नमस्कार दोस्तों आज हम इस पोस्ट में आपको उत्तराखण्ड राज्य में स्थित प्रसिद्ध धाम गंगोत्री धाम के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देने वाले है। यदि आप गंगोत्री मंदिर, गंगोत्री धाम के इतिहास आदि के बारे में जानना चाहते है तो Famous Gangotri Dham Uttarakhand पोस्ट को पूरा जरुर पढ़े।
गंगोत्री धाम पर्यटन की सम्पूर्ण जानकारी – Famous Gangotri Dham Uttarakhand In Hindi
Famous Gangotri Dham Uttarakhand In Hindi : उत्तराखण्ड राज्य के प्रसिद्ध उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगोत्री एक लोकप्रिय और पवित्र तीर्थ स्थल है। बेहद ही मनोरम और आकर्षक हिमालय पर्वत मालाओं के बीच स्थित गंगोत्री धाम एक स्वर्गीय सी अनुभूति प्रदान करता है। गंगोत्री धाम समुद्र तल से लगभग 3750 मीटर ऊंचाई पर स्थित है जो छोटे चार धामों में से एक प्रमुख धाम है।
एक पवित्र और प्रसिद्ध लोकप्रिय तीर्थ स्थल होने के साथ-साथ गंगोत्री धाम एक बेहद ही मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है जो यहां आने वाले तीर्थ यात्रियों को एक अद्भुत और अप्रतिम आनंद की अनुभूति प्रदान करता है। सफेद बर्फ से आच्छादित पहाड़, ग्लेशियर, अल्पाइन झाड़ियां, हरे-भरे घास के मैदान तथा चट्टाने इस स्थान को बेहद ही आकर्षक रूप प्रदान करती हैं। गंगोत्री छोटे चार धाम में से एक प्रमुख धाम होने के साथ-साथ अपने प्राचीन मंदिर एवं धार्मिक आस्था के लिए विश्व प्रसिद्ध है।
गंगोत्री से ही पवित्र नदी गंगा जी का उत्पत्ति स्थल माना जाता है हिमालय में स्थित ग्लेशियर से इस विशाल और पवित्र नदी का उद्गम माना जाता है। यहां का लोकप्रिय और प्रमुख पर्यटन स्थल गोमुख जिसका अर्थ है गाय के मुख के समान जिसे गंगा जी की उत्पत्ति का फल माना जाता है। उसके दर्शन के लिए यहां पर दर्शनार्थियों की श्रद्धा और विश्वास के साथ पर्यटन के लिए आते हैं। गढ़वाल पहाड़ियों की आकर्षक और मनोरम दृश्य यहां पर आने वाले पर्यटकों को काफी आकर्षक और यादगार पल प्रदान करता है।
गंगोत्री धाम का इतिहास – History Of Gangotri Dham Uttarakhand In Hindi
गंगोत्री भारत का एक पवित्र और प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है यही से पवित्र नदी गंगा जी का उद्गम हुआ है जिस कारण से यह एक विशेष स्थल माना जाता है। गंगोत्री में स्थित प्राचीन मंदिर जो 18वीं शताब्दी में अमर सिंह थापा जो एक गोरखा राजा थे उनके द्वारा निर्माण कराया गया था। मान्यता अनुसार स्वर्ग से देवी गंगा का धरती पर नदी के स्वरूप में आने का उद्देश्य यहां पर लोगों के उद्धार के लिए था यही हो स्थल है जहां पर स्वर्ग लोक से देवी गंगा, नदी रूप में अवतरित हुई थी इसलिए यह हिंदुओं के लिए एक प्रमुख पर्यटन और तीर्थ स्थल है।
गंगोत्री मंदिर उत्तराखंड – Ganga Devi Temple Gangotri Dham Uttarakhand In Hindi
देवी गंगा को समर्पित गंगोत्री मंदिर गंगोत्री धाम की यात्रा के साथ साथ उत्तराखंड के चार धाम यात्रा में प्रमुख स्थान रखता है। पाइंस, देवदार और हिमालयन पहाड़ियों से घिरा हुवा गंगोत्री मंदिर एक अलौकिक प्रकिर्तिक सुंदरता प्रदर्षित करती है। गंगोत्री मंदिर के समीप से बहने वाली भागीरथी नदी गंगा नदी से निकलने वाली दो धाराओं में से एक है।
