India Gate Information in Hindi : “इंडिया गेट” एक ऐतिहासिक स्थल के रूप में महत्वपूर्ण है और यह भारत के स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों को समर्पित है। यह एक ऐसा स्थल है जहाँ पर्यटक भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान योद्धाओं की याद में श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और उनकी बहादुरी को सराहते हैं। इस पोस्ट के माधयम से हम भारत के सबसे ऊँचे युद्ध स्मारक इंडिया गेट के इतिहास, वास्तुकला, ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और उसके कुछ रोचक तथ्य के साथ इंडिया गेट के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देंगे। इतिहास में रूचि रखने वालो के लिए इंडिया गेट भारत पर्यटन के साथ साथ दिल्ली में घूमने की जगह में प्रमुख स्थान रखता है।
इंडिया गेट की जानकारी | India Gate Information in Hindi
पेरिस के आर्क डे ट्रॉयम्फ़ से मेल खाता हुआ भारत का इंडिया गेट सुप्रसिद्ध है जो भारत की महानता का प्रतीक है। इंडिया गेट पर प्रथम विश्व युद्ध और तीसरे एंग्लो-अफगान युद्ध में मारे गे लगभग 13,000 शहीद सैनिकों के नाम लिखे हुए हैं। इंडिया गेट पर बहुत से सैनिक तथा अंग्रेज अफसर के नाम लिखे गए हैं। यह अंग्रेजों के लिए विश्व भर में लड़ाई लड़ने वाले भारतीय सैनिकों को समर्पित करने के लिए बनाया गया था। 43 मीटर ऊंचा इंडिया गेट को लाल तथा पीले बलुआ पत्थरों से बनाया गया है। नेताजी सुभाषचंद्र बोस की 125वीं जन्मतिथि (23 जनवरी 2022) के अवसर पर प्रधानमंत्री ने उनकी ग्रेनाइट प्रतिमा लगाने की घोषणा की।
इंडिया गेट के ठीक बीचो-बीच एक बंदूक के ऊपर टोपी रखी गई है जिसके चारों ओर हमेशा दीप जलते रहते हैं। इंडिया गेट पेरिस के आर्क डे ट्रॉयम्फ़ से मिलता जुलता इसीलिए है क्योंकि इस गेट को डिजाइन करने वाले एडवर्ड लुटियन्स को पेरिस का आर्क डे ट्रॉयम्फ़ बहुत पसंद था। इंडिया गेट के परिसर में स्थित अमर जवान ज्योति है जो लगभग 1971 से जल रही है 26 जनवरी की परेड की मेजबानी करता है और उस समय देश के प्रधानमन्त्री उपस्थित रहते हैं। इसे भारत के प्रसिद्ध इमारतों में से एक माना जाता है। इसे अखिल भारतीय युद्ध स्मारक के नाम से भी जाना जाता है।
इसके आसपाससे गुजरने वाली सड़कों का निर्माण बहुत सुगमता से ज्यादा सोच समझकर किया गया है, इस गेट को देखने के लिए आसपास काफी चौड़ा स्थान है, जहां पर टूरिस्ट आसानी से खुले मैदान का अनुभव कर सकते हैं। पहले राजपथ इसी स्थान से होकर गुजरता था लेकिन अब राजपथ की सड़क थोड़ी अलग हो चुकी है क्योंकि आजादी के पश्चात सड़कों के कई नामांकन किए गए तथा कई सड़कों को इधर-उधरतोड़ मरोड़ भी की गई। तिलक मार्ग तथा कई महत्वपूर्ण सड़क इस चोराहे से होते हुए निकलती है। इस स्थान पर कई सड़क जाकर मिलती हैं तथा बीच में एक खुला स्थान है जिसके बीचों बीच इंडिया गेट स्थापित किया गया है।
625 मीटर व्यास में फैला हुआ यह काफी खूबसूरत तथा भव्य है। इंडिया गेट के ऊपर काफी खूबसूरत डिजाइन है, इस स्मारक के ऊपर ठीक-बीचों-बीच अंग्रेजी में इंडिया लिखा गया है। इंडिया गेट पर हर साल स्वतंत्रता दिवस पर देश के प्रधानमंत्री तथा तीनों सेना के अध्यक्ष पुष्प अर्पित करते हैं। गेट के बीचो-बीच जो राइफल तथा टोपी सजी हुई है जिसके चारों तरफ द्वीप प्रचलित किए जाते हैं, उसके ऊपर अमर शहीद लिखा हुआ है, यह काले रंग की एक छोटी समाधि जैसा है।
