Top5] बद्रीनाथ मंदिर पर्यटन की सम्पूर्ण जानकारी – Famous Badrinath Temple Uttarakhand In Hindi

Famous Badrinath Temple Uttarakhand In Hindi : सृष्टि का आठवां वैकुंठ और देवभूमि कहा जाने वाला एक पवित्र शहर बद्रीनाथ जो उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में स्थित है। बद्रीनाथ मंदिर प्रसिद्ध चार धामों में से एक प्रमुख धाम है। हिंदुओं के लिए एक पवित्र तीर्थ स्थल है जिसे हिंदू शास्त्रों में बद्री का आश्रम के नाम से भी संबोधित किया गया है। यह स्थल बद्रीनाथ मंदिर के लिए प्रसिद्ध है अपने आकर्षण और प्राकृतिक सुंदरता के कारण यहां का रमणीय और आकर्षक दृश्य पर्यटकों और दर्शनार्थियों को अपनी और आकर्षित करता है।

हिंदू मान्यताओं के अनुसार यहां पर एक बार दर्शन के लिए इस पवित्र स्थान पर अवश्य जाना चाहिए। इस मंदिर का निर्माण काल 8वीं शताब्दी का माना जाता है। नर और नारायण नाम की दो पर्वत श्रृंखलाओं के बीच में यह सुंदर स्थान है। अलकनंदा नदी के किनारे पर स्थित यह भव्य मंदिर तथा इसका मुख्य रंगीन द्वार बाहर से एक आकर्षक दृश्य प्रस्तुत करता है।

Famous Badrinath Temple Uttarakhand In Hindi
Famous Badrinath Temple Uttarakhand In Hindi

बद्रीनाथ मंदिर वर्ष में नवंबर से अप्रैल तक 6 महीने के लिए बंद रहता है। वैष्णव उपासको के लिए यह स्थान सर्वोच्च तीर्थ स्थानों में से एक है। बद्रीनाथ धाम में बद्रीनाथ मंदिर के आसपास बेहद ही खूबसूरत और आकर्षक पर्यटन स्थल स्थित है यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है। इस मंदिर के नाम पर इसके आसपास बसे इस शहर को बद्रीनाथ के नाम से जाना जाता है।

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बद्रीनाथ मंदिर पर्यटन की सम्पूर्ण जानकारी – Famous Badrinath Temple Uttarakhand In Hindi

नमस्कार दोस्तोंFamous Badrinath Temple Uttarakhand In Hindi में आपका स्वागत है। आज इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको बद्रीनाथ मंदिर पर्यटन की सम्पूर्ण जानकारी की जानकारी साझा करेंगे। हिन्दुओ के लिए प्रमुख तीर्थ भगवान विष्णु को समर्पित बद्रीनाथ मंदिर चार धामों में एक है। नारायण पर्वत श्रृंखलाओं के बीच बसे इस मंदिर की आश्चर्यजनक प्राकृतिक सुंदरता पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करती है। तो आइए जानते है बद्रीनाथ मंदिर के कुछ रोचक जानकारी –

बद्रीनाथ मंदिर की स्थापत्य शैली – Architectural Style of Badrinath Temple In Hindi

प्रसिद्ध और पवित्र बद्रीनाथ मंदिर अलकनंदा नदी से लगभग 50 मीटर की ऊंचाई पर निर्मित है। इस मंदिर का निर्माण तीन खंडों में हुआ है जिसका प्रवेश द्वार नदी की ओर है। मंदिर में गर्भगृह, दर्शन मंडप और सभा मंडप हैं। इस मंदिर में धनुष आकार की खिड़कियां लगी हुई है तथा यहां पहुंचने के लिए प्रवेश द्वार तक पहुंचने के लिए 24 सीढ़ियां बनी हुई है। इस मंदिर का मुख पत्थर से बना हुआ है जिस कारण इसे सिंह द्वार कहा जाता है।

सिंह द्वार धनुष आकार का एक लंबा द्वार है जिसके सिर पर 3 कलश लगे हुए हैं। इस मंदिर के छत में मध्य में एक बड़ी घंटी लगी हुई है। इस प्रवेश द्वार से प्रवेश करते ही अंदर आप मंडप में प्रवेश कर जाते हैं। जटिल और आकर्षक नक्काशी की गई दीवारों तथा खूबसूरत स्तंभों से सजे हाल के अंदर से गुजरते हुए गर्भ ग्रह में प्रवेश किया जाता है। इस हाल की दीवारें तथा स्तंभों को बेहद ही आकर्षक कारीगरी से सजाया गया है।