गंगोत्री मंदिर के खुलने का समय – Gangotri Temple Opening Timings Gangotri Dham Uttarakhand In Hindi
18 वीं शताब्दी में निर्मित इस सफेद ग्रेनाइट के चमकदार पत्थर से 20 फीट ऊंचा बना हुआ यह मंदिर बेहद ही आकर्षक है। देवदार और भोज वृक्षों से घिरा हुआ यह मंदिर तथा उसके आसपास का वातावरण बहुत ही लुभावना है। यह मंदिर श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए 6 महीने खुला रहता है। अप्रैल माह के आखिरी सप्ताह या मई के प्रथम सप्ताह में गंगोत्री मंदिर के कपाट को दर्शनार्थियों के लिए खोल दिया जाता है।
हिंदू कैलेंडर के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन मंदिर के कपाट को दर्शनार्थियों के लिए खोला जाता है। इस दिन से श्रद्धालू मंदिर के दर्शन कर सकते हैं। सर्दियों में बहुत अधिक बर्फबारी होने के कारण दीपावली के बाद भैया दूज के समय मंदिर के कपाट को श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार अक्टूबर महीने के अंतिम सप्ताह में या नवंबर महीने के प्रथम सप्ताह में इस मंदिर के कपाट को बंद किया जाता है।
पौराणिक कथा अनुसार गंगोत्री धाम की मन्यता – Recognition Of Gangotri Dham According To legend In Hindi
पौराणिक कथाओं के अनुसार राजा भगीरथ ने कई वर्षों तक कठिन तपस्या की उसके पश्चात गंगा जी जब पृथ्वी पर अवतरित होने लगी तो उनकी तेज प्रवाह को रोकने के लिए भगवान शिव ने उनको अपनी जटाओं में समेट लिया। महादेव के स्पर्श से गंगा जी का वेग शांत हुआ तथा उनकी जटाओं से उसी स्थान से धीरे-धीरे उनका प्रवाह धरती पर अवतरित हुआ। राजा भगीरथ की घोर और कठिन तपस्या के कारण अवतरित हुई गंगा जी को इस गोमुख से निकलने पर इसी कारण से उनको भागीरथी के नाम से भी जाना जाता है।
थोड़ी दूर पर बहने के बाद यह देवप्रयाग में अलकनंदा नदी से मिल जाती है तब इनको गंगा नदी के नाम से जाना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार राजा सगर ने अपने वर्चस्व को स्थापित करने के लिए अश्वमेध यज्ञ किया था जिसमें पृथ्वी के चारों तरफ चक्कर लगाने के लिए घोड़े को छोड़ा जाता है। जिसका प्रतिनिधित्व उनके दो पुत्रों ने किया उनके इस यज्ञ की सफलता से देवराज इंद्र को डर हुआ कि कहीं वह उनका सिंहासन ही ना ले ले इस कारण से उन्होंने उस घोड़े को पकड़कर कपिल मुनि के आश्रम में बांध दिया।
कपिल मुनि अपने ध्यान मुद्रा में थे उस घोड़े को ढूंढते हुए जब राजा सगर के पुत्रों ने उसको कपिल मुनि के आश्रम में देखा तो वह क्रोधित हो गए और कपिल मुनि के आश्रम पर आक्रमण कर दिया। उनके इस आक्रमण से क्रोधित होकर कपिल मुनि ने अपने श्राप से राजा सगर के साठ हजार पुत्रों की मृत्यु हो गई। राजा सगर के पुत्र भागीरथ जी ने अपने पूर्वजों की आत्मा को मुक्ति दिलाने के लिए कठिन और घोर तपस्या की तत्पश्चात गंगा जी ने उनके पूर्वजों के पात्र मिटाने के लिए नदी रूप में अवतरित हुई।
गंगोत्री धाम के आसपास घूमने लायक प्रमुख पर्यटन स्थल – Gangotri Dham Ke Darshaniy Sthal In Hindi
