बलूत के पेड़ो से घिरा हुआ रमणीक हिल स्टेशन और बहुत से पर्यटक आकर्षक स्थानों की याद आ जाती है। द्वाराहाट Uttarakhand Tourism के साथ साथ हिल स्टेशन रानीखेत में घूमने की सूची में एक विशेष स्थान रखता है।
द्वाराहाट में पर्यटक भारी संख्या में पिकनिक मानाने और ट्रैकिंग जैसी रोमांचक गतिविधियों का आनन्द लेने आते है। अगर आप भी यहाँ घूमने का प्लान बना रहे है तो आइए जानते है द्वाराहाट कहां स्थित है?, द्वाराहाट घूमने कब जाना चाहिए? द्वाराहाट कैसे पहुंचे? द्वाराहाट के प्राचीन मंदिर, द्वाराहाट का इतिहास, द्वाराहाट भ्रमण के लिए टिप्स, द्वाराहाट में पर्यटकों के लिए गतिविधियाँ, द्वाराहाट के पास रानीखेत में घूमने की जगह, के साथ साथ द्वाराहाट के बारे में अन्य जानकारी –
द्वाराहाट रानीखेत उत्तराखंड – द्वाराहाट हिल स्टेशन – Dwarahat Ranikhet in hindi – Ranikhet Best Tourist Places Dwarahat
हरी-भरी आकर्षक वादियों के बीच में बसा यह स्थल द्वाराहाट, प्रमुख पर्यटन स्थल होने के साथ-साथ ही खुद में एक पुरातात्विक महत्व भी रखता है। यहां पर स्थापित लगभग 65 मंदिरों में आपको स्थापत्य कला का अद्भुत दर्शन होगा। यहां से हिमालय का मनोरम दृश्य भी एक अलग ही आनंद प्रदान करता है। यहां की स्थापत्य कला,और पहाड़ियों के दर्शन सैलानियों को अपनी ओर खींच लाते हैं। द्वाराहाट का शाब्दिक अर्थ स्थानीय भाषा में “स्वर्ग का रास्ता” है जो अपने नाम को चरितार्थ भी करता है।
उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में कुमाऊ की पहाड़ियों में स्थित द्वाराहाट नामक जगह रानीखेत की प्रसिद्ध प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर एक हिल स्टेशन भी है। द्वाराहाट में लगभग 55 प्राचीन मंदिर स्थित है जिस वजह से इसे “मन्दिरों का शहर” भी कहा जाता है। प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ द्वाराहाट नामक जगह धार्मिक मान्यता के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां पर प्रसिद्ध 3 वर्ग के मंदिर स्थित है और इसी के साथ-साथ यहां पर महावतार बाबाजी गुफा भी स्थित है। जिसको उत्तराखंड की प्रसिद्ध गुफाओं में शामिल किया गया है।
यहां पर स्थित 3 वर्ग के मंदिर कचहरी, मनिया और रत्नदेव है। इसके अलावा भी द्वाराहाट में कई मशहूर धार्मिक जगह हैं जिनके नाम कुछ इस प्रकार है। गूजरदेव, मृत्युंजय, विभांडेश्वर और दूनागिरी, यह सभी धार्मिक जगह काफी प्रसिद्ध है। सालाना हजारों लोग यहां पर घूमने और अपने इष्ट देव की पूजा के लिए आते हैं। द्वाराहाट धार्मिक यात्रा के लिए भी प्रसिद्ध है। उत्तराखंड में जाने वाले ज्यादातर धार्मिक यात्री द्वाराहाट नामक इस जगह पर आकर पूजा-पाठ करते हैं। नवरात्री, बसन्त पंचमी और मकरसंक्रांति जैसे अन्य त्योहारों को यहाँ बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है।
द्वाराहाट रानीखेत से लगभग 36 किलोमीटर दूर पूर्वोत्तर में स्थित है। यह जगह रानीखेत से लोकल सड़कों की सहायता से कनेक्ट होती है। आप चाहे तो टैक्सी या बस की सहायता लेकर आसानी से रानीखेत से द्वाराहाट आ सकते हैं। यह दूरी लगभग एक से डेढ़ घंटे की है। खराब मौसम में अधिक समय भी लग सकता है।
