हैल्लो दोस्तो, आइये जानते हैं उत्तराखण्ड के Famous Tourist Places in Uttarkashi in Hindi के बारे में जहाँ पर आप बर्फ से ढकी पहाड़ी और हिमालय की अद्भुत सुंदरता का आनंद उठा सकते है। उत्तरकाशी एक धार्मिक स्थान होने के अलावा बर्फीली पहाड़ियों, सुंदर घाटियों, अल्पाइन जंगलो की सुन्दरता, ग्लेशियरों और हिमालय की अद्भुत चोटियों से सुसज्जित एक सुंदर हिल स्टेशन भी है। उत्तरकाशी शुरू में धार्मिक पर्यटन का समर्थन करता है, लेकिन कई वर्षों से प्राकृतिक सौंदर्य, ट्रेकिंग और झीलोंजैसी साहसिक गतिविधियों के कारण पर्यटकों के लिए उत्तरकाशी एक खूबसूरत पर्यटन स्थल के लिए प्रसिद्ध हो गया है।
उत्तरकाशी में घूमने की 10 खूबसूरत जगह – Famous Tourist Places In Uttarkashi In Hindi
Famous Tourist Places In Uttarkashi In Hindi : उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता के बीच बसा हुआ उत्तरकाशी एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है जिसे देवभूमि भी कहा जाता है। बर्फ से ढकी की चोटियां तथा अत्यंत मनोरम दृश्य उत्तरकाशी में पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। उत्तरकाशी के हिमालय से निकलने वाली जीवनदायिनी जैसे गंगा, भागीरथी, टोंस वरुण आदि नदियाँ उत्तराखंड की पवित्रता को और अधिक बढ़ा देते हैं। उत्तरकाशी पवित्र स्थल अपने धार्मिक महत्व के अलावा अपने साहसिक खेल जैसे ट्रैकिंग राफ्टिंग तथा पैराग्लाइडिंग जैसे खेलों के लिए भी विख्यात है।
पहाड़ी राज्य उत्तराखंड देश का एक छोटा सा शहर “उत्तरकाशी” जिसे उत्तर के “वाराणसी” के रूप में भी जाना जाता है। हिंदू द्वारा एक धार्मिक स्थान के रूप में “उत्तरकाशी” प्रतिष्ठित भारत के सबसे पवित्र तीर्थयात्रियों में से एक है। इसे गंगोत्री और यमुनोत्री जेसी पावन तीर्थ यात्रा का प्रवेश द्वार कहा जाता है।
उत्तरकाशी में देश विदेश से पर्यटक यहां की यात्रा के लिए आते हैं। यह स्थान 1158 मीटर की ऊंचाई पर स्थित होने के कारण अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करता है जिससे ये जगह स्वर्ग सा प्रतीत होता है। यहां की आकर्षक झीलें, शानदार पहाड़िया, झरने तथा हरी भरी वादियां देखकर पर्यटक यह बार बार आने के लिए आकर्षित होते है। लगभग 8016 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ उत्तरकाशी उत्तराखंड का दूसरा सबसे बड़ा जिला है जिसे उत्तर का काशी या वाराणसी भी कहा जाता है ।
उत्तरकाशी का सबसे प्रसिद्ध मंदिर विश्वनाथ मंदिर – Vishwanath Temple Tourist Places In Uttarkashi In Hindi
भारत के सबसे प्राचीन और प्रमुख मंदिरों में से एक है यह विश्वनाथ मंदिर जो भगवान शिव को समर्पित है। मान्यता अनुसार जिसका निर्माण भागीरथी नदी के तट पर भगवान परशुराम ने करवाया था। बर्फ से ढकी हुई पहाड़ियों के आकर्षण के बीच बसा हुआ यह मंदिर जिसमें भगवान शिव का शिवलिंग जो लगभग 60 सेंटीमीटर लंबा है उसके दर्शन के लिए लाखों की यात्रा में दर्शनार्थी यहां पर आते हैं। प्रसिद्ध 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है यह काशी विश्वनाथ मंदिर जो हिंदुओं का एक सुप्रसिद्ध धार्मिक स्थल है।
