नमस्कार दोस्तों आज हम इस पोस्ट में आपको उत्तराखण्ड राज्य में स्थित प्रसिद्ध धाम यमुनोत्री धाम के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देने वाले है , यदि आप यमुनोत्री मंदिर, यमुनोत्री धाम के इतिहास आदि के बारे में जानना चाहते है तो इस पोस्ट को पूरा जरुर पढ़े।
यमुनोत्री धाम पर्यटन की सम्पूर्ण जानकारी – Famous Yamunotri Dham Uttarakhand In Hindi
Famous Yamunotri Dham Uttarakhand In Hindi : भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री धाम स्थित है। हिमालय पर्वत की खूबसूरत श्रृंखलाओं में बसा हुआ यमुनोत्री धाम हिंदुओं के छोटे चार धामों में से एक प्रमुख धाम है। यह मंदिर समुद्र तल से लगभग 3235 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यमुनोत्री को पवित्र यमुना नदी का स्रोत भी माना जाता है। यमुनोत्री से दिखाई देने वाला आकर्षक दृश्य तथा इसका प्रमुख आकर्षण यमुना देवी को समर्पित उनका मंदिर तथा पवित्र तापीय झरना है। यमुनोत्री हिंदू धर्म का एक पवित्र स्थान है जहाँ श्रद्धालु हमेसा भारी संख्या में आते रहते है।
विशाल ग्लेशियर तथा जमी हुई झील से यमुनोत्री से पवित्र यमुना नदी निकलती है जिसके पर्यटन के लिए भारी संख्या में दर्शनार्थी तहां की तीर्थ यात्रा के लिए आते हैं। यमुनोत्री उत्तरकाशी जिले के गढ़वाल क्षेत्र के पश्चिमी हिमालय पर स्थित एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। यमुना नदी को भारत की दूसरी सबसे पवित्र नदी माना जाता है जिन्हें सूर्यदेव की बेटी तथा यम की जुड़वा बहन माना जाता है। इसलिए मान्यता है कि जमुना जी में स्नान करने से किसी की आकस्मिक मृत्यु से रक्षा प्रदान होती है। उत्तरकाशी का यह एक लोकप्रिय और प्रमुख पर्यटन तथा तीर्थ स्थल है। तो आइये जानते है यमुनोत्री धाम पर्यटन की सम्पूर्ण जानकारी –
यमुनोत्री धाम का इतिहास – History Of Yamunotri Dham Uttarakhand In Hindi
उत्तरकाशी जिले में स्थित यमुनोत्री मंदिर भूकंप के कारण क्षतिग्रस्त हो गया था जिसे 19 वी सदी में पुनः निर्मित करवाया गया था। जयपुर की महारानी गुलेरिया ने इसका पुनर्निर्माण करवाया था। दो तेज धाराओं के बीच में स्थित चट्टान पर यह मंदिर स्थित है जो समुद्र तल से लगभग 3185 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इस पवित्र स्थान पर प्रकृति का अद्भुत आश्चर्य देखने को मिलता है यहां पर निकलने वाली जलधाराएं चट्टानों से टकराने के बाद ओम की ध्वनि उत्पन्न करती है।
यहां पर आपको गर्म जल का स्रोत भी मिलता है जो दो शिलाओं के बीच स्थित है। यमुनोत्री के मार्ग में हनुमान चट्टी, नारद चट्टी तथा फूल चट्टी और जानकी चट्टी से होकर यमुनोत्री पहुंचने तक का रास्ता तय किया जाता है जिनमें से जानकी चट्टी बहुत ही लोकप्रिय चट्टी है क्योंकि यहां पर रात्रि में विश्राम करने के लिए बहुत ही अच्छा प्रबंध है जिस कारण से यह ज्यादा लोकप्रिय है। Yamunotri Uttarakhand In Hindi
एक धार्मिक महिला जिनका नाम जानकी देवी था जमुना के तट पर एक बहुत ही बड़ी धर्मशाला बनवाई थी। 1946 में गांव बीफ गांव
बने इस विशाल धर्मशाला को जानकी देवी के याद में बाद में जानकीचट्टी नाम रखा गया। हनुमान चट्टी तथा यमुनोत्री के बीच पगडंडी वाले रास्ते को सड़क बनाने के लिए महाराजा नरेंद्र शाह के समय में दिल्ली के एक सेठ चांदमल ने ₹50000 दान किए थे कहते हैं।
पौराणिक कथा अनुसार यमुनोत्री धाम की मन्यता – Recognition Of Yamunotri Dham According To legend In Hindi