द्वाराहाट के प्राचीन मंदिर – Ancient Temples of Dwarahat in hindi
द्वाराहाट अपने प्राचीन मंदिरों के लिए जाना जाता है, यहां के प्राचीन मंदिर 11वीं से 12वीं शताब्दी के माने जाते हैं। इन प्राचीन मंदिरों में दूनागिरी कत्यूरी और मृत्युंजय मंदिर शामिल है। अगर आप द्वाराहाट में आ रहे हैं तो आपको यहां के प्राचीन मंदिरों में जरूर आना चाहिए। द्वाराहाट के यह सभी मंदिर बेहद खूबसूरत है और बेहतरीन वास्तुकला में निर्मित है। हर एक मंदिर यहां की परंपरा और इतिहास दिखा रहा है।
द्वाराहाट का इतिहास – History of Dwarahat in hindi
इतिहास में द्वाराहाट कत्यूरी साम्राज्य की राजधानी होता था। मध्यकाल में इस जगह पर कत्यूरी साम्राज्य का शासन चलता था। जब आप द्वाराहाट में आएंगे तो यहां के समृद्ध इतिहास को महसूस कर सकते हैं। यहां पर कई पुरातत्व जगह भी है जहां पर आप टहल सकते हैं और पुरानी मूर्तियों और पुराने खंडहरों को देख सकते हैं। यह सभी कत्यूरी और उससे पहले के साम्राज्य के अंश है।
द्वाराहाट भ्रमण के लिए टिप्स – Tips to visit Dwarahat in hindi
- द्वाराहाट जाने से पहले वहाँ के मौसम की ताजा जानकारी जरूर लेलें और उसी हिसाब से अपने सामान की पैकिंग करे।
- बरसात के मौसम में भरी बारिश के कारण यहाँ भूस्खलन ज्यादा होते है और मार्ग अवरुद्ध हो जाते है।
- द्वाराहाट आने से पहले होटल जरूर बुक करलें जिससे बाद में होने वाली असुभिधा से बचा जा सके।
- द्वाराहाट में एक आश्रम के अलावा रुकने के ज्यादा स्थान नहीं है इसलिय आपको रानीखेत में ही रुकना होगा।
- यदि आप सर्दियों के मौसम में जा रहे है तो खूब सारे गर्म कपडे ले जाना न भूले।
द्वाराहाट में पर्यटकों के लिए गतिविधियाँ – Activities for tourists in Dwarahat in hindi
द्वाराहाट में सालाना हजारों पर्यटक घूमने के लिए आते हैं। द्वाराहाट पर्यटकों के लिए काफी बेहतरीन है। यहां पर आपको ट्रैकिंग अपॉर्चुनिटी भी मिलती है। आप चाहे तो इस स्थान पर ट्रैकिंग कर सकते हैं। यहां पर आपको कई जगह मिलेगी पताल रुद्रेश्वर मंदिर और दूनागिरी मंदिर ट्रैकिंग करने वाले लोगों के लिए बेहतरीन जगह हैं। आप यहां तक ट्रैकिंग करके पहुंच सकते हैं और रोमांचकारी अनुभव के साक्षी हो सकते हैं।
द्वाराहाट में आप यहां के त्योहारों में भी शामिल हो सकते हैं। आप यहां के लोकल कल्चर को महसूस कर सकते हैं और परंपरागत रहन-सहन को देख सकते हैं। यहां पर त्योहारों के महीनों में मंदिरों में बहुत से उत्सव मनाए जाते हैं। यहां का बधन देवी मेला सबसे अधिक प्रसिद्ध है। आसपास के इलाकों से लोग माता की पूजा करने के लिए खास दिन इकट्ठा होते हैं।
द्वाराहाट के पास रानीखेत में घूमने की जगह – Ranikhet Tourist Places Near Dwarahat In Hindi
- चौबटिया गार्डन
- गोल्फ ग्राउंड
- रानी झील
- कुमाऊँ रेजिमेंटल सेंटर
- शीतलाखेत
- झूला देवी मंदिर
- आशियाना पार्क
- दूनागिरी मन्दिर
- बिन्सर महादेव मंदिर
- भालू बांध
- मझखली
द्वाराहाट जाने के लिए आदर्श समय – Best Time To Visit Dwarahat Ranikhet In Hindi?
पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण यहां वर्ष भर पर्यटक आते रहते हैं। पर यहां पर हर चीजों का आप आंनद उठाना चाहते हैं तो आपके लिए,मार्च से जुलाई का समय सबसे अच्छा समय होता है। लेकिन यदि आप बर्फ से ढकी पहाड़िया देखने और बर्फबारी देखने जाना चाहते हैं तो आपको दिसंबर से लेकर फरवरी तक का मौसम सबसे अच्छा होता है। गर्मियों के मौसम में जब देश के ज्यादातर हिस्सों में भीषण गर्मी पड़ती है तब यहाँ का मौसम काफी खुशनुमा रहता है। मानसून के मौसम में भारी बारिश के कारण यहाँ हिमस्खलन और नदिया का जलस्तर काफी बढ़ जाता है इसलिय जुलाई से लेकर अगस्त तक यहाँ घूमने से बचना चाहिए।
द्वाराहाट कैसे पहुंचे? – How To Reach Dwarahat Ranikhet In Hindi
हवाई मार्ग द्वारा –
यदि आप यहां वायु मार्ग द्वारा द्वाराहाट आना चाहते हैं तो हम आपको बता दे की द्वाराहाट रानीखेत में हवाई अड्डा 119 किलोमीटर की दूरी पंतनगर में स्थित है। जो दिल्ली, बैंगलोर, मुंबई जैसे देश के सभी प्रमुख राज्यों से जुड़ा है। आप Amazon से किफायती कीमत पर फ्लाइट की टिकट बुक कर सकते है।
रेल मार्ग द्वारा –
रेल मार्ग द्वाराहाट रानीखेत को सीधे नहीं जोड़ता पर यहां पर रानीखेत के सबसे पास का स्टेशन काठगोदाम रेलवे स्टेशन है जो मात्र 44 किलोमीटर दूर है। यहां से आपको द्वाराहाट रानीखेत के लिए आराम से टैक्सी मिल जाती है। आप दिल्ली से भी सीधे काठगोदाम रेलवे स्टेशन आप आसानी से पहुंच सकते हैं।
सड़क मार्ग द्वारा –
सड़क मार्ग के द्वारा द्वाराहाट रानीखेत पहुंचना बहुत ही आसान और अच्छा विकल्प है। प्रकिर्तिक सुंदरता और हरे भरे पहाड़ो के बीच से गुजरते राष्ट्रीय राजमार्ग 9 से आप द्वाराहाट रानीखेत आसानी से यहां पहुंच सकते हैं। रानीखेत के साथ साथ हरिद्वार, ऋषिकेश, देहरादून, नैनीताल, मसूरी, रूद्रपुर, रामनगर और हल्द्वानी जाने के लिए दिल्ली लखनऊ जैसे प्रमुख शहरों से सीधा बस आपको मिल जाएगी। बाइक और कार से रानीखेत जाना बहुत आसान है आप दिल्ली से हाइवे पकड़ सकते हैं और सीधा द्वाराहाट आप जा सकते हैं और अपने मन के अनुसार रास्ते का इंज्वॉय कर सकते हैं।
रानीखेत में बर्फबारी कब होती है?
रानीखेत में पहली बर्फबारी रानीखेत में लगभग दिसंबर माह में होती है। दिसंबर से लेकर फरवरी तक यहां पर्यटक स्नोफॉल और बर्फ से ढकी पहाड़ियों का आनंद ले सकते हैं। सर्दियों में यहां का तापमान 0 डिग्री तक हो जाता है और उस समय चारों तरफ से पहाड़ों को घेरे हुए धुंध बहुत ही खूबसूरत दिखती है जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है।
रानीखेत घूमने के लिए कितने दिन पर्याप्त हैं?
दो दिन और एक रात रुककर आप रानीखेत के साथ द्वाराहाट के खूबसूरत नजरो का आनंद लेने के लिए पर्याप्त है। अगर आप प्रकृति के अद्भुत दृश्यों से भरपूर रानीखेत के आसपास के टूरिस्ट प्लेसो का विजिट करना चाहते हैं तो आपको कम से कम 2 दिन की आवश्यकता और होगी।
आशा करता हूँ द्वाराहाट रानीखेत उत्तराखंड (Dwarahat Ranikhet In Hindi) के विषय में इस पोस्ट के माध्यम से जो जानकारी दी गई है वो आपको अच्छी लगी होगी। आप अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से इस पोस्ट को साझा करे। द्वाराहाट रानीखेत या उत्तराखण्ड के और किसी भी पर्यटन स्थल के बारे में कुछ भी जानकारी चाहिए या मेरी इस पोस्ट में आपको कुछ गलती दिखे तो कृपया कमेंट जरूर करें। – धन्यबाद
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