इंडिया गेट का इतिहास – History Of India Gate In Hindi
“इंडिया गेट” भारत के राजधानी दिल्ली में स्थित एक प्रमुख इतिहासिक स्मारक है जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों को समर्पित है। यह जोसेफ कॉन्वे द्वारा डिज़ाइन किया गया था और इसका निर्माण 1921 में शुरू हुआ था जबकि यह 1931 में पूरा हुआ। इसका उद्घाटन भारतीय वायसराय लॉर्ड इरविन द्वारा 12 दिसंबर 1931 को किया गया था। यह स्मारक भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों की याद में बनाया गया था और इसका नाम “इंडिया गेट” के नाम पर रखा गया। अंग्रेजी शासन काल में इंडिया गेट के एक बगल में जॉर्ज पंचम की मूर्ति हुआ करती थी।
बाद में आजादी के पश्चात सभी अंग्रेज अफसरों की मूर्तियां कोरोनेशन पार्क में स्थापित कर दी गई थी इसलिए यहां पर केवल छतरी मात्र ही बची हुई है। राजपथ मार्ग पर स्थित इस गेट को वर्ष 1931 में 90000 शहीदों की याद में बनवाया गया जिन्होंने प्रथम विश्व युद्ध और एंग्लो अफगान युद्ध में अपने प्राणों का बलिदान दिया था। लाल और पीले बलुआ पत्थरों से बने इस गेट पर यूनाइटेड किंगडम के कुछ सैनिकों और अधिकारियों सहित 13,300 सैनिकों के नाम अंकित हैं। इंडिया गेट दिल्ली के कैनॉट प्लेस पर स्थित है और यह देश के एकता और स्वतंत्रता के प्रतीक के रूप में महत्वपूर्ण है।
इंडिया गेट की वास्तुकला – India Gate Design In Hindi
वास्तुकला एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण होती है और भारत के एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में इंडिया गेट वास्तुकला के अद्वितीय उदाहरण में से एक है। इंडिया गेट का डिज़ाइन आर्किटेक्ट एडविन ल्यूटियंस और डिज़ाइनर ज्योसेफ कॉन्वे द्वारा किया गया था। उन्होंने इसे दरबार खाना के डिज़ाइन को आदर्श मानकर तैयार किया था और इसमें भारतीय और मुग़ल शैली के तत्व शामिल थे। इंडिया गेट एक उच्च त्रिकोणीय संरचना है जिसकी ऊँचाई लगभग 42 मीटर (138 फीट) है और इसका अकर्षक वास्तुकला उच्च गोलकार ध्वज से सुसज्जित है।
इंडिया गेट की वास्तुकला अपने डिज़ाइन में मुख्य रूप से यूरोपीय और मुग़ल शैली के तत्वों का मिश्रण है। इसका निर्माण प्रिंसिपल स्टोन के साथ किया गया है। इसकी वास्तुकला में गोलकार स्तम्भ, आकृति वाद और एशियाई भूमि के प्रति श्रद्धा के साथ श्रेणियाँ की गई हैं। इंडिया गेट की वास्तुकला में अलग-अलग जगहों पर जड़े पत्थरों से बने सुंदर संरचनाएँ शामिल हैं और इसके चारों ओर आकर्षक प्रवेश द्वार, संकेतिक चिन्ह और वर्णनीय शिल्प के साथ हैं। “इंडिया गेट” का अद्वितीय वास्तुकला डिज़ाइन और शैली के कारण इसे दुनिया भर के पर्यटकों और कला प्रेमियों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल बना देता है।
इंडिया गेट में बनी अमर जवान ज्योति – Amar Jawan Jyoti In Delhi Tourism In Hindi
अमर जवान ज्योति का निर्माण 1971 में किया गया था। इसका उद्घाटन भारतीय राष्ट्रपति वी.वी. गिरी द्वारा 26 जनवरी 1972 को किया गया था। अमर जवान ज्योति का मुख्य उद्देश्य भारतीय सशस्त्र बलों के वीर जवानों को समर्पित करना था जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने जीवन की बलिदान दिया। अमर जवान ज्योति एक ब्रांज ज्योति है जिसे स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों की याद में जलाया जाता है।