उत्तराखंड की यात्रा वामावर्त की जाती है जिसके पीछे एक प्रसिद्ध कहानी है महाभारत के अनुसार पांडव उत्तराखंड की तीर्थ यात्रा के लिए निकले तो उन्होंने पहले ही यमुनोत्री और उसके बाद गंगोत्री फिर केदारनाथ और बद्रीनाथ की तरफ प्रस्थान किया था। जिस कारण से उत्तराखंड की यात्रा अब इसी तरह की जाती है। यमुनोत्री अपने धार्मिक तथा ऐतिहासिक महत्व के कारण भी बहुत महत्वपूर्ण हैं। ऐतिहासिक तथा ग्रंथों के अनुसार यहां पर यमुना जी के तट पर ही यमन बस्तियां तथा शक के बसने तथा दुर्योधन के यहां पर अधिकार के बारे में भी बताया जाता है।
पंचगायि और गीठ पट्टी में अभी भी दुर्योधन की पूजा की जाती है। यमुनोत्री में तप्त कुंड स्थित हैं जिनमें से सबसे गर्म कुंड सूर्यकुंड है जो लगभग 195 डिग्री फॉरेनहाइट तापमान तक गर्म रहता है जिसमें तप्त होने के बाद पत्थरों से ऐसे लगता है जैसे ओम की ध्वनि निकल रही हो। यहां पर पोटली में बांधकर डालने पर कच्ची चीजें भी पक जाती है जैसे आलू और चावल को इस में डालकर आसानी से पकाया जा सकता है। कहते हैं यमुनोत्री से निकलने वाली यमुना नदी में स्नान करने तथा वहां का जल का पान करने से मनुष्य को पाप से मुक्ति मिलती है तथा आत्मा पवित्र हो जाते हैं
पवित्र यमुना नदी का गुणगान पुराणों तथा ग्रंथों में भी की गई है। यमुना जी को यम की बहन यमी भी कहा जाता है। यमुना जी को सूर्य तनाया यानी सूर्य की पुत्री कहा जाता है जो पुराणों में भी विदित है। सूर्य जी की दो पत्नियां छाया और संज्ञा के द्वारा ही यमुना यम सनी देव तथा वैवस्वत मनु प्रकट हुए थे। जिस कारण से यमुना जी यमराज और शनिदेव की बहन है। भगवान श्री कृष्ण के 8 पटवारियों में से एक कालिंदी जी भी हैं जिन्हें यमुना जी कहा जाता है। कहा जाता है यमुना जी सबसे पहले जल रूप में कालिंदी पर्वत पर आई थी जिस कारण से इनका नाम कालिंदी भी है।
यमुनोत्री मंदिर उत्तराखंड- Yamuna Devi Temple Yamunotri Dham Uttarakhand In Hindi
यमुनोत्री धाम में स्थित यमुनोत्री मंदिर का निर्माण राजा सुदर्शन शाह ने 1850 ईसवी में करवाया था जो देवी यमुना जी को समर्पित है। इस मंदिर के निर्माण में ज्यादातर लकड़ियों का उपयोग किया गया था। इस मंदिर का निर्माण गढ़वाल के राजा प्रताप शाह के द्वारा करवाया गया है जिसके गर्भ ग्रह में देवी यमुना जी की काले संगमरमर के पत्थर से बने हुए विग्रह को स्थापित किया गया है। मान्यता है कि इस मंदिर में श्रद्धा भाव से पूजा करने तथा अपने पितरों को पिंडदान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
मंदिर परिसर में दिव्य शिला नाम से जाना जाने वाला एक विशाल सिला स्तंभ में स्थित है। यह मंदिर समुद्र तल से लगभग 3293 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। सर्दियों के समय में यहां भारी बर्फबारी होती है जिस वजह से यहां पर सर्दियों के मौसम में पहुंचना काफी दुर्गम हो जाता है। इस कारण से यह मंदिर 6 महीने के लिए वर्ष भर में खुला रहता है ,शीत ऋतु के बाद यह मंदिर अप्रैल की आखरी सप्ताह या मई के प्रथम सप्ताह में खुल जाता है जो नवंबर के प्रथम सप्ताह तक श्रद्धालुओं के लिए खुला रहता है।
हिंदू मान्यता के अनुसार हिंदू पंचांग के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन से मंदिर के कपाट को दर्शनार्थियों के लिए खोला जाता है। हिंदुओं के पंचांग के अनुसार दीपावली के बाद आने वाले भैया दूज के बाद में यमुनोत्री मंदिर के कपाट को बंद किया जाता है और माता यमुना की डोली को वहां के पास में स्थित एक गांव खरसाली में ले जाया जाता है तथा वहीं पर देवी यमुना की पूजा की जाती है।