बद्रीनाथ मंदिर पर्यटन की सम्पूर्ण जानकारी
बद्रीनाथ मंदिर पर्यटन की सम्पूर्ण जानकारी

गर्भ ग्रह की छत शंकु का आकार की है जो लगभग 15 मीटर ऊंचा है। गर्भ ग्रह में स्थित प्रतिमा में भगवान के चार हाथ हैं जिसमें भगवान विष्णु योग मुद्रा में एक हाथ में चक्र और दूजे में शंख लेकर बैठे हुए है। गर्भ ग्रह में अन्य देवताओं की मूर्तियां भी स्थित है जिसमे माता लक्ष्मी, गरुण, नवदुर्गा, कुबेर, देवर्षि नारद, संत तथा शंकराचार्य की मूर्तियां भी स्थापित है।

बद्रीनाथ का इतिहास – History of Badrinath Temple In Hindi

बद्रीनाथ मंदिर जिसे बद्री नारायण मंदिर के नाम से भी जाना जाता है जो अलकनंदा नदी के तट पर बसा एक हिंदू उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है। भगवान विष्णु को समर्पित यह मंदिर हिंदू धर्म के पवित्र चार धामों में से एक प्रमुख स्थान रखने वाला प्रमुख धाम है। बद्रीनाथ मंदिर का निर्माण काल 7वीं या 8वीं सदी का माना जाता है। यह पवित्र स्थान हिमालय पर्वत श्रृंखलाओं के ऊंचे शिखरों के बीच बसा हुआ है। सर्दियों के समय में भारी हिमपात की वजह से इस मंदिर को 6 महीनों के लिए बंद कर दिया जाता है।

Badrinath Temple

यह स्थान समुद्र तल से लगभग 3133 मीटर ऊंचाई पर स्थित है। इस मंदिर में भगवान विष्णु की रूप बद्री नारायण की पूजा की जाती है। यहां पर स्थापित मूर्ति की लंबाई लगभग 1 मीटर की है। मान्यता है कि इस मंदिर में स्थापित मूर्ति स्वयं प्रकट हुई थी जो भगवान विष्णु के 8 स्वयं प्रकट हुई मूर्तियों में से एक है। यह मंदिर उत्तर भारत में स्थित है लेकिन यहां पर पूजा करने वाले मुख्य पुजारी दक्षिण भारत के एक प्रमुख संप्रदाय के ब्राह्मण होते हैं जिन्हें नंबूदरी संप्रदाय कहते हैं।

यहां पर हिमस्खलन होने के कारण मंदिर की कई बार क्षति होने के कारण इसका नवीनीकरण भी बार बार हो चुका है। गढ़वाल की 16वीं शताब्दी के राजा के द्वारा मंदिर का विस्तार किया गया तथा मंदिर में मूर्ति को स्थापित किया गया तथा इंदौर की महारानी अहिल्याबाई बाई ने इस मंदिर में कलश की छतरी चढ़ाई थी जो सोने का बना हुआ था। 1803 में आए भूकंप के कारण इस मंदिर में भारी नुकसान हुआ था तथा उसके पश्चात जयपुर के राजा के द्वारा इसका पुनर्निर्माण करवाया गया था। काफी लंबे समय तक इस मंदिर का निर्माण कार्य चला तथा प्रथम विश्व युद्ध के समय तक यह मंदिर बन चुका था।

पौराणिक कथा अनुसार बद्रीनाथ मंदिर की मन्यता – Recognition Of Badrinath Temple According To legend In Hindi

प्रसिद्ध लोक कथाओं तथा पौराणिक कथाओं के अनुसार बद्रीनाथ के आसपास का पूरा क्षेत्र भगवान शिव की भूमि जिसे केदारखंड के नाम से जाना जाता था। कहते हैं गंगा जी जब यहां धरती पर अवतरित हुई तो वह 12 धाराओं में बंट गई थी जिनमें से एक धारा अलकनंदा के नाम से विख्यात हुई। भगवान विष्णु ने अपने ध्यान योग के लिए इस स्थान पर नीलकंठ पर्वत के पास बाल रूप में अवतरित हुए। भगवान विष्णु के उस बालरूप के रोने को सुनकर माता पार्वती उस बालक के पास पहुंची तो बालक ने अपने ध्यान योग के लिए उस स्थान को उनसे मांग लिया था।