विश्वनाथ मंदिर से निकलने वाली पवित्र भागीरथी नदी के तट अत्यंत मनोरम तथा नयनाभिराम कर देने वाला दृश्यो से ओतप्रोत है जो यहाँ पर आने वाले पर्यटकों को मंत्रमुग्ध सा कर देते है। काशी का सबसे पवित्र तीर्थ स्थल के रूप में विख्यात विश्वनाथ मंदिर जहां पर दर्शन के लिए शिवभक्त लाखों की संख्या में चार धाम की यात्रा पर निकलते है तो यहां पर दर्शन करते हुए ही आगे बढ़ते हैं।
विश्वनाथ मंदिर मंदिर का एक आकर्षण यहां पर स्थित एक भव्य त्रिशूल है जो लगभग 26 फुट ऊंचा तथा 8 फुट और 9 इंच लंबा विशाल त्रिशूल है। मंदिर के गर्भ गृह में माता पार्वती तथा गणेश जी की प्रतिमा स्थापित है तथा मार्कंडेय जी भी ध्यान मुद्रा में विराजित है। मंदिर परिसर के बाहर भगवान शिव के प्रिय नंदी जी की मूर्ति स्थापित है। मान्यतानुसार इस विश्वनाथ मंदिर के दर्शन से काशी विश्वनाथ मंदिर का फल मिलता है जिसे कत्यूरी शैली में बनाया गया है।
कुटेटी देवी मंदिर उत्तरकाशी का प्रमुख मन्दिर – Kuteti Devi Uttarkashi Me ghumne Ki Jagah
प्रसिद्ध कुटेटी देवी मंदिर भागीरथी नदी के तट पर हरी पर्वत की पहाड़ी पर स्थित है जो देवी कुटेटी को समर्पित है जिन्हें मां दुर्गा का ही एक रूप माना जाता है। इस मंदिर का निर्माण महाराजा कोटा के पुत्री व उनके पति के द्वारा किया गया था। यह मंदिर विश्वनाथ मंदिर के पास स्थित है जिसे स्थानीय भवन शैली में बनाया गया था।
मनेरी भाली परियोजना के अंतर्गत कुटेटी देवी मंदिर को शिखर शैली के रूप में निर्मित किया गया। मान्यता अनुसार इस स्थान पर पूजा करने पर सुख समृद्धि तथा संतान प्राप्ति के मनोरथ की पूर्ण होते हैं। नवरात्रि के दिनों में यहां पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होती है। कुटेटी देवी मंदिर सिद्धपीठ के रूप में भी पूजा जाता है। यह प्रसिद्ध स्थल उत्तरकाशी से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है
यमुनोत्री उत्तरकाशी का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल – Yamunotri Uttarkashi Tourist Places In Hindi
बर्फ से ढकी हुई हिमालय की विशाल चोटियों से गिरी हुई यमुनोत्री जो एक प्रसिद्ध और विख्यात तीर्थ स्थल है। यमुनोत्री उत्तराखंड के चार धामों में से एक प्रमुख धाम है। समुद्र तल से लगभग 3233 मीटर की ऊंचाई पर उस स्थित यमुनोत्री को ही पवित्र यमुना नदी की उत्पत्ति का स्थल माना जाता है। यमुना नदी के उद्गम स्थल होने के कारण ही इस स्थान को यमुनोत्री के नाम से जाना जाता है। यमुनोत्री से दिखने वाले आकर्षक नजारे तथा यहां का अनुपम प्राकृतिक सौंदर्य पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
विशाल ग्लेशियर तथा जमी हुई झील से यमुनोत्री से पवित्र यमुना नदी निकलती है जिसके पर्यटन के लिए भारी संख्या में दर्शनार्थी तहां की तीर्थ यात्रा के लिए आते हैं। यमुनोत्री उत्तरकाशी जिले के गढ़वाल क्षेत्र के पश्चिमी हिमालय पर स्थित एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। यमुना नदी को भारत की दूसरी सबसे पवित्र नदी माना जाता है जिन्हें सूर्यदेव की बेटी तथा यम की जुड़वा बहन माना जाता है। इसलिए मान्यता है कि जमुना जी में स्नान करने से किसी की आकस्मिक मृत्यु से रक्षा प्रदान होती है। उत्तरकाशी का यह एक लोकप्रिय और प्रमुख पर्यटन तथा तीर्थ स्थल है।