इस स्थान को यमुना जी की शीतकालीन गद्दी के नाम से जाना जाता है। यमुनोत्री मंदिर सुबह 6:00 बजे से लेकर दोपहर 12:00 बजे तक तथा दोपहर 2:00 बजे से रात 8:00 बजे तक श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिया जाता है। जिस समय में यहां पर श्रद्धालु देवी यमुना के दर्शन कर सकते हैं तथा देवी यमुना की मंगला आरती का समय 6:30 बजे है तथा शाम की आरती का समय 7:00 बजे है जहां आप देवी यमुना की आरती में शामिल हो सकते हैं।
यमुनोत्री धाम के आसपास घूमने लायक प्रमुख पर्यटन स्थल – Yamunotri Dham Ke Darshaniy Sthal In Hindi
यमुनोत्री धाम उत्तरकाशी का एक लोकप्रिय और प्रमुख पर्यटन है। यहाँ से दिखने वाले आकर्षक नजारे तथा यहां का अनुपम प्राकृतिक सौंदर्य पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। तो आइए जानते है यमुनोत्री धाम के आसपास घूमने लायक प्रमुख पर्यटन स्थल के बारे मे
जानकी चट्टी यमुनोत्री – Janki Chatti Yamunotri In Hindi
ट्रेकिंग और हॉट स्प्रिंग्स के लिए प्रसिद्ध जानकी चट्टी यमुनोत्री धाम का एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। समुन्द्र तल से 2700 मीटर की ऊंचाई पर स्थित जानकी चट्टी चारो तरफ से हरे भरे पहाड़ो से घिरा हुवा है। हॉट स्प्रिंग्स यमुनोत्री धाम का सबसे बड़ा आकर्षण है।
हनुमान चट्टी यमुनोत्री – Hanuman Chatti Yamunotri In Hindi
सबसे प्रमुख और रोमांचक ट्रेकिंग ट्रेल्स के लिए प्रसिद्ध हनुमान चट्टी हिमालय पर्वत श्रंखला में प्रमुख स्थान रखता है। प्राकृतिक सौंदर्य से भरा बेस कैंप यहाँ पर आने वाले पर्यटकों को मंत्र्मुघ्द क्र देता है। समुन्द्र तल से 2400 मीटर की ऊंचाई पर यमुना नदी और गंगा के संगम पर स्थित है।
सप्तऋषि कुंड यमुनोत्री – Saptarishi Kund Trek Yamunotri In Hindi
समुन्द्र तल से 4421 मीटर की ऊंचाई स्तिथ सप्तऋषि कुंड एक लोकप्रिय प्राकृतिक झील है। इस झील को यमुना नदी का उद्गम स्थल भी कहा जाता है। यमुनोत्री की यात्रा के दौरान 10 किलोमीटर लम्बे ट्रेकिंग के साथ आस पास के ग्लेशियरों और कई विदेशी पक्षियों के साथ का आनद भी यहाँ ले सकते है।
सूर्यकुंड यमुनोत्री – Surya Kund Yamunotri In Hindi
सूर्य देव को समर्पित इस कुंड को यमुनोत्री धाम दर्शन में प्रमुख माना जाता है। सूर्य कुंड का पानी हमेसा गर्म रहता है जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यहाँ आने वाले श्रद्धालु सूती कपडे में बांध कर इस कुंड में चावल और आलू पकाते है जो इस मंदिर में प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है।
खरसाली यमुनोत्री – Kharsali Yamunotri In Hindi
पानी के झरने, कोनिफर्स, ओक्स और थर्मल स्प्रिंग्स के साथ खरसाली एक बहुत ही लोकप्रिय पिकनिक स्पॉट है। यह खूबसूरत पिकनिक स्पॉट जानकी चट्टी के पास ही स्थित है। घास के इस शानदार मैदान में भगवान शिव का एक अद्भुत मंदिर भी स्थित है।
यमुनोत्री धाम के स्थानीय भोजन – Local Food Of Yamunotri Dham In Hindi
धार्मिक स्थल होने के कारण यमुनोत्री में आपको शुद्ध और शाकाहारी उत्तर भारतीय व्यंजन का स्वाद मिलेगा जिनका आंनद लेना न भूले। फूल झंगोरा से बने कुछ प्रसिद्ध मीठे पकवान चार धाम यात्रा के दौरान आपको आनंदित कर देंगे। इसके अलावा यहाँ आपको पौष्टिक मंडुआ की बनी रोटी, बाजरे की खीर आलू के गुटके, अरसा मिठाई, आलू टमाटर का झोल, स्वीट स्नैक गुलगुला, सिंगोरी, बावड़ी भट्ट की चुरानी, कुमाउनी रायता जैसे कुछ व्यंजन का अद्भुत आनंद भी मिलेगा।
