Jageshwar Temple Almora uttarakhand

जागेश्वर धाम अल्मोड़ा, उत्तराखण्ड की शांति और प्राकृतिक सौंदर्य की यात्रा – Jageshwar Dham Almora in Hindi – Famous Temple In Uttarakhand In Hindi

Jageshwar Dham Almora in Hindi : उत्तराखण्ड का नाम सुनते ही हमारे मन में वह प्राकृतिक सौंदर्य और शांति की तस्वीर खड़ी हो जाती है, जो इस धार्मिक और पर्यटन स्थल को अनूठा बनाते हैं। उत्तराखण्ड के खूबसूरत मन्दिरों और प्राकृतिक वातावरण में एक ऐसा स्थल है जिसे जागेश्वर धाम के रूप में जाना जाता है। इस लेख में, हम आपको ले जाते हैं जागेश्वर धाम अल्मोड़ा की यात्रा पर, जहाँ आप प्राचीनतम धारोहर का आनंद उठा सकते हैं और प्रकृति के सुंदरता को देख सकते हैं।

जागेश्वर धाम अल्मोड़ा, उत्तराखण्ड की शांति और प्राकृतिक सौंदर्य की यात्रा – Jageshwar Dham Almora in Hindi – Famous Temple In Uttarakhand In Hindi

देवभूमि उत्तराखण्ड में स्थित जागेश्वर धाम अल्मोड़ा जिले में गंगा नदी के तट पर लगभग 6200 फिट की ऊंचाई पर स्थित है। जागेश्वर मंदिर में आपको 100 से अधिक पुराने मंदिर और ऐतिहासिक स्थल घूमने और देखने लायक मिल जाएंगे, यह मंदिर देवदार के घने जंगल से घिरा हुआ है, इस मंदिर की धार्मिक मान्यता बहुत अधिक है और भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर बहुत अधिक ऐतिहासिक मान्यता रखता है और इसे उत्तराखण्ड का पांचवा धाम भी माना जाता है।

जागेश्वर धाम जागेश्वर मन्दिर के नाम से पूरे भारत में विख्यात है, यह हिमालय के कुमाऊं क्षेत्र में स्थित है और छोटे-बड़े कई मंदिर एक साथ बनाए गए हैं जिसके कारण यहां पर बहुत अधिक टूरिस्ट अट्रैक्शन देखने को मिलती है इलाके की प्राकृतिक सुंदरता काफी अधिक है हरा भरा यह इलाका रोमांचकारी अनुभव के लिए जाना जाता है।

Jageshwar Dham Almora in Hindi - Uttarakhand Tourism In Hindi
Jageshwar Dham Almora in Hindi – Uttarakhand Tourism In Hindi

जागेश्वर धाम का प्राकृतिक सौंदर्य – Natural beauty of Jageshwar Dham In Hindi

यह स्थल न केवल धार्मिक बल्कि प्राकृतिक सौंदर्य के लिए भी प्रसिद्ध है। आपको यहाँ पर वन्यजीवों का आकर्षण, हरियाली से भरपूर वादियों का आनंद और शांतिपूर्ण परिसर मिलता है। अल्मोड़ा का अपना अलग चर्म है जो आपकी यात्रा को और भी रमाने देता है।

जागेश्वर धाम यात्रा की शुरुवात – Beginning of Jageshwar Dham Yatra In Hindi

आपकी यात्रा जागेश्वर धाम के पास आकर शुरू होती है। यह मन्दिर उत्तराखण्ड के उन प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है जो आपको एक आदर्श और शांतिपूर्ण वातावरण में डूबने का अवसर प्रदान करता है। जब आप मन्दिर की ओर बढ़ते हैं, तो आपको उसकी महत्वपूर्णता और उसके विचारधारा की अद्वितीयता का आभास होता है।

जागेश्वर धाम का इतिहास – History of Jageshwar Dham In Hindi

जागेश्वर धाम अति प्राचीन है और इसका वेद पुराणों में भी वर्णन देखने को मिलता है। जागेश्वर धाम का प्राचीन नाम हाटकेश्वर महादेव था, गंगा के तट पर स्थित जागेश्वर धाम समुद्र तल से लगभग 6200 feet की ऊंचाई पर है। केदारनाथ शैली में बने जागेश्वर धाम की स्थापना कब हुई इसके बारे में कोई पुख्ता सबूत नहीं है। कुछ पुरातत्विक सबूतों और विद्वानों द्वारा इसका निर्माण 7 वीं शताब्दी में मानते है और कुछ इतिहासकार का मानना है की जागेश्वर धाम का निर्माण कत्यूरी या चंद पहाड़ी राजवंशों द्वारा 10 वीं शताब्दी में किया गया था।

Jageshwar Dham - उत्तराखण्ड की शांति और प्राकृतिक सौंदर्य की यात्रा
Jageshwar Dham – उत्तराखण्ड की शांति और प्राकृतिक सौंदर्य की यात्रा

जागेश्वर धाम का धार्मिक महत्व – Religious importance of Jageshwar Dham In Hindi

जागेश्वर टेम्पल अपने संग्रहीत सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ के मंदिर प्राचीन काल से ही महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में गिने जाते हैं और इन्हें भारतीय संस्कृति के एक महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में देखा जाता है। जागेश्वर धाम में शिव के अलावा अन्य देवी-देवताओं के भी मंदिर हैं, जो इस स्थल को और भी धार्मिक बनाते हैं। मान्यता है कि शिव जी के साथ सप्तऋषियों ने यहां पर तपस्या की थी, जिसके कारण इस धाम की धार्मिक मान्यता काफी अधिक है, भगवान शिव के साथ-साथ सप्तर्षियों के मंदिर भी इस जगह पर स्थित है।

