नमस्कार दोस्तों आज हम इस पोस्ट में आपको उत्तराखण्ड राज्य में स्थित प्रसिद्ध गुप्तकाशी पर्यटन के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देने वाले है। यदि आप गुप्तकाशी के मंदिर, गुप्तकाशी का इतिहास, गुप्तकाशी कैसे पहुंचे, गुप्तकाशी जाने का अच्छा समय आदि के बारे में जानना चाहते है तो Guptakashi Tourism Uttarakhand In Hindi पोस्ट को पूरा जरुर पढ़े।
गुप्तकाशी पर्यटन की सम्पूर्ण जानकारी – Guptakashi Tourism Uttarakhand In Hindi
Famous Guptakashi Tourism Uttarakhand In Hindi : उत्तराखंड राज्य में स्थित गुप्तकाशी जो पवित्र केदारनाथ से लगभग 47 किलोमीटर दूर स्थित है हिंदू धर्म का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। चौखंभा पहाड़ों की मनमोहक चोटियों के बीच बसा यह स्थल बहुत ही मनोरम प्रतीत होता है। बर्फ से आच्छादित अद्वितीय खूबसूरत पहाड़ियां मन को बेहद ही आकर्षक और रोमांचित करती हैं। गुप्तकाशी में स्थित मणिकर्णिका कुंड पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र है।
गुप्तकाशी एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल होने के साथ-साथ एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल भी है उन पर्यटकों के लिए जो रोमांचक और साहसिक गतिविधियों के शौकीन हैं। यहां पर एडवेंचर के शौकीन लोगों के लिए ट्रैकिंग तथा रिवर राफ्टिंग जैसे साहसिक गतिविधियां प्रमुख आकर्षण है जिसका आनंद लेने के लिए देश-विदेश से लोग यहां पर आते हैं। गुप्तकाशी में अन्य कई ऐसे स्थल हैं जो यहां की पर्यटन को और भी ज्यादा आकर्षक और लोकप्रिय बनाते हैं।
गुप्तकाशी का प्रसिद्ध विश्वनाथ मंदिर जो काशी विश्वनाथ मंदिर की छायाकृति सा बनाया गया है। इस मंदिर के परिसर में स्थित मणिकर्णिका कुंड का आकर्षण पर्यटकों को अपनी ओर लुभाता है। यहां पर पानी के दो स्रोत जिन्हें गंगा और यमुना नदी की धारा माना जाता है। मोक्ष का प्रवेश द्वार माना जाने वाला गौरीकुंड गुप्तकाशी में मंदाकिनी नदी के तट पर स्थित है जो समुद्र तल से लगभग 2000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
गुप्तकाशी का रहस्य और पौराणिक इतिहास – Guptakashi Mystery And History In Hindi
उत्तराखंड राज्य के मनोरम गढ़वाल हिमालय के खंडों में स्थित गुप्तकाशी जो समुद्र तल से लगभग 1319 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। गुप्तकाशी मंदिर भगवान विश्वनाथ और भगवान शिव को समर्पित एक प्रसिद्ध मंदिर है। गुप्तकाशी का धार्मिक महत्व वाराणसी के काशी के समान माना आ जाता है। गुप्तकाशी अर्थात छिपी हुई काशी जिसका नाम एक प्रसिद्ध पौराणिक कथा के अनुसार रखा गया है जो महाभारत काल से संबंधित है।
कहा जाता है कि भगवान कृष्ण की सलाह पर पांडव अपने पापों से मुक्ति प्राप्त करने के लिए भगवान शिव से माफी और आशीर्वाद के लिए उनसे मिलना चाहते थे। कुरुक्षेत्र के युद्ध में पांडवों के द्वारा की गई असंख्य हत्याओं तथा पापों के प्रायश्चित के लिए भगवान श्री कृष्ण की सलाह पर शिवजी से मिलने निकले परंतु भगवान शिव युद्ध की इन घटनाओं से असंतुष्ट थे। इस कारण से उनसे छुपने के लिए भगवान शिव ने गुप्तकाशी में बैल का रूप धारण करके छुपना चाहा। पांडवों ने उनका पीछा गुप्तकाशी तक किया तथा भीम ने उन्हें उस रूप में पहचान लिया।