गंगोत्री उत्तरकाशी की सबसे खूबसूरत जगह – Gangotri Uttarkashi Ka Pramukh Dharmik Sthal
उत्तरकाशी के सर्व प्रमुख तीर्थ स्थलों तथा पर्यटन स्थलों में से एक है यह गंगोत्री धाम जो कि उत्तराखंड ही नहीं वरन पूरे भारत में एक लोकप्रिय स्थान है। जहां पर पर्यटन के लिए भारी संख्या में तीर्थयात्री तथा साहसिक गतिविधियां करने के शौकीन लोग इस स्थान पर बहुतायत रूप से आते हैं। उत्तराखंड के चार धामों में से गंगोत्री भी एक प्रमुख धाम है जो विशाल हिमालय के बीच बसा हुआ गंगा नदी का उद्गम स्थल है।
भागीरथी जो विशाल हिमालय के हिमनद से निकलती है तथा देवप्रयाग से निकलती हुई अलकनंदा नदी में विलीन हो जाती है। इसके बाद इस पवित्र नदी को गंगा नदी के नाम से जाना जाता है। गंगोत्री धाम उत्तराखंड नहीं भारत का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जहां भारी तादाद में श्रद्धालु दर्शन के लिए तथा यहां की तीर्थ यात्रा के लिए आते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार भागीरथ के तप के बाद यहां शिवजी की जटा से निकलती हुई गंगा जी ने हिमालय की धरती पर प्रवेश किया था जिनके जल में अस्थियों के स्नान के वजह से राजा भागीरथ के पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी।
गंगा जी के विशाल वेग को रोकने के लिए तथा धरती को तबाही से बचाने के लिए शिव जी ने गंगा जी को अपने सिर पर धारण कर उनका वेग शांत किया तथा अपनी जटाओं से गंगा जी को यहीं पर मुक्त किया जिससे गंगा जी की उत्पत्ति हुई। आध्यात्मिक महत्व के अलावा भी यहां का सौंदर्य तथा प्राकृतिक आकर्षण पर्यटकों को अपनी ओर खींचता है।
उत्तरकाशी में घूमने की प्रमुख जगह डोंडी ताल – Dodital Lake Uttarkashi In Uttarakhand Tourism In Hindi
डोंडी ताल उत्तरकाशी जिले के ताजे पानी वाली झील है जो समुद्री तल से लगभग 3310 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। शांत और आकर्षक वातावरण के लिए तथा उच्चतम ऊंचाई पर स्थित झील जिसमें मछलियों की कई प्रजातियां पाई जाती हैं। डोंडी ताल का ब्राउनट्राउन मछलियां प्रमुख आकर्षण है। हिमालय की गोद में बसा बेहद ही आकर्षक स्थल प्रकृति प्रेमियों के लिए तथा ट्रेकिंग के रोमांच का अनुभव लेने वाले पर्यटकों के लिए प्रमुख गंतव्य स्थल है। यह भारत के सबसे खूबसूरत झीलों में से एक प्रमुख झील है।
प्रसिद्ध डोंडी ताल असी गंगा नदी का एक स्रोत है जो गंगोत्री नदी के पास आकर भागीरथी नदी में मिल जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार यह स्थान भगवान गणेश का जन्म स्थल है जिसके वजह से इस स्थान गणेश ताल या गणेश की झील के नाम से भी जाना जाता है। इस झील के किनारे पर भगवान गणेश का मंदिर भी स्थित है। यह प्रसिद्ध स्थल नैसर्गिक सुंदरता से भरपूर एक बहुत ही आकर्षक पर्यटन स्थल है।
उत्तरकाशी में घूमने की खूबसूरत जगह नचिकेता ताल – Nachiketa Lake Uttarkashi Ka Pramukh Pryatn Sthal
उत्तरकाशी के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक नचिकेता ताल जो समुद्र तल से लगभग 2453 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। नचिकेता ताल लगभग 7 फीट गहरा है इसकी चौड़ाई लगभग 30 मीटर तथा लंबाई 200 मीटर है। नचिकेता ताल के चारों तरफ स्थित देवदार तथा बांज के जंगलों के बीच स्थित एक मनोरम ताल है जो उत्तरकाशी से लगभग पी 29 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। झील में पानी का एक मात्र स्रोत प्राकृतिक पानी की नालियां हैं। नचिकेता ताल का नाम वज्रश्रवा के पुत्र नचिकेता के ऊपर रखा गया है।