इस मंदिर से जुड़ी एक प्राचीन रोचक जानकारी यह है कि पुराने समय से ही यहां पर मांगे जाने वाली हर एक इच्छा पूरी हो जाती थी, इसलिए बहुत से राक्षस इस मंदिर का दुरुपयोग करते थे, और लोगों का बुरा चाहने वाले लोगों के काम भी इस मंदिर में सफल हो जाया करते थे, क्योंकि यहां भगवान शिव को जो भी खुश कर देता था, उसकी भगवान शिव सभी मांगे पूरी कर देते थे, कई दुराचारी लोग आम जनता को बहुत अधिक परेशान करते थे।

ऐसी मान्यता है कि आठवीं शताब्दी में आदि गुरु शंकराचार्य ने इस मंदिर में स्थित शिवलिंग को कीलित कर दिया था, कीलित कर देना एक प्रथा होती है, जिसमें शिवलिंग को कुछ नियमों में बांध दिया जाता है, अब दुराचारी लोगों की मांगे इस मंदिर में पूर्ण नहीं होती हैं, हाँ जो सही और सात्विक मन से कुछ मांगता है उसकी मांग इस मंदिर में जरूर भगवान द्वारा पूर्ण की जाती है।

जागेश्वर धाम के पास अल्मोड़ा के पर्यटन स्थल – Famous Almora Tourist Places Near Jageshwar Dham In Hindi

जागेश्वर धाम के अतिरिक्त, अल्मोड़ा एक प्रमुख पर्यटन स्थल भी है। यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता, पहाड़ी संस्कृति, और धार्मिक वास्तुकला आकर्षण के केंद्र हैं।

Jageshwar Dham Almora in Hindi - जागेश्वर धाम अल्मोड़ा
Jageshwar Dham Almora in Hindi – जागेश्वर धाम अल्मोड़ा

जागेश्वर धाम कैसे पहुंचे? – How to reach Jageshwar Dham In Hindi

अगर आप आसपास के इलाकों में रहते हैं और सड़क मार्ग से जागेश्वर धाम पहुंचना चाहते हैं तो आपको बता दूं कि जागेश्वर धाम दिल्ली, देहरादून जैसे इलाकों से बहुत अच्छी कनेक्टिविटी रखता है, यहां पर सड़क व्यवस्था बहुत ही सुव्यवस्थित है, और अल्मोड़ा से यह मंदिर लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

इसके अलावा अगर आप ट्रेन से यहां पर आना चाहते हैं, तो यहां का सबसे करीबी रेलवे स्टेशन काठगोदाम रेलवे स्टेशन है जो कि अल्मोड़ा से लगभग 125 किलोमीटर की दूरी पर है, यह रेलवे स्टेशन बाकी जगहों से बहुत बेहतरीन कनेक्टिविटी रखता है।

अगर आप हवाई मार्ग से जागेश्वर धाम आना चाहते हैं तो आपको बता दूं कि यहां का सबसे करीबी एयरपोर्ट पटनगर एयरपोर्ट है जो कि 142 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, इसके माध्यम से आप जागेश्वर धाम बड़ी ही आसानी से पहुंच सकते हैं। आप Amazon से किफायती कीमत पर फ्लाइट की टिकट बुक कर सकते है।

जागेश्वर धाम से उत्तराखण्ड के कुछ प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों की दूरी –

  • नैनीताल से जागेश्वर धाम – लगभग 125 किलोमीटर
  • हरिद्वार से जागेश्वर धाम – लगभग 250 किलोमीटर
  • देहरादून से जागेश्वर धाम – लगभग 290 किलोमीटर
  • दूनागिरी से जागेश्वर धाम – लगभग 80-110 किलोमीटर

FAQ –

जागेश्वर धाम क्यों प्रसिद्ध है?

जागेश्वर धाम भगवान शिव की तपस्थली के रूप में प्रसिद्ध है और इसे उत्तराखण्ड का पांचवा धाम भी माना जाता है।

जागेश्वर धाम में कितने मंदिर है?

जागेश्वर धाम में भगवान शिव के जागेश्वर मन्दिर के अलावा अन्य देवी देवताओ के छोटे और बड़े लगभग 250 मन्दिर है जिसमे से 224 मन्दिर एक ही स्थान पर बने हुए है।

निष्कर्ष –

इस प्रकार, जागेश्वर धाम अल्मोड़ा उत्तराखण्ड की शांति और प्राकृतिक सौंदर्य की यात्रा आपके जीवन के एक यादगार अनुभव का स्रोत बन सकती है। यहाँ की धारोहर और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने के लिए आपको इस खास स्थल पर जरूर जाना चाहिए, ताकि आपकी यात्रा अपने आप में एक महत्वपूर्ण रुचिकर अनुभव बन सके। आज हमने जाना जागेश्वर धाम अल्मोड़ा, उत्तराखण्ड की शांति और प्राकृतिक सौंदर्य की यात्रा (Jageshwar Temple Almora in Hindi) के बारे में जहाँ आप अपने घरवालो और दोस्तो के साथ क्वालिटी टाइम स्पेंड कर सकते है। इस पोस्ट की जानकारी कैसी लगी कृपया कमेंट करे। धन्यवाद

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