अमर जवान ज्योति की लौ जलते हुए एक अद्वितीय और गौरवशाली दृश्य पैदा करती है। इंडिया गेट अमर जवान ज्योति भारत का गर्व है जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान योद्धाओं की याद में बनाया गया है। यह स्मारक भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महत्वपूर्ण घटनाओं को याद दिलाने का कार्य करता है और लोगों को उन महान योद्धाओं की बहादुरी और निष्ठा के प्रति सजग रहने की आवश्यकता को याद दिलाता है।
इंडिया गेट अमर जवान ज्योति के अलावा दिल्ली के पर्यटन क्षेत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा भी है। यहाँ पर आने वाले पर्यटक न केवल भारतीय ऐतिहासिक धरोहर को समझते हैं बल्कि यहाँ के वास्तुकला की बेहद महत्वपूर्ण टुकड़ों को भी देखते हैं। इंडिया गेट की वास्तुकला का सौंदर्य और महत्व पर्यटकों को यहाँ आकर आकर्षित करता है।
इंडिया गेट के आसपास के पर्यटन आकर्षण – Places to Visit Near India Gate In Hindi
लाल किला
लाल बलुआ पत्थर से बना मुगल वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण यह सुंदर लालकिला दिल्ली ही नहीं पूरे भारत में सबसे ज़्यादा घूमे जाने वाले पर्यटन स्थलों में से एक है। जहां देश विदेश से वर्ष भर लोग आते रहते हैं। दिल्ली में यमुना जी के तट पर बना यह लालकिला पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है।
अष्टकोणीय आकार में बने इस पूरे किले पर संगमरमर से सजावट की गई है। लाला किले में आपको लाहोरी गेट, दिल्ली गेट, मुमताज महल, खस महल, रंग महल, हीरा महल, मोती मस्जिद, दीवान-ए-खास जैसी खूबसूरत संरचना देखने को मिलेगी।
यह एक ऐतिहासिक किला है जिसे सन 1648 इस भी में मुगल साम्राज्य के शासक शाहजहां के द्वारा बनवाया गया था। यह मुगलों के राजनीतिक और औपचारिक केन्द्र भी था। 200 वर्षो तक यह किला मुगलों के आधीन था वर्ष 1947 के बाद आजाद भारत का 15 अगस्त का दिन जिस दिन हर वर्ष प्रधानमंत्री द्वारा यहां अब राष्ट्रीय ध्वज हमारा तिरंगा फहराया जाता है।
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क़ुतुब मीनार
विश्व की सबसे ऊंची मीनार में जो दक्षिण दिल्ली के महरौली नामक स्थान पर बना है। जिसे सन 1192 इस बीच में कुतुबुद्दीन ऐबक के द्वारा बनवाया गया था बाद में कई शासकों द्वारा इसे बनवाया गया। दिल्ली की यह मीनार विश्व की सबसे ऊंची मीनार में से है जिसकी ऊंचाई लगभग 72.5 मीटर है। पाँच मंज़िला ऊंची इस मीनार के हर मंज़िल के चाराें तरफ़ छज्जे बने है।
इस मीनार की तीन मंज़िलें सिर्फ़ लाल बलुआ पत्थर और चौथी व पाँचवीं मंज़िल पर संगमरमर का उपयोग किया गया है। जिसे दिल्ली आने वाले लोगो में देखने की उत्सुकता और आकर्षण रहता है। जिससे यहां पर्यटकों की भीड़ देखने को मिलती है। Top 10 Tourist place In Delhi की सूची में कुतुबमीनार दूसरे नंबर पर सबसे लोकप्रिय जगह है।
लोटस टेम्पल
दिल्ली आने वालों की लिस्ट में प्रमुख स्थान जरूर रहता होगा इस लोटस टेम्पल का जो दिल्ली के नेहरू प्लेस में स्थित है। इसका निर्माण एक कनाडाई वास्तुकार फारिवोज साहब द्वारा वर्ष 1986 में किया गया। जिसको कमल के फूल का आकार दिया गया है। मुख्य बात यह है कि इस मन्दिर में न कोई मूर्ति है और न कोई पूजा होती है। यह एक बहाई उपासना मन्दिर है यह एक सफ़ेद फूल के समान बेहद आकर्षक लगता है। जो एक प्रमुख स्थान है यहां पर घूमने आने वाले लोगों के लिए।
स्वामीनारायण मंदिर अक्षरधाम मन्दिर दिल्ली