उत्तरकाशी के सर्व प्रमुख तीर्थ स्थलों तथा पर्यटन स्थलों में से एक है यह गंगोत्री धाम जो कि उत्तराखंड ही नहीं वरन पूरे भारत में एक लोकप्रिय स्थान है। जहां पर पर्यटन के लिए भारी संख्या में तीर्थयात्री तथा साहसिक गतिविधियां करने के शौकीन लोग इस स्थान पर बहुतायत रूप से आते हैं। उत्तराखंड के चार धामों में से गंगोत्री भी एक प्रमुख धाम है जो विशाल हिमालय के बीच बसा हुआ गंगा नदी का उद्गम स्थल है। तो आइए जानते है पर्यटन स्थल की सम्पूर्ण जानकारी के बारे में –
गोमुख गंगोत्री – Gomukh Gangotri In Hindi
गोमुख गंगोत्री ग्लेशियर का एक मुहाना है जो भागीरथी नदी का स्रोत है हिंदुओं के लिए सबसे पवित्र स्थानों में से एक है। गोमुख उत्तरकाशी जिले में समुद्र तल से 3200 फीट की ऊंचाई पर गंगोत्री से 18 किमी दूर स्थित है। यहां कोई मंदिर नहीं है। वर्ष 2016 में हुई भारी बारिश से पहले तक इस ग्लेशियर का आकार गाय के मुख के समान था। गोमुख का प्राचीन हिंदू ग्रंथों में महत्वपूर्ण उल्लेख मिलता है।
भैरों घाटी गंगोत्री – Bhairo Ghati Gangotri In Hindi
भागीरथी नदी और जध जाह्नवी गंगा के संगम पर स्थित भैरों घाटी गंगोत्री से 9 किमी और धाराली से 16 किमी स्थित एक छोटी बस्ती है। भैरों घाटी अपनी प्रकिर्तिक सुन्दरता और यहाँ से दिखने वाली भृगु पर्वत श्रृंखला, चीड़वासा, सुदर्शन चोटियों के अद्भुत द्रश्यो के कारण पर्यटकों को आकर्षित करता हैं।
केदारताल गंगोत्री – Kedar Tal Gangotri In Hindi
समुद्र तल से लगभग 4425 मी की ऊंचाई पर स्थित केदारताल झील एक पूर्ण साफ और मनोरम झील है जो गंगोत्री यात्रा का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। गंगोत्री से 14 किमी के ऊबड़-खाबड़ पहाड़ों पर ट्रेकिंग करके यहाँ तक पंहुचा जा सकता है। भृगुपंथ और थलयसागर चोटी पर जाने के लिए केदारताल एक बेस कैम्प की तरह है। केदार गंगा का यह उद्गम स्थल केदार ग्लेशियर के बर्फों के पिघलने से बनती है। यही केदार गंगाआगे चलकर भागीरथी की सहायक नदी बनती है।
भोजवासा गंगोत्री – Bhojbasa Gangotri In Hindi
बीहड़ इलाकों में भोजवासा गंगोत्री यात्रा में पड़ने वाला एक बहुत ही खूबसूरत पर्यटन स्थल है। भोजवासा समुद्र तल से 3775 मी. की ऊंचाई पर बसा है। गंगोत्री से शुरू होकर भोजवासा तक पहुंचने के लिए 14 किलोमीटर तक का एक खूबसूरत ट्रैक है। इस ट्रैक के माध्यम से आप बीहड़ इलाकों से होते हुए भागीरथी नदी तक सफर का आनन्द ले सकते है। भागीरथी नदी और जाट गंगा के संगम पर स्थित भोजवासा में आप ब्रह्मा जी के आसान ब्रह्मकमल फूल को भी देख सकते है।
हरसिल घाटी गंगोत्री उत्तराखंड – Harsil Valley Uttarakhand In Hindi
प्राकृतिक सौंदर्य और मीठे सेब के लिये प्रसिद्ध हरसिल घाटी बस्पा घाटी के ऊपर स्थित है। समुद्रतल से 2620 मी की ऊंचाई पर बसा हरसिल घाटी गंगोत्री से 20 किमी दूर स्थित है। हिमालय की गोद में बसे इस घाटी के पास ही कैलाश पर्वत, श्रीकंठ चोटी, केदारनाथ और बदंरपूंछ जैसी खूबसूरत चोटियाँ स्थित है। यहाँ आने के बाद आपको छाया युक्त सड़क, कोलाहली भागीरथी, झरनें, हरे भरे घास के मैदान और सेबों के बगीचों का सौंदर्य देखने को मिलेगा।