कथाओं के अनुसार नचिकेता के पिता वज्रश्रवा द्वारा बूढ़ी और कमजोर गायों का दान दिया जा रहा था तब नचिकेता ने उनको यह दान देने के लिए रोका था। नचिकेता ने उनसे खुद को दान दिए जाने के लिए पूछा था तो उनके पिता ने क्रोध में आकर उन्हें मृत्यु का दान दिया था। अपने पिता की आज्ञा मानकर नचिकेता यमलोक के द्वार पर 3 दिन तक खड़े रहे क्योंकि उस समय यमराज नहीं थे 3 दिन पश्चात वापस आने के बाद उन्होंने उस बालक को अपने पिता की आज्ञा का ऐसा पालन करता हुआ देख कर उसे तीन वरदान मांगने को बोला।
इस स्थान पर जो गुफा है वही मृत्युलोक का द्वार माना जाता है जहा पर नचिकेता ने यमराज का इंतजार किया था। जिस कारण इस स्थान को नचिकेता ताल का नाम दिया गया। कथाओं के अनुसार नचिकेता ताल में आज भी देवी देवता स्नान के लिए आते हैं। इस झील के पश्चिम में बंदरपुन चोटी के मनोरम दृश्य भी दिखाई देते हैं तथा आसपास के सुंदर हरियाली भरे स्थल पर्यटकों को बेहद ही आकर्षित करते हैं।
गोमुख उत्तरकाशी पर्यटन में घूमने की जगह – Gaumukh Tourist Places to visit in Uttarkashi In Hindi
भागीरथी नदी के नाम से जाने वाली गंगा नदी का उद्गम स्थल है गोमुख। यह स्थान समुद्र तल से लगभग 4023 मीटर ऊंचाई पर स्थित है जो ट्रेकिंग के लिए प्रसिद्ध और लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। जहां पर ट्रेकिंग के रोमांच के शौकीन लोग देश और विदेश से आते हैं। गाय के मुख से प्रतीत होने के कारण इस स्थान का नाम गोमुख पड़ा। गोमुख हिंदू धर्म का एक पवित्र और धार्मिक स्थल है जो गंगोत्री से 18 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। पौराणिक कथाओं में महत्वपूर्ण स्थान होने के कारण गोमुख के बर्फीले और ठंडे जल में डुबकी लगाने के लिए भक्त भारी संख्या में यहां पर आते हैं।
मनेरी डैम उत्तरकाशी की खूबसूरत जगह – Maneri Dame Places to visit in Uttarkashi In Hindi
उत्तरकाशी से गंगोत्री जाने वाले रास्ते में पड़ने वाला मनेरी डैम एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है जो पर्यटकों में काफी लोकप्रिय है। मनेरी डैम उत्तरकाशी से लगभग 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां पर आप वाटर राफ्टिंग के अलावा पर्वतारोहण का भी आनंद ले सकते हैं। भागीरथी नदी के ऊपर बना हुआ यह बांध मनेरी भाली परियोजना के अंतर्गत बिजली उत्पादन के लिए बनाया गया है जिससे 90 मेगावाट बिजली उत्पन्न की जाती है।
मनेरी डैम एक ठोस गुरुत्वाकर्षण बांध है। इस बांध के पास में बनी हुई झील में पर्यटक वोटिंग का भी आनंद लेते हैं। यहां के आसपास का शांत वातावरण तथा खूबसूरत झील का दृश्य पर्यटकों को काफी आकर्षित करती है। मनेरी डैम से दिखाई देने वाले पहाड़ों की आकर्षक दृश्य बहुत ही मनोरम प्रतीत होते हैं जिस वजह से उत्तरकाशी के पर्यटन के लिए आने वाले पर्यटकों में यह एक मुख्य आकर्षण केंद्र है।
दयारा बुग्याल उत्तरकाशी का खूबसूरत हिल स्टेशन – Dayara Bugyal Uttarkashi Tourist Places In Hindi