जब भीम ने भगवान शिव को उनके उस रूप में उन्हें पकड़ने की कोशिश की तो जमीन के नीचे छुपी एक गुफा में भगवान शिव गायब हो गए। अलग-अलग पांच जगहों पर भगवान शिव अलग-अलग रूप में प्रकट हुए जिन्हें केदारनाथ, रुद्रनाथ, मध्यमहेश्वर, कल्पेश्वर तथा तुंगनाथ के रूप में जाना जाता है। जिनके इन पांचों रूपों की पूजा करने के बाद पांडवों को ब्रह्महत्या के पाप का प्रायश्चित कर अपने पापों से मुक्ति प्राप्त हुई। मंदाकिनी नदी के किनारे जिस स्थान पर भगवान शिव गुप्त हुए थे उसी स्थान को गुप्तकाशी कहा गया।
एक और प्रमुख पौराणिक कथा के अनुसार भगवान शिव ने मंदाकिनी तथा सोना गंगा नदी के संगम के तट पर स्थित गांव में शादी करने से पहले गुप्तकाशी में ही माता पार्वती से विवाह का प्रस्ताव रखा था। गुप्तकाशी में स्थित “केदारनाथ” भगवान शिव का मुख्य स्थान माना जाता है जो हिंदुओं का एक पवित्र और लोकप्रिय तीर्थ स्थल है।
गुप्तकाशी में घूमने लायक प्रमुख पर्यटन स्थल – Guptakashi Ke Darshaniy Sthal In Hindi
मनमोहक चोटियों और बर्फ से आच्छादित पहाड़ियां के कारण गुप्तकाशी एक लोकप्रिय और प्रमुख पर्यटन तथा तीर्थ स्थल है। यहाँ का मनमोहक वातावरण तथा शानदार आकर्षक दृश्य एक अप्रतिम आनंद की अनुभूति प्रदान करता है। इन खूबसूरत स्थलों के पर्यटन के अलावा यहां पर आप कुछ साहसिक और रोमांचक एक्टिविटीज भी कर सकते हैं।
यदि आप एडवेंचर के शौकीन है तो यहां पर आप रिवर राफ्टिंग का आनंद ले सकते हैं जो यहां पर स्थित अलकनंदा नदी में कराई जाती है जो यहां आने वाले पर्यटक के लिए बेहद ही रोमांचक गतिविधि है और यदि आप ट्रैकिंग के शौकीन हैं तो यहां आप हेमकुंड साहिब और फूलों की घाटी का ट्रैक का एक मनोरम और बेहद ही यादगार अनुभव प्राप्त कर सकते हैं। यदि आप गुप्तकाशी की यात्रा का प्लान बना रहे हैं तो आइए जानते हैं यहां के कुछ प्रमुख और लोकप्रिय स्थलों के बारे में जहां पर जाकर आपको बेहद ही मनोरम और आनंददायक अनुभूति प्राप्त होगी।
गुप्तकाशी का विख्यात विश्वनाथ मंदिर – Vishwanath Temple Guptakashi Tourism In Hindi
सबसे प्राचीन और प्रमुख मंदिरों में से एक है यह विश्वनाथ मंदिर जो भगवान शिव को समर्पित है। मान्यता अनुसार विश्वनाथ मंदिर का निर्माण भागीरथी नदी के तट पर भगवान परशुराम ने करवाया था। बर्फ से ढकी हुई पहाड़ियों के आकर्षण के बीच बसा हुआ यह मंदिर जिसमें भगवान शिव का शिवलिंग जो लगभग 60 सेंटीमीटर लंबा है उसके दर्शन के लिए लाखों की यात्रा में दर्शनार्थी यहां पर आते हैं।
प्रसिद्ध 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है यह काशी विश्वनाथ मंदिर जो हिंदुओं का एक सुप्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। चार धाम की यात्रा करने वाले श्रद्धालु भारी संख्या में यहाँ दर्शन को आते है उनका मानना है कि यहाँ दर्शन करने से काशी का फल मिलता है।
गुप्तकशी का प्रसिद्ध मणिकार्णिका कुंड – Manikarnik Kund Guptakashi In Hindi
विश्वनाथ मंदिर के परिसर में बना यह मणिकार्णिका कुंड शिव लिंग का निवास स्थान है जहाँ गाय और गणेश के सिर से शिवलिंग को स्नान कराया जाता है। मान्यता है की इस कुंड में जल गंगा और यमुना दोनों नदियों से आता है जो अपने आप में एक रहस्य बना हुवा है। अपने मनोरम दृश्य की वजह से भी मणिकार्णिका कुंड पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