यमुनोत्री धाम की यात्रा में कहाँ रुके – Where To Stay In Yamunotri Dham In Hindi
एक प्रसिद्ध और प्रमुख धार्मिक स्थल होने के कारण यमुनोत्री में श्रद्धालुओं के रुकने के लिए होटल, गेस्ट हाउस तथा धर्मशाला और रिजॉर्ट की सुविधा बहुत ही आसानी से उपलब्ध है। इस क्षेत्र में बहुत से धर्मशालाएं हैं और उसके अलावा मंदिर के कुछ किलोमीटर पहले होटल की सुविधाएं भी मिल जाती हैं। यहां पर रहने के लिए आप होटल में ऑनलाइन बुकिंग भी करा सकते हैं।
होटल में रुकने के लिए आप रूम बुक कर सकते हैं या किसी ट्रैवल एजेंसी के द्वारा भी आप होटल या धर्मशाला में रूम बुक कर सकते हैं। इनमे कुछ प्रसिद्ध दुर्गा रिज़ॉर्ट, होटल आतिथि निवास, शांति कुंज होटल, शिखर नेचर रिसोर्ट और द देवद्वार का रिसोर्ट जैसे साफ सुथरे स्थान पर रूककर यात्रा का मजा ले सकते है।
यमुनोत्री धाम जाने के लिए सबसे अच्छा समय – Best Time To Visit Yamunotri Dham In Hindi
यमुनोत्री धाम के पर्यटन के लिए वर्ष भर सैलानी आते रहते हैं। परंतु यदि आप यहां के मनोरम और सुखद मौसम के साथ साथ ही यहां के दिलचस्प और आकर्षक उत्सव का आनंद लेना चाहते हैं तो आपके लिए गर्मियों तथा मानसून का समय सबसे अच्छा समय है। जिस समय में यहां का तापमान लगभग 25 से 30 डिग्री सेल्सियस के आसपास होता है। यमुनोत्री धाम घूमने के लिए मार्च से नवंबर के बीच का समय काफी अच्छा और सुहावना होता है जिस समय आप यहां की उत्सव का भरपूर आनंद ले सकते हैं। जो आपकी उत्तरकाशी की यात्रा को और भी रोमांचक और यादगार बना देगी।
पहाड़ी छेत्र होने के कारण सालभर यमुनोत्री का मौसम ठंडा रहता है। सर्दियों के समय में यहां भारी बर्फबारी होती है जिस वजह से यहां पर सर्दियों के मौसम में पहुंचना काफी दुर्गम हो जाता है। लेकिन यदि आप प्राकृतिक बर्फबारी का खूबसूरत नजारा देखना चाहते है तो आप सर्दियो में यहाँ की यात्रा कर सकते है।
कैसे पहुंचे यमुनोत्री धाम – How to reach Yamunotri Dham Uttarakhand In Hindi
यदि आप पवित्र तथा लोकप्रिय धार्मिक स्थल यमुनोत्री धाम जाना चाहते हैं तो आइए जानते हैं हमारे इस लेख के माध्यम से यमुनोत्री पहुंचने के मार्ग के बारे में विस्तार से जानकारी। वैसे तो यहां पहुंचने के लिए आप हवाई मार्ग, रेल मार, सड़क मार्ग तीनों में से किसी का अपनी सुविधा के अनुसार चयन करके यहां पर आसानी से पहुंच सकते हैं। यमुनोत्री पहुंचकर यहाँ की यात्रा का आनंद ले सकते हैं तो आइए जानते हैं यहां पहुंचने के लिए मार्गों के बारे में।
हवाई जहाज यमुनोत्री धाम कैसे पहुंचे – How To Reach Yamunotri Dham By Flight In Hindi
यदि आप यमुनोत्री आने के लिए हवाई मार्ग का चुनाव कर हैं तो बता दें कि यहां पर पहुंचने के लिए यहां का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट देहरादून का जौली ग्रांट एयरपोर्ट है। यह एयरपोर्ट यमुनोत्री से लगभग 210 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां से आप टैक्सी या प्राइवेट वाहन के द्वारा हनुमान चट्टी पहुंच सकते हैं या फिर आप हेलीकॉप्टर के द्वारा भी यमुनोत्री पहुंच सकते है। यमुनोत्री पहुंचने के लिए यहां से हेलीकॉप्टर की भी सुविधा उपलब्ध है। जौली ग्रांट एयरपोर्ट देश के लगभग सभी प्रमुख हवाई अड्डों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