अपने आसपास का बेहद ही मनोरम और आकर्षक दृश्य प्रस्तुत करता दयारा बुग्याल समुन्द्र तल से लगभग 3048 मीटर ऊंची पहाड़ी पर स्थित है। दयारा बुग्याल अल्पाइन घास के मैदानों से घिरा हुआ है। ट्रेकिंग के उत्साही पर्यटकों में दयारा बुग्याल स्थल उत्तरकाशी का एक प्रमुख और रोमांचक स्थल है। बुग्याल का अर्थ है उच्चतम ‘ऊंचाई पर स्थित घास के मैदान‘।
दयारा बुग्याल के घने जंगल, पहाड़, रेशमी घास के मैदान तथा बंदरपूंछ, कालानाग, श्रीखंडमहादेव, श्रीकांत शिखर, गंगोली चोटी जैसी पर्वत श्रृंखलाओं का आकर्षक दृश्य तथा हरी पीली बुग्याल का जन्नत का प्रतीत होने वाले दृश्य जिसका आनंद लेने पक्षियों के भी समूह यहां पर बसंत में वापस आ जाते हैं। सर्दियों के समय में यह स्थल बर्फ से आच्छादित हो जाता है जो साहसिक एक्टिविटीज करने वाले सैलानियों के लिए 30 वर्ग किलोमीटर में फैला एक बहुत ही आकर्षक स्थल है।
दयारा बुग्याल शीतकालीन खेलों के लिए बेहद लोकप्रिय स्थल है। दिसंबर से मार्च तक यहां पर भारी बर्फबारी के कारण बर्फ की मोटी चादर बिछ जाती है जो ट्रेकिंग के लिए बहुत ही अच्छी जगह है। बेहद ही मनमोहक दृश्य प्रस्तुत करने वाला यह स्थल पर्यटकों में उत्तरकाशी का एक लोकप्रिय स्थान है।
नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी की लोकप्रिय जगह – Nehru Mountaineering Institute Uttarkashi Tourist Places In Hindi
नेहरू पर्वतारोहण संस्थान की स्थापना नवंबर 1965 में हुई थी जो भारत के सर्वश्रेष्ठ पर्वतारोहण संस्थानों में से एक प्रमुख संस्थान हैं। ट्रैकिंग तथा माउंटेनियरिंग की ट्रेनिंग देने वाला यह इंस्टिट्यूट जिसमें पर्वतारोहण करते समय आने वाली कठिनाइयों से निपटने तथा सेफ्टी के प्रशिक्षण दिए जाते हैं। यदि आप उत्तराखंड के प्राकृतिक इलाकों के साहसिक गतिविधियों तथा रोमांच का अनुभव लेना चाहते हैं तो आपको इस इंस्टिट्यूट में ट्रेनिंग अवश्य लेनी चाहिए। जिससे आप इस देवभूमि के आकर्षक स्थलों का रोमांच तथा साहसिक गतिविधियों का आनंद ले सकें।
कंडार देवता मंदिर उत्तरकाशी का प्रसिद्ध मंदिर – Kandahar Devta Temple Uttarkashi Tourist Places In Hindi
कंडार देवता मंदिर उत्तरकाशी का एक लोकप्रियता प्रसिद्ध मंदिर जिन्हें भगवान शिव का रूप माना जाता है। कंडार देवता को यहां के स्थानीय लोग आसपास के गांव का रक्षक मानते हैं तथा उन्हीं के आशीर्वाद से अपने सारे कार्य की अनुमति भी लेते हैं। हर वर्ष यहां पर दर्शनार्थियों की भीड़ उमड़ पड़ती है। इस मंदिर के लिए आस्था तथा श्रद्धा भाव का एक प्रमुख कारण यहां की एक लोकप्रिय कथा भी है जिसके अनुसार मूल रूप से वरुणावत पर्वत पर संग्राली गांव में स्थित है।
कंडार देवता का दिव्य स्वरूप जिसे श्रद्धा और आस्था का केंद्र माना जाता है तथा इसे एक दैवीय न्यायालय भी माना जाता है। जहां पर किसी भी बहस का फैसला इस मंदिर के देवता के द्वारा किया जाता है। स्थानीय निवासियों के श्रद्धा और विश्वास के अनुसार यहां पर शादी विवाह, कुंडली जैसी अनेकों समस्याएं तथा शारीरिक कष्टों का निवारण हो जाता है। यह कंडार देवता मंदिर एक भव्य और प्राचीन मंदिर है जो उत्तरकाशी का एक लोकप्रिय स्थल है।