अर्धनारीश्वर मंदिर गुप्तकाशी – Ardhanarishwar Temple Guptakashi In Hindi
गुप्तकाशी में यहां का एक प्रमुख आकर्षण अर्धनारीश्वर मंदिर जिसमें भगवान शिव और पार्वती आधे पुरुष और आधी महिला रूप में मूर्ति रूप में विराजित हैं। भगवान शंकर को समर्पित यह मंदिर विश्वनाथ मंदिर के बाईं ओर पास में ही स्थित है।
आकर्षक स्थल गौरीकुंड गुप्तकाशी – Gaurikund Guptakashi In Hindi
समुद्र तल से लगभग 2000 मीटर की उंचाई पर स्थित गौरीकुंड बेहद आकर्षक और शान्त स्थान है। गौरीकुंड को मोक्ष का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है। मंदाकिनी नदी के तट पर स्थित गौरीकुंड केदारनाथ जाने वाले भक्तो के लिए प्रारंभिक बिंदु और एक आधार शिविर है। सर्दियों के मौसम में यह जगह बर्फ की चादर सा ढका रहता है। हिन्दू ग्रंथो के अनुसार इसी जगह माता पार्वती ने भगवान शिव से विवाह के लिए घोर तपस्या की थी।
प्रसिद्ध उखीमठ गुप्तकाशी – Ukhimath Guptakashi Tourism Uttarakhand In Hindi
बर्फ से ढके हिमालय का मनमोहक दृश्य प्रस्तुत करता उखीमठ गुप्तकाशी का एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। केदारनाथ और मध्यमहेश्वर के घर के रूप में प्रसिद्ध उखीमठ में ही सर्दियों के दौरान भगवान केदारनाथ की पूजा होती है। बाणासुर की बेटी उषा और भगवान श्री कृष्ण के पौत्र अनिरुद्ध का विवाह यही हुवा था और उषा के नाम से ही इस जगह का नाम उखीमठ पड़ा। यह स्थान गुप्तकाशी से मात्र 12 किमी दूर स्थित है।
केदारनाथ मंदिर गुप्तकाशी- Kedarnath Guptakashi Tourism Uttarakhand In Hindi
भगवान शिव को समर्पित केदारनाथ मंदिर समुद्र तल से लगभग 3583 मीटर की ऊंचाई पर बना हुआ प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह पवित्र स्थल बर्फ से आच्छादित पहाड़ों के बीच हरी-भरी सुंदर घाटियां तथा मनमोहक प्राकृतिक भव्यता के बीच सुशोभित है। केदारनाथ मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से सर्वोच्च स्थान रखने वाला ज्योतिर्लिंग है। 16 किलोमीटर मंदाकिनी नदी के सहारे ट्रैकिंग के बाद आप इस मंदिर तक पहुंचते हैं। केदारनाथ मंदिर लगभग 1000 साल पहले बनाया गया था।
पर्यटन स्थल चोपता गुप्तकाशी – Chopta Guptakashi Tourism Uttarakhand In Hindi
‘उत्तराखंड का छोटा स्विट्जरलैंड’ कहा जाने वाला चोपता एक विश्व प्रसिद्ध खूबसूरत हिल स्टेशन है। अपने प्राकृतिक दृश्यों के साथ साथ घने जंगलों, बर्फ से ढंकी चोटियों और हरे भरे घास के खूबसूरत मैदान के लिए चोपता पर्यटन के लिए भारी संख्या में पर्यटक आते है। नंदा देवी, चौखंबा और त्रिशूल जैसी पर्वत चोटियों के आकर्षक दृश्य तथा उन पर ट्रैकिंग करने का यादगार अनुभव लेने के लिए ट्रैकर्स तथा पर्यटक भारी संख्या में यहां पर आते हैं।
चोपता में सफेद बर्फ की चादर से ढके हुए हिमालय के पहाड़ों के बीच में यह पर ट्रेकिंग करना एक रोमांचक और साहसिक अनुभव है। बर्फ से ढकी हुई संदल चोटियों के अलावा यहां पर अल्पाइन तथा देवदार के वृक्षों से सजे हुए इस मनोरम स्थल के पर्यटन के लिए सर्दियों के मौसम में पर्यटकों की भीड़ उमड़ पड़ती है।
गुप्तकाशी घूमने के लिए सबसे अच्छा समय क्या है? – Best time to visit Guptakashi in Hindi