ट्रेन से यमुनोत्री धाम कैसे पहुंचे – How To Reach Yamunotri Dham By Train In Hindi
यमुनोत्री आने के लिए यदि आप रेल मार्ग का चुनाव करते हैं तो बता दें कि यहां का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन हरिद्वार तथा ऋषिकेश रेलवे स्टेशन है जो यमुनोत्री से लगभग 216 किलोमीटर तथा हरिद्वार रेलवे स्टेशन 226 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आप यहां रेलवे स्टेशन पर उतरने के बाद बस अथवा टैक्सी के द्वारा यहां से हनुमान चट्टी तक का सफर आसानी से कर सकते हैं फिर वहां से आप ट्रैक करके यमुनोत्री तक पहुंच सकते हैं। यह रेलवे स्टेशन भारत के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़े हुए हैं जिसके द्वारा आप यहां आसानी से पहुंच सकते है।
बस से यमुनोत्री धाम कैसे पहुंचे – How To Reach Yamunotri Dham By Bus In Hindi
हिमालय पर्वत के दुर्गम पर्वत श्रृंखलाओं के बीच में स्थित होने के कारण यहां तक पहुंचने के लिए सीधा सड़क मार्ग यमुनोत्री तक नहीं आता है। यमुनोत्री पहुंचने के लिए आपको पहले हनुमान चट्टी तक आना होगा जहां पर आने के लिए आपको ऋषिकेश, हरिद्वार, उत्तरकाशी, बरकोट तथा टेहरी की बस सेवाएं तथा टैक्सी की सहायता से आप यहां पर पहुंच सकते हैं। आप अपने प्राइवेट वाहन के द्वारा भी यहां पर आसानी से पहुंच सकते हैं। यहां हनुमानचट्टी तक पहुंचने के लिए सड़क मार्ग द्वारा आप भारत के किसी भी प्रमुख राज्य से आसानी से पहुंच सकते हैं।
हनुमानचट्टी पर पहुंचने के बाद आप 14 किलोमीटर का ट्रैक करके यमुनोत्री तक पहुंच सकते हैं। परंतु वर्तमान समय में हनुमान चट्टी से जानकीचट्टी तक की सड़क का निर्माण हो चुका है जिसके द्वारा आप यहां अपने वाहनों की सहायता से आसानी से पहुंच सकते हैं। जानकीचट्टी से यमुनोत्री की दूरी मात्र 5 किलोमीटर की रह जाती है जो आसानी से इस दूरी को तय किया जा सकता है। दिल्ली और उत्तराखंड के सभी शहरों से उत्तरकाशी के लिए अच्छी और सस्ती बसे रेड बस के माध्यम से भी उपलभ्ध है।
यमुनोत्री की चढ़ाई कितनी है?
जानकीचट्टी से यमुनोत्री की दूरी मात्र 5 किलोमीटर और हनुमानचट्टी यमुनोत्री की दूरी 14 किलोमीटर है जहाँ से आप ट्रैकिंग करके यमुनोत्री पहुंच सकते है।
यमुनोत्री क्यों प्रसिद्ध है?
हिमालय पर्वत की खूबसूरत श्रृंखलाओं में बसा हुआ यमुनोत्री धाम हिंदुओं के छोटे चार धामों में से एक प्रमुख धाम होने के कारण प्रसिद्ध है। विशाल ग्लेशियर और हिमालय पर्वत की अद्भुत सुंदरता के कारण भी पर्यटक यहाँ भारी मात्रा में आते है।
यमुनोत्री किस पर्वत पर स्थित है?
यमुनोत्री का श्रोत चंपासर ग्लेसियर और सप्तऋषि झील है जो कालिंद पर्वत पर 4421 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है।
निष्कर्ष –
यमुनोत्री मंदिर, जानकी चट्टी, हनुमान चट्टी, खरसाली और सप्तऋषि कुंड जैसे आध्यत्म और प्रकिर्तिक सौंदर्य से परिपूर्ण यमुनोत्री उत्तराखंड ही नहीं भारत का एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल और पर्यटन स्थल है। आज हमने जाना यमुनोत्री धाम पर्यटन की सम्पूर्ण जानकारी – Famous Yamunotri Dham Uttarakhand In Hindi के बारे में जहाँ आप अपने घरवालो और दोस्तो के साथ क्वालिटी टाइम स्पेंड कर सकते है। इस पोस्ट की जानकारी कैसी लगी कृपया कमेंट करे। धन्यवाद
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