हैल्लो दोस्तो, आइये जानते हैं हर की पौड़ी हरिद्वार उत्तराखण्ड (Har Ki Pauri Haridwar Uttarakhand) के बारे में जहाँ पर आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ छुट्टियों का आनंद लेने जा सकते है। आपको बता दें की हर की पौड़ी हरिद्वार एक धार्मिक स्थल होने के साथ साथ एक खुबसूरत प्रकिर्तिक दृश्यों से भरपूर पर्यटन स्थल भी है। जहाँ अद्यात्म और प्रकिर्तिक सुंदरता का अनोखा मिश्रण आपके इस यात्रा को ज़िन्दगी का खूबसूरत यादगार पल बना सकते है। तो आइए जानते है हर की पौड़ी का इतिहास, हर की पौड़ी कैसे पहुंचे? हर की पौड़ी में रुकने के स्थान आदि के बारे में –
हर की पौड़ी हरिद्वार उत्तराखण्ड – Har Ki Pauri Haridwar Uttarakhand – Har Ki Pauri Information In Hindi – Har Ki Pauri Uttarakhand ka pramukh Dharmik sthal
भारत के देवभूमि कहे जाने वाले राज्य उत्तराखण्ड के हरिद्वार जिले में स्थित हर की पौड़ी एक लोकप्रिय धार्मिक और पर्यटन स्थल है। हरिद्वार का एक प्रसिद्ध और प्रमुख पर्यटन स्थल हर की पौड़ी जिसे राजा विक्रमादित्य ने पवित्र गंगा नदी के किनारे बनवाया था। कथाओं के अनुसार अमृत की जो बूंद गिरी थी वह इसी स्थान हर की पौड़ी पर गिरी थी। हर की पौड़ी को ब्रह्म कुंड के नाम से भी जाना जाता है। संध्या समय में होने वाली यहां की गंगा आरती के समय जब पुजारियों के हाथ में बड़े बड़े दियों के साथ आरती और गंगा मैया की जय के की ध्वनियों से वतावरण भक्तिमय हो जाता है।
आरती के समय गंगा जी की पवित्र लहरों में झिलमिलाते हुए तारों से प्रतीत होते दियों के मनोरम दृश्य को देखने के लिए यहां देश-विदेश से श्रद्धालु तथा पर्यटक भारी मात्रा में एकत्रित होते हैं। कुंभ मेले के आयोजन और गंगा आरती के लिए विश्व प्रसिद्ध घाट हर की पौड़ी पर ही प्रसिद्ध गंगा मंदिर और हरिचरण मंदिर भी स्थित है जिसका आकर्षण लोगों को अपनी और आकर्षित करता है।
हर की पौड़ी गंगा नदी के किनारे हरिद्वार में स्थित एक पवित्र घाट है इस घाट की धार्मिक मान्यता बहुत अधिक है और सालाना हजारों लोग यहां पर घूमने के लिए और धार्मिक यात्रा के लिए आते रहते हैं। हरिद्वार आने वाले ज्यादातर लोग इस स्थान पर जरूर आते हैं हिंदू धर्म में इस स्थान को बहुत अधिक महत्व दिया जाता है।
गंगा दशहरे पर यहां पर बहुत अधिक भीड़ होती है इस घाट पर लोग आते हैं और गंगा नदी में डुबकी लगाते हैं। मान्यता है कि इस स्थान पर डुबकी लगाने से व्यक्ति के जीवन के सारे पाप धुल जाते हैं। हर की पौड़ी गंगा नदी का वह स्थान है जहां पर पानी बहुत साफ सुथरा रहता है और साधु संत बैठकर पूजा-पाठ करते हैं।
इस स्थान की धार्मिक मान्यता के साथ-साथ प्राकृतिक सुंदरता भी भरपूर है, इस स्थान पर आपको चारों तरफ हरा भरा वातावरण मिलेगा और कई बार मंद मंद वर्षा के कारण वातावरण बहुत ही सुहाना हो जाता है, जैसा कि आप जानते हैं, उत्तराखंड में लगभग हर जगह पर वर्षा होती ही रहती है, और इसे देवभूमि का दृश्य बहुत ही मनोरम प्रतीत होता है।इसलिए हर की पौड़ी धार्मिक मान्यता के साथ-साथ बेहतरीन टूरिस्ट अट्रैक्शन भी है।
हर की पौड़ी का इतिहास – History of Har Ki Pauri In Hindi