6 नवम्बर 2005 में बना यह मंदिर एक विशाल हिन्दू मन्दिर है जो यमुना नदी के तट पर स्थित है। जिसके अन्दर भगवान स्वामीनारायण की मूर्ति है। दुनिया का सबसे बड़ा हिन्दू मन्दिर यह इसमें 234 पिलर 9 गुम्बद और लगभग 20000 साधुओं और आचार्य की मूर्तियाँ है। जिससे इसकी विशालता और भव्यता का अंदाजा लगाया जा सकता है इस मन्दिर का नाम गिनीज बुक ऑफ रिकार्ड में आता है।
इसके अलावा इस मन्दिर में 148 हाथी भी बने हुए हैं। तो अगर आप दिल्ली आएं तो यहां पर जरूर जाएं जो आपको एक आनन्द की अनुभूति देगा। शाम के समय यहां वाटर और लाइट शो होते हैं जिसमें लाइट और पानी के मिलाप द्वारा एक इंसान के पूर्ण जीवन काल को मतलब पैदा होने से मृत्यु तक को दर्शाया जाता है जो अद्भुत दृश्य दर्शाता है।
हुमायूँ तोम्ब दिल्ली
इस मकबरे का निर्माण हुमायूं की विधवा बेगम हमीदा बानो ने 1569 से 70 के बीच में बनवाया था। इस शानदार मकबरे को वास्तुकार मिसक मिर्जा ने किया यह एक फारसी था। इसमें प्रवेश के लिये दो १६ मीटर ऊंचे दुमंजिले प्रवेशद्वार बने हैं जिनमे एक छः किनारों वाला सितारा मुख्य प्रवेशद्वार की शोभा बढ़ाता है। मकबरे का विशाल मुख्य गुम्बद के साथ साथ पच्चीकारी, फर्श की सतह, झरोखों की जालियों, द्वार-चौखटों और छज्जों को सफेद संगमरमर से बनाया गया है। पाषाण निर्मित विशाल इमारत में मुगल शासक हुमायूं के अलावा अन्य शासकों की कब्रें भी मौजूद हैं। यह दिल्ली के निजामुद्दीन में स्थित है जहां पर वर्ष भर पर्यटक आते रहते हैं।
जंतर मंतर दिल्ली
महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय द्वारा वर्ष 1724 में यह विशाल खगोलीय वेधशाला का निर्माण कराया गया। जिसे समय और ग्रहों की गति के अध्ययन के लिए मुख्य रूप से करवाया गया था यहां कुल 13 आर्कीटैक्चरल एटॉनामी इंस्ट्रूमेंट है। जिसमें सम्राट जो सूर्य की मदद से ग्रहों की और समय की जानकारी देता है। मिस्र यंत्र जो वर्ष के सबसे छोटे और सबसे बड़े दिन को बताता है और रामयंत्र जो खगोलीय पिंडों की गति के बारे में जानकारी देता है।
इस्कॉन मंदिर दिल्ली
दिल्ली का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है यह मंदिर जो वर्ष 1998 में अच्युत कनिष्ठ के द्वारा की गई थी जो भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित की गई है। इस मंदिर की वास्तुकला बहुत ही शानदार और दर्शनीय है ।इसे हरे राम हरे कृष्ण मन्दिर भी कहा जाता है इस मन्दिर में एक संग्रहालय भी है जहां महाभारत और रामायण ग्रंथ भी रखे हुए हैं।
मंदिर के परिसर में श्री कृष्ण और राधा जी की मूर्तियां जिनसे हर समय हरे राम हरे कृष्णा की ध्वनि आती रहती है जिससे उसे भक्तिमय वातावरण में मन भक्तिमय हो जाता है। यहां कृष्ण जन्माष्टमी को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है इस समय यहां भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है तो यहां लोग वर्ष भर इसकी भव्यता से आकर्षित होकर दर्शन को आते ही रहते हैं।
पुराना किला दिल्ली
सबसे प्राचीन किलो में माना जाने वाला यह किला ,जिसे कहा जाता है कि यह महाभारत काल के इंद्रप्रस्थ नामक जगह पर जो पाण्डवों की राजधानी पर स्थित है। जिसे शेरशाह सूरी ने 1538 से 1545 इस बीच के बीच कराया था जिसमें 3 मुख्य द्वार है। बड़ा दरवाजा, हुमायूं गेट और तलाकी गेट इसमें शामिल हैं। किले की रौनक रात के लाइटों के शो के दौरान बहुत ही मंत्रमुग्ध करने वाले दृश्य दिखते हैं जिससे आपको यह जगह आनन्दित और सुखद अनुभूति देगी।.