यदि आप गुप्तकाशी के पर्यटन का प्लान बना रहे हैं तो आपको यहां आने के पहले यहां के मौसम के बारे में जान लेना बेहद आवश्यक है। गुप्तकाशी की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय गर्मियों का समय होता है क्योंकि ग्रीष्मकालीन इस समय में यहां का मौसम बेहद ही सुहावना और लुभावना तथा आकर्षक होता है।
सर्दियों के समय में यहां का तापमान काफी गिर जाता है तथा 0 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है और भारी बर्फबारी के कारण यहां के मंदिरों के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं। भारी बर्फबारी और ठंड की वजह से सर्दी के समय में यहां की यात्रा बहुत कठिन हो जाती है इसलिए यहां पर पर्यटन के लिए गर्मियों का समय सबसे अच्छा समय होता है। दिवाली के दूसरे दिन पड़ने वाले यमदूज के बाद मंदिर के कपाट को बंद कर दिया जाता है तथा यह यह कपाट मई में अक्षय तृतीया के दिन खुलता है इसलिए गर्मियों के दौरान यहां की यात्रा सबसे अच्छी मानी जाती है।
गुप्तकाशी में करने योग्य एडवेंचरस एक्टिविटी – Famous Adventure Activities In Guptakashi Tourism In Hindi
अगर आप स्ट्रेस फ्री आउटिंग और एडवेंचर एक्टिविटी को पसंद करते है और आप इसका भरपूर आनंद लेना चाहते हैं तो आप गुप्तकाशी में इनका लुत्फ उठा सकते हैं। गुप्तकाशी में विशेष रूप से एडवेंचर एक्टिविटी के लिए पर्यटक भारी संख्या में आते हैं।
गुप्तकाशी उत्तराखंड में कैंपिंग – Camping In Guptakashi Tourism in Hindi
गुप्तकाशी में आकर आप कैंपिंग का भी भरपूर आनंद ले सकते हैं। गुप्तकाशी में ट्रैकिंग के साथ पहाड़ो पर कैंपिंग की भी व्यवस्था है जो स्ट्रेस फ्री आउटिंग के लिए एक अच्छा विकल्प है। जहां पर पर्यटक आकर कैंपिंग करते हुए तथा यहां के स्थलों के दर्शन करते हुए अपने इन यादगार पलों को समेटते हैं। पर्यटक कैंपिंग करते हुए यहां के आकर्षण का पूरा लुत्फ उठाते हैं।
गुप्तकाशी उत्तराखंड में ट्रैकिंग – Trekking In Guptakashi Tourism in Hindi
गुप्तकाशी में प्राकर्तिक सुंदरता के मध्य हरे भरे पहाड़ो पर ट्रैकिंग करने का अद्भुत अनुभव प्राप्त होता है। गुप्तकाशी से आप केदारनाथ तक 14 km की ट्रैकिंग करके पहुंच सकते है। मार्च से अक्टूबर तक का समय यहाँ ट्रैकिंग का आनंद लेने के लिए सबसे आदर्श समय है।
गुप्तकाशी में रिवर राफ्टिंग – River rafting In Guptakashi Tourism in Hindi
एडवेंचर एक्टिविटी के लिए गुप्तकाशी में सबसे प्रसिद्ध रिवर राफ्टिंग है। हरे भरे जंगलो और पहाड़ो के बीच से गुजरती अलकनंदा रिवर में राफ्टिंग करने के लिए यहां पर्यटक भारी संख्या में आते है। गुप्तकाशी में रिवर राफ्टिंग का एक अलग ही मजा और रोमांच होता है जिसका आनंद स्ट्रेस फ्री आउटिंग के लिए यहां पर आने वाले हर पर्यटक उठाते हैं।
गुप्तकाशी उत्तराखंड कैसे पहुंचे? – How to Reach Guptakashi in Hindi
गुप्तकाशी एक बेहद लोकप्रिय स्थल है जहां पर जाने के लिए आप रेल मार्ग, वायु मार्ग या सड़क मार्ग किसी भी मार्ग का प्रयोग करके आसानी से यहां पर पहुंच सकते हैं आप अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी मार्ग का चयन करके यहां पर आसानी से पहुंच सकते हैं। तो आइए जानते हैं यहां पर पहुंचने के इन मार्गों के बारे में।
हवाई जहाज से गुप्तकाशी कैसे पहुंचे – How To Reach Guptakashi By Flight In Hindi