गंगोत्री धाम के स्थानीय भोजन – Local Food Of Gangotri Dham In Hindi
गंगोत्री में स्थित होटल तथा भोजनालय तथा रेस्टोरेंट में आप उत्तर भारतीय तथा दक्षिण भारतीय भोजन आपको आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं। भारत के विभिन्न राज्यों से आने वाले दर्शनार्थियों को यहां पर दक्षिण भारतीय तथा उत्तर भारतीय भोजन के अलावा यहां के स्थानीय उत्तराखंड के व्यंजन का भी स्वाद ले सकते हैं।
धार्मिक स्थल होने के कारण गंगोत्री में आपको शुद्ध और शाकाहारी उत्तर भारतीय व्यंजन का स्वाद मिलेगा जिनका आंनद लेना न भूले। फूल झंगोरा से बने कुछ प्रसिद्ध मीठे पकवान चार धाम यात्रा के दौरान आपको आनंदित कर देंगे। इसके अलावा यहाँ आपको पौष्टिक मंडुआ की बनी रोटी, बाजरे की खीर आलू के गुटके, अरसा मिठाई, आलू टमाटर का झोल, स्वीट स्नैक गुलगुला, सिंगोरी, बावड़ी भट्ट की चुरानी, कुमाउनी रायता जैसे कुछ व्यंजन का अद्भुत आनंद भी मिलेगा।
गंगोत्री धाम की यात्रा में कहाँ रुके – Where To Stay In Gangotri Dham In Hindi
गंगोत्री एक प्रमुख पर्यटन स्थल तथा तीर्थ यात्रा स्थल होने के कारण यहां पर आपको होटल तथा धर्मशाला और गेस्ट हाउस की सुविधाएं आसानी से मिल जाती हैं जहां पर आप आसानी से अपने सुविधा और बजट अनुसार विकल्पों को चुन सकते हैं। यहां पर रहने के लिए आप होटल में ऑनलाइन बुकिंग भी करवा सकते हैं। यहां के स्थानीय प्रशासन के द्वारा गेस्ट हाउस भी बनाए गए हैं जिनमें आप यहां के निर्धारित शुल्क देकर आराम से रुकने की व्यवस्था कर सकते हैं। होटल गंगापुत्र, शिखर नेचर रिजॉर्ट, द देवद्वार रिसोर्ट, द वांडरर्स नेस्ट होटल, बत्सेरी सनग्ला जैसे कुछ प्रसिद्ध साफ सुथरे स्थान पर रूककर यात्रा का मजा ले सकते है
गंगोत्री धाम जाने के लिए सबसे अच्छा समय – Best Time To Visit Gangotri Dham In Hindi
गंगोत्री धाम के पर्यटन के लिए वर्ष भर सैलानी आते रहते हैं। परंतु यदि आप यहां के मनोरम और सुखद मौसम के साथ साथ ही यहां के दिलचस्प और आकर्षक उत्सव का आनंद लेना चाहते हैं तो आपके लिए गर्मियों तथा मानसून का समय सबसे अच्छा समय है। जिस समय में यहां का तापमान लगभग 25 से 30 डिग्री सेल्सियस के आसपास होता है। गंगोत्री धाम घूमने के लिए मार्च से नवंबर के बीच का समय काफी अच्छा और सुहावना होता है जिस समय आप यहां की उत्सव का भरपूर आनंद ले सकते हैं। जो आपकी उत्तरकाशी की यात्रा को और भी रोमांचक और यादगार बना देगी।
पहाड़ी छेत्र होने के कारण सालभर गंगोत्री का मौसम ठंडा रहता है। सर्दियों के समय में यहां भारी बर्फबारी होती है जिस वजह से यहां पर सर्दियों के मौसम में पहुंचना काफी दुर्गम हो जाता है। लेकिन यदि आप प्राकृतिक बर्फबारी का खूबसूरत नजारा देखना चाहते है तो आप सर्दियो में यहाँ की यात्रा कर सकते है।
कैसे पहुंचे गंगोत्री धाम – How to reach Gangotri Dham Uttarakhand In Hindi
गंगोत्री भारत का एक लोकप्रिय और पवित्र स्थान है। यहां पहुंचने के लिए आप अपनी सुविधा के अनुसार रेल मार्ग या एरोप्लेन तथा सड़क मार्ग के द्वारा आसानी से यहां पहुंच सकते हैं। तो यदि आप गंगोत्री के पर्यटन के बारे में सोच रहे हैं तो आइए जानते हैं यहां पहुंचने के लिए मार्गों के बारे में कुछ जानकारी हमारे इस पोस्ट के माध्यम से –