हर की पौड़ी का सही उच्चारण हर की पेडी होता है, पेडी का अर्थ इस स्थान पर सीढ़ियों से होता है, यह हरियाणा, राजस्थान और उत्तराखंड के कुछ इलाकों में इस्तेमाल होने वाला एक शब्द है, राजा भृतहरि के नाम में हरि शब्द था इसलिए इसे हरि की पैड़ी कहा जाता है।
हर की पौड़ी की कहानी राजा भृतहरि से जुड़ी हुई है, ऐसी मान्यता है कि एक समय पर राजा अपना सारा राजपाट छोड़कर धार्मिक यात्रा के लिए हरिद्वार आ गए थे, हर की पेडी के ऊपर जो पहाड़ी है, वहां पर राजा ने कई सालों तक भगवान की घोर तपस्या की थी, उस समय वह पहाड़ी के ऊपर से मां गंगा में स्नान के लिए नीचे आया करते थे, वह जिस रास्ते से पहाड़ी पर चढ़ाई करते थे और नीचे उतरते थे, उस रास्ते पर पेडी का निर्माण किया गया था, यह पेडी राजा भृतहरि के भाई विक्रमादित्य ने बनवाई थी।
एक अन्य दंतकथा के अनुसार यहां पर भगवान विष्णु ने स्वयं स्नान किया था, इसलिए इस स्थान को हरि की पौड़ी के नाम से जाना जाता है, क्योंकि भगवान विष्णु के लिए हरी शब्द का इस्तेमाल किया जाता है, इस स्थान से जुड़ी बहुत सी दंत कथाएं हैं, जो हर की पौड़ी नाम के पीछे छुपी हुई है।
हरि की पौड़ी पर गंगा आरती का समय – Hari ki Pauri Ganga aarti timing
हरि की पौड़ी हरिद्वार में गंगा आरती में शामिल होने पर आप एक अलग ही अनुभव महसूस करेगें। आरती के समय यहाँ का दृश्य बेहद ही अलौकिक दिखाई देता है। हरि की पौड़ी पर गंगा आरती का समय सूर्योदय और सूर्यास्त पर निर्भर करता है। गर्मियों में गंगा आरती का समय सुबह 5 बजे से 6:30 के बीच और शाम को 5:30 से 7 बजे के मध्य रहता है। वही मार्च से अक्टूबर के बीच शर्दियो में गंगा आरती का समय सुबह 6:30 बजे से 7:00 के बीच और शाम को 5:00 से 5:30 बजे के मध्य रहता है।
हर की पौड़ी के पास अन्य पर्यटन स्थल – Haridwar Tourist Places Near Har Ki Pauri In Hindi
- मनसा देवी मंदिर
- भारत माता मंदिर
- चंडी देवी मंदिर
- सप्त ऋषि आश्रम
- माया देवी मंदिर
- पावन धाम
- वैष्णो देवी मंदिर
- दक्ष महादेव मंदिर
- क्रिस्टल वर्ल्ड
- शांति कुञ्ज
- चिल्ला वाइल्ड लाइफ सेंचुरी
- भीम गोडा कुंड
- नील धारा
- पतंजलि योगपीठ
- स्वामी विवेकानंद पार्क
हर की पौड़ी के पास रुकने के स्थान – Where To Stay Near Har Ki Pauri Haridwar In Hindi
हर की पौड़ी में रुकने के लिए आपको कई स्थान मिलेंगे। यहां पर आप 500 से 1000 रुपए के बीच एक बेहतरीन होटल लेकर आसानी से एक रात के लिए स्टे कर सकते हैं। अगर आप यहां पर ऑनलाइन होटल बुकिंग करवाते हैं तो आपको अच्छे दाम पर होटल मिल जाता है। त्योहारों के दिनों में यहां पर भीड़भाड़ बहुत अधिक होती है इसलिए आपको पहले से होटल बुकिंग करवा लेनी चाहिए।
हर की पौड़ी घूमने के लिए अच्छा समय क्या है? – Best Time To Visit Har Ki Pauri Haridwar In Hindi
वैसे तो हरिद्वार घूमने के लिए वर्ष भर श्रद्धालु आते रहते हैं तथा सावन के महीने में यहां श्रद्धालुओं की भीड़ काफी ज्यादा होती है लेकिन सर्दियों के समय में हरिद्वार का मौसम काफी अच्छा होता है जब यहां पर्यटन के लिए काफी लोग आते हैं। इस समय आप हर की पौड़ी के साथ साथ हरिद्वार के अन्य पर्यटन स्थलों में भी आसानी से घूम सकते है।
हर की पौड़ी हरिद्वार कैसे पहुंचे? – How To Reach Har Ki Pauri Haridwar In Hindi
फ्लाइट से हर की पौड़ी कैसे पहुंचे? –