उत्तरकाशी में करने योग्य एडवेंचरस एक्टिविटी – Famous Adventure Activities In Uttarkashi In Hindi
अगर आप स्ट्रेस फ्री आउटिंग और एडवेंचर एक्टिविटी को पसंद करते है और आप इसका भरपूर आनंद लेना चाहते हैं तो आप उत्तरकाशी में इनका लुत्फ उठा सकते हैं। उत्तरकाशी में विशेष रूप से एडवेंचर एक्टिविटी के लिए पर्यटक भारी संख्या में आते हैं।
रिवर राफ्टिंग – River rafting In Uttarkashi in Hindi
एडवेंचर एक्टिविटी के लिए उत्तरकाशी में सबसे प्रसिद्ध रिवर राफ्टिंग है। हरे भरे जंगलो और पहाड़ो के बीच से गुजरती नदियों में राफ्टिंग करने के लिए यहां पर्यटक भारी संख्या में आते है। उत्तरकाशी में रिवर राफ्टिंग का एक अलग ही मजा और रोमांच होता है जिसका आनंद स्ट्रेस फ्री आउटिंग के लिए यहां पर आने वाले हर पर्यटक उठाते हैं।
कैंपिंग – Camping In Uttarkashi Tourism in Hindi
उत्तरकाशी में आकर आप कैंपिंग का भी भरपूर आनंद ले सकते हैं। उत्तरकाशी में ट्रैकिंग के साथ पहाड़ो पर कैंपिंग की भी व्यवस्था है जो स्ट्रेस फ्री आउटिंग के लिए एक अच्छा विकल्प है। जहां पर पर्यटक आकर कैंपिंग करते हुए तथा यहां के स्थलों के दर्शन करते हुए अपने इन यादगार पलों को समेटते हैं। पर्यटक कैंपिंग करते हुए यहां के आकर्षण का पूरा लुत्फ उठाते हैं।
उत्तरकाशी घूमने के लिए सबसे अच्छा समय क्या है? – Best time to visit Uttarkashi in Hindi
उत्तरकाशी के पर्यटन के लिए वर्ष भर सैलानी आते रहते हैं। परंतु यदि आप यहां के मनोरम और सुखद मौसम के साथ साथ ही यहां के दिलचस्प और आकर्षक उत्सव का आनंद लेना चाहते हैं तो आपके लिए गर्मियों तथा मानसून का समय सबसे अच्छा समय है। जिस समय में यहां का तापमान लगभग 25 से 30 डिग्री सेल्सियस के आसपास होता है। उत्तरकाशी घूमने के लिए मार्च से नवंबर के बीच का समय काफी अच्छा और सुहावना होता है जिस समय आप यहां की उत्सव का भरपूर आनंद ले सकते हैं। जो आपकी उत्तरकाशी की यात्रा को और भी रोमांचक और यादगार बना देगी। सर्दियों में यहाँ प्राकृतिक बर्फबारी का खूबसूरत नजारा आपको मंत्रमुग्द कर देगा।
उत्तरकाशी कैसे पहुंचे? – How to Reach Uttarkashi in Hindi
यदि आप उत्तरकाशी की यात्रा का प्लान बना रहे हैं तो बता दे कि यहां पहुंचने के लिए किसी भी मार्ग का आप अपनी सुविधा के अनुसार चयन कर सकते हैं तो आइए जानते हैं यहां पहुंचने के लिए तीनों मार्गों की कुछ जानकारी।
फ्लाइट के द्वारा उत्तरकाशी कैसे पहुंचे? – How to Reach Uttarkashi by Flight in Hindi
उत्तरकाशी के सबसे निकट का एयरपोर्ट देहरादून में स्थित है जो लगभग 160 किलोमीटर दूर स्थित है, उत्तरकाशी के लिए सीधे फ्लाइट उपलब्ध नहीं है लेकिन दिल्ली से देहरादून के लिए हर घंटे पर फ्लाइट उपलब्ध है जिसके द्वारा आप देहरादून पहुंच सकते हैं फिर देहरादून से टैक्सी या बस के द्वारा आप उत्तरकाशी आ सकते हैं,यात्रा को और आसान बनाने के लिए यहां पर एक हवाई पट्टी बनाई जा रही है जिससे यहां पहुंचना काफी आसान और सुविधाजनक हो जाएगा।
रेल मार्ग द्वारा उत्तरकाशी कैसे पहुंचे? – How to Reach Uttarkashi by Train in Hindi
यदि आप यहां आने के लिए रेल मार्ग का चुनाव करते हैं तो बता दें उत्तरकाशी पहुंचने के लिए सबसे पास का रेलवे स्टेशन ऋषिकेश और देहरादून रेलवे स्टेशन (लगभग 145 किमी) हैं। जहां से आप बस या टैक्सी के द्वारा उत्तरकाशी के पहाड़ियों तथा प्राकृतिक सौंदर्य का दर्शन करते हुए उत्तरकाशी पहुंच सकते हैं।