गुरुद्वारा बंगला साहिब दिल्ली
दिल्ली स्थित यह गुरुद्वारा 1783 ईसवी में सिख जनरल सरदार भागल सिंह द्वारा बनवाया गया था। जो सिखों के आठवें गुरु हरिकृष्ण साहब को समर्पित है अतः यह सिखों का प्रमुख धार्मिक स्थल है यहां आने वाले व्यक्तियों के लिए लंगर की व्यवस्था है। जहां पर रोजाना हजारों लोग भोजन ग्रहण करते हैं। यहां पर एक विशाल तालाब भी स्थित है जिसमें आपको कई रंग की मछलियां दिखाई देंगी जो मन पर एक छाप छोड़ती हैं।
नेशनल वार मेमोरियल
दिल्ली में इंडिया गेट मार्ग पर यह मेमोरियल उन शहीदों की याद में अभी जल्दी में ही या राष्ट्रीय समर स्मारक बनवाया गया था। जिन्होंने सन 1965 के भारत और चीन के युद्ध में, भारत पाक युद्ध और सन 1999 के कारगिल के युद्ध में अपनी प्राणों की आहुति दी जवानों की याद में स्थापित किया गया।
यह मेमोरियल जिनके बीच में 15 मीटर ऊंचा एक स्तंभ है जिसके नीचे अखंड ज्योति जलती है इस मेमोरियल का लाइटों से सजाया गया है। और यहां पर उन शहीद जवानों के नाम भी लिखे हुए हैं रात के समय यह बहुत ही आकर्षक एवं सुंदर दिखता है।
राष्ट्रपति भवन
विश्व का दूसरा सबसे बड़ा निवास स्थान राष्ट्रपति भवन जिसमें राष्ट्रपति निवास करते हैं । यह एक विशाल और अद्भुत भवन है जो लगभग 330 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। इसे वास्तुकार सर एडविन लुटियंस ने 1912 में शुरू किया था जो 1929 में बनकर तैयार हुआ। इस भवन में एक रोबर्ट कुत्ता बना है जो असली कुत्ते के जैसा दिखाई पड़ता है। इस भवन के वैनवेट हाल में 104 लोग एक साथ बैठ सकते हैं। इस भवन में कुल 340 कमरे हैं और 700 से भी ज्यादा कर्मचारी यहां काम करते हैं।
इंडिया गेट पर कितने नाम लिखे हुए हैं?
इंडिया गेट पर लगभग 80000 शहीद भारतीय सैनिकों के नाम लिखे हुए हैं।
इंडिया गेट किस पत्थर से बना है?
इंडिया गेट भरतपुर से मँगवाय गए लाल बलुवा पत्थर से बना है जो एक प्रकार की तलछटी चट्टान है।
अमर जवान ज्योति कहां जलाई जाती है?