यदि आप हर की पौड़ी हरिद्वार जाने के लिए वायु मार्ग का चुनाव करते हैं तो यहां के सबसे पास का हवाई अड्डा जौलीग्रांट हवाई अड्डा है। यह हवाई अड्डा हरिद्वार से लगभग 40 किलोमीटर दूर स्थित है। जहां से जहां से आप आसानी से टैक्सी के द्वारा अपने चुने हुए पर्यटन स्थल हर की पौड़ी तक जा सकते हैं जो यहाँ से मात्र 2 किलोमीटर दूर स्थित है। आप amazon से किफायती कीमत पर फ्लाइट और ट्रेन की टिकट बुक कर सकते है।
ट्रेन से हर की पौड़ी कैसे पहुंचे? –
हर की पौड़ी पहुंचने के लिए आपको हरिद्वार रेलवे स्टेशन आना होगा जो हर की पौड़ी से मात्र 2 किलोमीटर दूर स्थित है। हरिद्वार शहर का रेलवे स्टेशन भारत के अन्य प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। यहां पहुंचने के लिए मुंबई, दिल्ली, लखनऊ, कानपूर जैसे शहरों से आसानी से रेल सुविधा उपलब्ध है जिसके द्वारा आप हर की पौड़ी हरिद्वार आसानी से पहुंच सकते हैं।
बस से हर की पौड़ी कैसे पहुंचे? –
हरिद्वार की सड़क मार्ग सुविधा बेहद ही अच्छी है जिसके द्वारा आप आसानी से हर की पौड़ी हरिद्वार की यात्रा कर सकते हैं। यह भारत के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा होने के कारण यहां बस के द्वारा या प्राइवेट गाड़ियों के द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है। दिल्ली और उत्तराखंड के सभी शहरों से हरिद्वार के लिए अच्छी बसे उपलभ्ध है।
हरिद्वार रेलवे स्टेशन से हर की पौड़ी कितनी दूर है?
हरिद्वार रेलवे स्टेशन से हर की पौड़ी मात्र 2 किलोमीटर है। आप वहाँ तक सड़क के किनारो पर सजी दुकानों का आनन्द लेते हुए पैदल भी जा सकते है।
हरिद्वार में कुल कितने घाट है?
हरिद्वार में कुल 7 प्रमुख घाट है जिनमे हरि की पौड़ी सबसे प्रमुख घाट है। माना जाता है की भगवान शिव के कदम इसी स्थान पर पड़ा था।
हरिद्वार से देहरादून कितने घंटे का रास्ता है?
हरिद्वार से देहरादून की दूरी लगभग 52 किमी है जिसे आप एक से 1.5 घण्टे में पूरी कर सकते है।
हरिद्वार और रुड़की के बीच कितनी दूरी है?
हरिद्वार और रुड़की के बीच की दूरी लगभग 30 किमी है। इन दोनों शहरो के बीच बस, ट्रेन की सेवायें बहुत ही सुचारु रूप से चलती है।
हरिद्वार से केदारनाथ कैसे जाए?
हरिद्वार से केदारनाथ जाने के लिए आपको बस, टैक्सी आसानी से मिल जाती है जो आपको केदारनाथ के पास स्थित गौरीकुंड तक ले जाती है। केदारनाथ जाने के लिए सबसे अच्छा विकल्प देहरादून से हेलीकाप्टर है जिससे आप आसानी से केदारनाथ पहुंच जायँगे।
हरिद्वार में फ्री धर्मशाला कौन सी है?
हरिद्वार में स्थित शांतिकुंज आश्रम यहाँ आए भक्तो के लिए निःशुल्क धर्मशाला है। हलाकि आप अपनी इच्छा से सेवा भाव प्रगट करते हुए दान कर सकते है।
आशा करता हूँ हर की पौड़ी हरिद्वार उत्तराखण्ड (Har Ki Pauri Haridwar Uttarakhand) के विषय में इस पोस्ट के माध्यम से जो जानकारी दी गई है वो आपको अच्छी लगी होगी। आप अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से इस पोस्ट को साझा करे। हर की पौड़ी हरिद्वार या उत्तराखण्ड के और किसी भी पर्यटन स्थल के बारे में कुछ भी जानकारी चाहिए या मेरी इस पोस्ट में आपको कुछ गलती दिखे तो कृपया कमेंट जरूर करें। – धन्यबाद
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