सड़क मार्ग द्वारा उत्तरकाशी कैसे पहुंचे? – How to Reach Uttarkashi by Raod in Hindi
सड़क मार्ग के द्वारा उत्तरकाशी पहुंचने के लिए आप अपनी निजी गाड़ियों के द्वारा तथा यहां पर उत्तराखंड परिवहन निगम की बसें भी चलती हैं। जिसके द्वारा आप उत्तरकाशी आसानी से पहुंच सकते हैं तथा प्राइवेट एजेंसियों की अपनी परिवहन सुविधा उपलब्ध कराती हैं। दिल्ली और उत्तराखंड के सभी शहरों से उत्तरकाशी के लिए अच्छी और सस्ती बसे रेड बस के माध्यम से भी उपलभ्ध है।
उत्तरकाशी में कहाँ रुके? – Hotels in Uttarkashi in Hindi
उत्तराखंड का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल और तीर्थ स्थल होने की वजह से उत्तरकाशी और उसके आसपास में बहुत से के किफायती होटल और गेस्ट हाउस मौजूद है। गंगा व्यू , गंगापुत्र एनेक्सी और देव होमस्टे जैसे बहुत से साफ सुथरे और अच्छी सुभिधाओ वाले होटल की बुकिंग आप ऑनलाइन भी कर सकते है।
उत्तरकाशी में कितने प्रसिद्ध मंदिर हैं?
देवी गंगा का आसन, गंगा नदी का उद्गम, गंगोत्री, यमुनोत्री और विश्वनाथ मंदिर उत्तरकाशी में प्रसिद्ध मंदिर हैं जो हिन्दुओ के लिए प्रमुख तीर्थ स्थल है।
उत्तरकाशी पर्यटकों के लिए क्यू खास है?
उत्तरकाशी एक धार्मिक स्थान होने के अलावा बर्फीली पहाड़ियों, सुंदर घाटियों, अल्पाइन जंगलो की सुन्दरता, ग्लेशियरों और हिमालय की अद्भुत चोटियों से सुसज्जित एक सुंदर हिल स्टेशन भी है। उत्तरकाशी शुरू में धार्मिक पर्यटन का समर्थन करता है, लेकिन कई वर्षों से प्राकृतिक सौंदर्य, ट्रेकिंग और झीलोंजैसी साहसिक गतिविधियों के कारण पर्यटकों के लिए उत्तरकाशी खास हो गया है।
उत्तराखंड का प्रसिद्ध भोजन क्या है?
कई पकवानों से बनी एक डिश रास उत्तराखंड का प्रसिद्ध भोजन है। आलू के गुटके, अरसा मिठाई, आलू टमाटर का झोल, स्वीट स्नैक गुलगुला, सिंगोरी, बावड़ी भट्ट की चुरानी, कुमाउनी रायता और आलू के गुटके जैसे स्वादिष्ट व्यंजन उत्तराखंड के सबसे प्रसिद्ध भोजन है।
उत्तराखंड में बर्फबारी कब होती है?
उत्तराखंड में पहली बर्फबारी नैनीताल में लगभग दिसंबर माह में होती है। दिसंबर से लेकर फरवरी तक यहां पर्यटक स्नोफॉल और बर्फ से ढकी पहाड़ियों का आनंद ले सकते हैं। सर्दियों में यहां का तापमान 0 डिग्री तक हो जाता है और उस समय चारों तरफ से पहाड़ों को घेरे हुए धुंध बहुत ही खूबसूरत दिखती है जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है।
निष्कर्ष –
विश्वनाथ मंदिर, कुटेटी देवी मंदिर, डोडीताल झील, नचिकेता झील, मनेरी डेम, दयारा बुग्याल, नेहरू माउंटेनियरिंग इंस्टीट्यूट, गोमुख, यमुनोत्री, गंगोत्री और कंडार देवता मंदिर जैसे आध्यत्म और प्रकिर्तिक सौंदर्य से परिपूर्ण उत्तरकाशी उत्तराखंड ही भारत का एक प्रमुख तीर्थ स्थल और पर्यटन स्थल है। आज हमने जाना उत्तरकाशी में घूमने की 10 खूबसूरत जगह (Famous Tourist Places In Uttarkashi In Hindi) के बारे में जहाँ आप अपने घरवालो और दोस्तो के साथ क्वालिटी टाइम स्पेंड कर सकते है। इस पोस्ट की जानकारी कैसी लगी कृपया कमेंट करे। धन्यवाद
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