पूरे साल जलने वाली अमर जवान ज्योति की लौ इंडिया गेट के 42 मीटर ऊंचे मेहराब के नीचे जलाई जाती है
इंडिया गेट घूमने का सबसे अच्छा समय – Best Time To Visit India Gate In Hindi
इंडिया गेट का दौरा करने के लिए सबसे अच्छा समय आपके मुख्य उद्देश्यों और प्राथमिकताओं पर निर्भर करेगा, जैसे कि मौसम और भीड़ आदि। सर्दियों (अक्टूबर से मार्च) में दिल्ली का मौसम शानदार होता है और आपको आराम से इंडिया गेट की यात्रा करने का मौका मिलता है। इस समय मौसम ठंडा और सुहाना होता है जो यात्रा को आनंदमय बनाता है। बसंत (मार्च से अप्रैल) का मौसम भी इंडिया गेट की यात्रा करने के लिए अच्छा हो सकता है। इस समय पेड़ों और फूलों की खुशबू से लहलहाता है और यहाँ का मौसम उच्चतम सुहाना होता है।
इंडिया गेट कैसे पहुंचे – How To Reach India Gate In Hindi
फ्लाइट द्वारा इंडिया गेट कैसे पहुंचे –
भारत के साथ साथ दुनिया भर के लगभग सभी एयरलाइंस के साथ दिल्ही का जुड़ाव है। भारत के विभिन्न शहरों से फ्लाइट से दिल्ली के इंडिया गेट तक पहुँचने के लिए आपको दिल्ली के इंडिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (Indira Gandhi International Airport) पहुंचना होगा क्योंकि इंडिया गेट दिल्ली में स्थित है। इंडिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरने के बाद आप कैनॉट प्लेस या इंडिया गेट के लिए ऑटो या कैब ले सकते है जो यहाँ से लगभग 3 किलोमीटर दूर स्थित है। आप Amazon से किफायती कीमत पर फ्लाइट की टिकट बुक कर सकते है।
ट्रेन द्वारा इंडिया गेट कैसे पहुंचे –
दिल्ली को जोड़ने वाली रेल लाइनों की 4 मुख्य रेलवे स्टेशन मौजूद हैं पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन, हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन और आनन्द विहार रेलवे स्टेशन है। आप दिल्ली के किसी भी स्टेशन पर उतर सकते है। दिल्ली का सभी रेलवे स्टेशन मेट्रो लाइनों से भी जुड़ा हुआ है। आप मेट्रो की यलो लाइन में केंद्रीय सचिवालय या प्रगति मैदान, रेस कोर्स और बाराखंभा किसी भी मैट्रो स्टेशन पर उतरकर आसानी से ऑटो से इंडिया गेट पहुंच सकते है।
बस द्वारा इंडिया गेट कैसे पहुंचे –
दिल्ली में सबसे बड़ा हाइवे नेटवर्क है जिस वजह से देश के लगभग हर जगह से ये बहुत अच्छे से जुड़ा हुआ है। यहां आने के लिए हाइवे से बहुत अच्छी सुविधाएँ हैं जो सभी प्रमुख शहरों और सभी राज्यों को जोड़ती हैं जैसे उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, बनारस, मुम्बई ,चेन्नई ,कोलकाता, अयोध्या, मथुरा, लखनऊ, जोधपुर आदि शहरों से आसानी से पहुंच सकते हैं।
दिल्ली का मशहूर स्थानीय भोजन – Delhi Food In Hindi
यहाँ की स्वादिस्ट भोजन और स्ट्रीट् फूड्स को राजधानी दिल्ली में आये पर्यटक काफी पसंद करते है। दिल्ली का सबसे पसंद किया जाने वाला व्यंजन गरमागरम छोले भठूरे हर गली हर चौराहे पर मिल जाते है। इसके अलावा आपको दिल्ली में हर देश और भारत के सभी राज्यों की डिश आसानी से उपलभ्द हो जायगी।
आशा करता हूँ इंडिया गेट की जानकारी (India Gate Information in Hindi) के विषय में इस पोस्ट के माध्यम से जो जानकारी दी गई है वो आपको अच्छी लगी होगी। आप अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से इस पोस्ट को साझा करे। इंडिया गेट या और किसी भी पर्यटन स्थल के बारे में कुछ भी जानकारी चाहिए या मेरी इस पोस्ट में आपको कुछ गलती दिखे तो कृपया कमेंट जरूर करें। – धन्यबाद
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