हवाई जहाज गंगोत्री धाम कैसे पहुंचे – How To Reach Gangotri Dham By Flight In Hindi
यदि आप गंगोत्री आने के लिए हवाई मार्ग का चुनाव करते हैं तो बता दे कि यहां के सबसे पास का एयरपोर्ट जौली ग्रांट एयरपोर्ट है जो देहरादून में स्थित है। यह एयरपोर्ट गंगोत्री से सिर्फ 265 किलोमीटर दूर है। यहां पर पहुंचने के बाद आप टैक्सी या प्राइवेट वाहनों को बुक करके आसानी से गंगोत्री पहुंच सकते हैं। यहां पर अब देहरादून से गंगोत्री के लिए हेलीकॉप्टर की भी सुविधा उपलब्ध है।
ट्रेन से गंगोत्री धाम कैसे पहुंचे – How To Reach Gangotri Dham By Train In Hindi
गंगोत्री के पर्यटन के लिए आप रेल मार्ग का चुनाव करते हैं तो यहां के सबसे पास का रेलवे स्टेशन हरिद्वार और ऋषिकेश रेलवे स्टेशन है। जिनमें से हरिद्वार रेलवे स्टेशन भारत के सभी प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से रेल मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। यहां पर पहुंचकर आप गंगोत्री के लिए बस या टैक्सी के द्वारा आसानी से पहुंच सकते हैं।
बस से गंगोत्री धाम कैसे पहुंचे – How To Reach Gangotri Dham By Bus In Hindi
गंगोत्री पहुंचने के लिए सड़क मार्ग द्वारा आसानी से पहुंच सकते हैं। यह उत्तराखंड के प्रमुख शहरों तथा अन्य भारत के प्रमुख शहरों के द्वारा सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। जहां पर आप बस या टैक्सी के द्वारा या अपने निजी वाहन के द्वारा आसानी से यहां पर पहुंच सकते हैं। दिल्ली और उत्तराखंड के सभी शहरों से उत्तरकाशी के लिए अच्छी और सस्ती बसे रेड बस के माध्यम से भी उपलभ्ध है।
गंगोत्री की चढ़ाई कितनी है?
गंगोत्री से गोमुख 19 किलोमीटर दूर स्थित है जो समुन्द्र तल से लगभग 13200 फीट की ऊंचाई पर है। आप ट्रैकिंग करके या खच्चरों की मदद से इस चढाई को पूरा कर सकते है।
उत्तराखंड के 4 धाम यात्रा का क्रम क्या है?
चारधाम यात्रा एक पवित्र परिक्रमा है जिसमे चार पवित्र स्थलों की परिक्रमा की जाती है। जो उत्तराखंड के पश्चिमी मंदिर यमुनोत्री से आरम्भ होकर गंगोत्री, केदारनाथ और फिर बद्रीनाथ मंदिर में समाप्त होती है।
गंगोत्री मंदिर का निर्माण किसने करवाया था?
गंगोत्री में स्थित प्राचीन गंगोत्री मंदिर 18वीं शताब्दी में अमर सिंह थापा जो एक गोरखा राजा थे उनके द्वारा निर्माण कराया गया था।
निष्कर्ष –
गंगोत्री मंदिर, गोमुख, केदारताल, भोजवासा और हरसिल घाटी जैसे आध्यत्म और प्रकिर्तिक सौंदर्य से परिपूर्ण गंगोत्री उत्तराखंड ही नहीं भारत का एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल और पर्यटन स्थल है। आज हमने जाना गंगोत्री धाम की यात्रा और पर्यटन स्थल की सम्पूर्ण जानकारी – Famous Gangotri Dham Uttarakhand In Hindi के बारे में जहाँ आप अपने घरवालो और दोस्तो के साथ क्वालिटी टाइम स्पेंड कर सकते है। इस पोस्ट की जानकारी कैसी लगी कृपया कमेंट करे। धन्यवाद
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