Hills Of Badrinath Temple

एक अन्य कथा अनुसार जो विष्णु पुराण से संबंधित है जिसके अनुसार धर्म के दो पुत्रों ने धर्म के विस्तार हेतु यहां पर कई वर्षों तक तपस्या की थी जिनका नाम नर तथा नारायण था। कहा जाता है कि व्यास जी ने इसी स्थान पर महाभारत की रचना की थी तथा नर, नारायण ने ही अगले जन्म में कृष्ण तथा अर्जुन के रूप में जन्म लिया था। महाभारत काल के मान्यता अनुसार पांडवों ने अपने पितरों का यहां पर पिंडदान किया था। जिस कारण से बद्रीनाथ के ब्रह्म कपाल में आज भी तीर्थ यात्री अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान करने के लिए इस स्थान पर आते रहते हैं।

बद्रीनाथ के पास के कुछ प्रमुख पर्यटन स्थल – Some major tourist places near Badrinath Temple

बद्रीनाथ एक बेहद लोकप्रिय और प्रमुख पर्यटन स्थल है यहां पर आइए जानते हैं इसके आसपास के कुछ अन्य प्रमुख पर्यटन स्थलों के बारे में –

  • चरण पादुका – भगवान विष्णु के दिव्य पैर के निसान
  • व्यास गुफा – भगवान गणेश और ऋषि व्यास ने यही महाभारत की रचना की थी
  • नारद कुंडी – आध्यात्मिक रूप से शुभ पवित्र गर्म पानी का झरना 
  • नीलकंठ चोटी
  • वसुधारा फॉल्स
  • ब्रह्मा कपाल
  • भीम पुल
  • माणा गांव
  • पांडुकेश्वर
  • विष्णुप्रयाग
  • शेष नेत्र
  • तप्त कुंड
  • जोशीमठ
Vishnu Pryag In Badrinath Temple

बद्रीनाथ जाने के लिए सबसे अच्छा समय – Best time to visit Badrinath Temple In Hindi

बद्रीनाथ हिमालय की ऊंची पहाड़ों के बीच में बसा है एक खूबसूरत पर्यटन स्थल तथा एक लोकप्रिय तीर्थस्थल है। जहां पर सर्दियों के मौसम में बेहद ही बर्फबारी की वजह से यहां के यात्रा काफी कठिनाई होती है। सर्दियों में मंदिर को 6 महीने के लिए बंद भी कर दिया जाता है। बद्रीनाथ की यात्रा लिए सबसे अच्छा समय गर्मी के समय में मई तथा जून का समय होता है। इस समय में यहां का तापमान लगभग 18 डिग्री सेल्सियस के आसपास का होता है जो काफी अच्छा समय और बहुत ही सुहावना मौसम होता है।

मानसून के बाद भी सितंबर से अक्टूबर के बीच का समय यहां आने के लिए एक अच्छा समय होता है। जिस समय में बद्री नाथ की यात्रा का लुत्फ उठा सकते हैं। लेकिन यदि आप यहां की यात्रा का आनंद लेना चाहते हैं तो गर्मी पर समय में यहां पर आकर आप यहां की खूबसूरती और शानदार मौसम का आनंद ले सकते हैं।

बद्रीनाथ कैसे पहुंचे – How To Reach Badrinath Temple In Hindi

यदि आप बद्रीनाथ के पर्यटन तथा यहां की यात्रा का प्लान बना रहे हैं तो यहां के मार्गों के बारे में भी जानना आवश्यक है। तो आइए जानते हैं हमारे इस लेख के माध्यम से बद्रीनाथ पहुंचने के लिए इन मार्गों के बारे में। चार धामों में प्रमुख और भारत का लोकप्रिय पर्यटन स्थल होने के कारण आप बद्रीनाथ पहुंचने के लिए आप अपनी सुविधा के अनुसार तीनों मार्ग में से किसी भी मार्गों का चयन करके आसानी से यहां पहुंच सकते हैं।

हवाई मार्ग द्वारा बद्रीनाथ कैसे पहुंचे – How To Reach Badrinath Temple By Flight In Hindi

यदि आप बद्रीनाथ आने के लिए हवाई मार्ग का चुनाव करते हैं तो आपको जानना आवश्यक है कि बद्रीनाथ में जौलीग्रांट हवाई अड्डा यहां का सबसे निकटतम हवाई अड्डा है जो बद्रीनाथ से लगभग 315 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है जहां से बद्रीनाथ पहुंचने के लिए आपको आसानी से टैक्सी तथा प्राइवेट साधनों की सुविधा उपलब्ध हो जाती है। जिसके द्वारा आप आसानी से बद्रीनाथ पांच सकते हैं तथा यहां के पर्यटन का लुत्फ उठा सकते हैं।