यदि आप गुप्तकाशी जाने के लिए हवाई मार्ग का चयन करते हैं तो बता दे कि यहां के सबसे पास का हवाई अड्डा जॉली ग्रांट हवाई अड्डा है जो यहां से लगभग 190 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जहां पर पहुंचकर आप सड़क मार्ग द्वारा आसानी से गुप्तकाशी पहुंच सकते हैं।
ट्रेन से गुप्तकाशी कैसे पहुंचे – How To Reach Guptakashi By Train In Hindi
गुप्तकाशी आने के लिए यदि आप रेल मार्ग का चयन करते हैं तो यहां का सबसे पास का प्रमुख रेलवे स्टेशन ऋषिकेश रेलवे स्टेशन है जो भारत के कई प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है जो गुप्तकाशी से लगभग 180 किलोमीटर दूर स्थित है जहां से आप टैक्सी आप बस के द्वारा आसानी से गुप्तकाशी पहुंच सकते हैं।
बस से गुप्तकाशी कैसे पहुंचे – How To Reach Guptakashi By Bus In Hindi
गुप्तकाशी सड़क मार्ग के द्वारा बहुत ही अच्छे से जुड़ा हुआ है यहां पर आने के लिए यदि आप सड़क मार्ग का चयन करते हैं तो यहां पर आप आसानी से अपने प्राइवेट वाहन या बसों के द्वारा यहां की यात्रा पर पहुंच सकते हैं। NH109 गुप्तकाशी को दिल्ली सहित उत्तराखंड के सभी प्रमुख शहरो नैनीताल, मसूरी, देहरादून, हरिद्वार, रानीखेत से जोड़ता है। दिल्ली और उत्तराखंड के सभी शहरों से गुप्तकाशी के लिए अच्छी और सस्ती बसे रेड बस के माध्यम से भी उपलभ्ध है।
गुप्तकाशी का सबसे प्रसिद्ध मंदिर कौन सा है?
भगवान शिव को समर्पित प्राचीन विश्वनाथ मंदिर, अर्धनारेश्वर मंदिर और मणिकर्णिक कुंड गुप्तकाशी के सबसे प्रसिद्ध मंदिर है। इन्ही प्राचीन मंदिरो की वजह से हिन्दुओ के लिए गुप्तकाशी एक प्रमुख तीर्थ स्थल है।
गुप्तकाशी से केदारनाथ कैसे पहुंचे?
गुप्तकाशी से केदारनाथ की दूरी लगभग 25km है जिसे आप पहाड़ी रास्तो पर ट्रैकिंग करके या फिर सीतापुर हेलीपैड से हेलिकॉप्टर से भी जा सकते है। हेलिकॉप्टर से वन-वे का किराया लगभग 3000 प्रति व्यक्ति है।
गुप्तकाशी का नाम कैसे पढ़ा?
जब पांडव भगवान शिव को खोजते हुए इस स्थान पर आय और उन्होंने भगवान शिव को नंदी रूप में पहचान लिया तो भगवान शिव अंतर्ध्यान (गुप्त) हो गए। जिस वजह से इसका नाम गुप्तकाशी पड़ा।
क्या बरसात के मौसम में गुप्तकाशी जा सकते है?
पहाड़ी छेत्र होने के कारण गुप्तकाशी में बरसात के मौसम पे भूस्खलन होते रहते है जिस वजह से बरसात के मौसम में गुप्तकाशी जाने से बचना चाहिए।
गुप्तकाशी पर्यटकों के लिए क्यू खास है?
गुप्तकाशी एक धार्मिक स्थान होने के अलावा बर्फीली पहाड़ियों, सुंदर घाटियों, अल्पाइन जंगलो की सुन्दरता, ग्लेशियरों और हिमालय की अद्भुत चोटियों से सुसज्जित एक सुंदर हिल स्टेशन भी है। गुप्तकाशी शुरू में धार्मिक पर्यटन का समर्थन करता है, लेकिन कई वर्षों से प्राकृतिक सौंदर्य, ट्रेकिंग जैसी साहसिक गतिविधियों के कारण पर्यटकों के लिए गुप्तकाशी खास हो गया है।
निष्कर्ष –
विश्वनाथ मंदिर, चोपता, केदारनाथ मंदिर, गौरीकुंड, उखीमठ जैसे आध्यत्म और प्रकिर्तिक सौंदर्य से परिपूर्ण गुप्तकाशी उत्तराखंड ही नहीं भारत का एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल और पर्यटन स्थल है। आज हमने जाना गुप्तकाशी पर्यटन की सम्पूर्ण जानकारी – Famous Guptakashi Tourism Uttarakhand In Hindi के बारे में जहाँ आप अपने घरवालो और दोस्तो के साथ क्वालिटी टाइम स्पेंड कर सकते है। इस पोस्ट की जानकारी कैसी लगी कृपया कमेंट करे। धन्यवाद
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