रेल मार्ग द्वारा बद्रीनाथ कैसे पहुंचे – How To Reach Badrinath Temple By Train In Hindi

बद्रीनाथ के पर्यटन के लिए यदि आप रेल मार्ग का चुनाव करते हैं तो बता दे कि यहां के सबसे पास का रेलवे स्टेशन ऋषिकेश रेलवे स्टेशन है जो बद्रीनाथ से लगभग 295 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह रेलवे स्टेशन भारत के लगभग सभी प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। जहां आप आसानी से पहुंच सकते हैं तथा यहां पहुंचने के बाद आप प्राइवेट साधनों के द्वारा तथा बस या टैक्सी लेकर बद्रीनाथ के लिए आसानी से पहुंच सकते हैं।

सड़क मार्ग द्वारा बद्रीनाथ कैसे पहुंचे – How To Reach Badrinath Temple By Road In Hindi

सड़क मार्ग द्वारा बद्रीनाथ बहुत ही अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है भारत के लगभग सभी प्रमुख शहरों से यहां पर अच्छी तरह से जुड़ा होने के कारण बस के द्वारा या अपने किसी प्राइवेट साधन के द्वारा आप यहां पर आसानी से पहुंच सकते हैं। यदि आप सफर का आनंद लेना चाहते हैं तो सड़क मार्ग आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है। जिससे आप यहां के सफर के दौरान प्राकृतिक वातावरण तथा शानदार दृश्य को देखते हुए तथा अन्य आकर्षक स्थलों का आनंद लेते हुए यहां पर आसानी से पहुंच सकते हैं। दिल्ली और उत्तराखंड के सभी शहरों से बद्रीनाथ के लिए अच्छी और सस्ती बसे रेड बस के माध्यम से भी उपलभ्ध है।

बद्रीनाथ क्यू प्रसिद्ध है?

बद्रीनाथ भगवान विष्णु को समर्पित बद्रीनाथ मंदिर के लिए एक तीर्थस्थल के लिए प्रसिद्ध है। चार मंदिर शहरों में सुमार बद्रीनाथ बर्फ से ढके चोटियों और अद्भुत प्रकिर्तिक सुंदरता के शानदार दृश्य के लिए भी प्रसिद्ध है।

बद्रीनाथ घूमने के लिए कितने दिन पर्याप्त है?

बद्रीनाथ घूमने के लिए 3-4 दिन पर्याप्त हैं लेकिन यदि आप बद्रीनाथ के आस पास के और पर्यटन स्थलों को घूमना चाहते है तो आपको एक हफ्ते का भी समय लग सकता है।

बद्रीनाथ में मौसम कैसा रहता है?

बद्रीनाथ का मौसम गर्मियों में घूमने के लिए पर्यटन के अनुकूल 7 से 18 डिग्री सेल्सियस तक रहता है लेकिन पहाड़ी छेत्र होने के कारण सर्दियों के मौसम में -1 से -18 डिग्री सेल्सियस हो जाता है।

बद्रीनाथ में देखने के लिए कौन सी जगह सबसे अच्छीहैं?

बद्रीनाथ में देखने के लिए बद्रीनाथ मंदिर, वसुधारा जलप्रपात, माना गांव और नीलकंठ चोटी, विष्णुप्रयाग, जोशीमठ, तप्त कुंड, भीम पुल, व्यास गुफा जैसे बहुत से स्थान है जिनकी खूबसूरती आपको मंत्मुघ्द कर देगी।

निष्कर्ष –

बद्रीनाथ मंदिर, नीलकंठ चोटी, वसुधारा जलप्रपात, माना गांव जैसे आध्यत्म और प्रकिर्तिक सौंदर्य से परिपूर्ण बद्रीनाथ उत्तराखंड ही नहीं भारत का एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल और पर्यटन स्थल है। आज हमने जाना बद्रीनाथ मंदिर पर्यटन की सम्पूर्ण जानकारी – Famous Badrinath Temple Uttarakhand In Hindi के बारे में जहाँ आप अपने घरवालो और दोस्तो के साथ क्वालिटी टाइम स्पेंड कर सकते है। इस पोस्ट की जानकारी कैसी लगी कृपया कमेंट करे। धन्यवाद

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