Kee Monastery

काई मठ हिमाचल, प्राकृतिक सौंदर्य और आध्यात्मिकता का एक साथ अनुभव | Kee Monastery In Hindi | Himachal Tourism In Hindi

Kee Monastery In Hindi : अध्यात्म के साथ साथ चारो तरफ से हरे भरे जंगलो और पहाड़ो से घिरा होने के कारण काई मठ एक अद्भुत प्रकिर्तिक नजारा प्रस्तुत करता है। आज इस पोस्ट के माध्यम से आइये जानते हैं भारत के प्रमुख पर्यटन स्थल देवभूमि हिमाचल प्रदेश के सबसे लोकप्रिय स्पीति घाटी के प्रसिद्ध स्थल काई मठ के बारे में जहाँ पर आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ छुट्टियों का आनंद लेने जा सकते है।

हिमाचल प्रदेश पर्यटन में काई मठ घूमने के लिए पर्यटक भारी संख्या में आते है। अगर आप भी यहाँ घूमने का प्लान बना रहे है तो आइए जानते है काई मठ कहां स्थित है?, काई मठ घूमने कब जाना चाहिए? काई मठ कैसे पहुंचे?काई मठ के पास लाहौल स्पीती में घूमने की जगह, के साथ साथ Kee Monastery के बारे में अन्य जानकारी –

काई मठ हिमाचल, प्राकृतिक सौंदर्य और आध्यात्मिकता का एक साथ अनुभव | Kee Monastery In Hindi | Himachal Tourism In Hindi

स्पीति वैली का काई मठ लगभग 4,166 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, यह एक पहाड़ के ऊपर स्थित मॉन्यूमेंट है जो अपनी बेहतरीन वास्तुकला और धार्मिक मान्यता के लिए जाना जाता है, तथा यह हिमाचल प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ मठों में से एक है, यहां का प्राकृतिक सौंदर्य भी देखने लायक है, चारों तरफ आपको बर्फ से ढके हुए पहाड़ मिलेंगे, जिससे कि वातावरण बेहद ही अनूठा प्रतीत होता है।

इस मठ के पास स्पीती नदी भी गुजरती है, जिससे कि यहां की खूबसूरती में चार चांद लग जाते हैं, सर्दियों में यह नदी पूरी तरह से जम जाती है और गर्मियों में इसका भाव फिर से शुरू हो जाता है, ऐतिहासिक मान्यता के अनुसार इस मठ का निर्माण लगभग 11वीं शताब्दी में पूर्ण हुआ था, यहां पर आपको बहुत सी पेंटिंग और मूर्तियां मिल जाएंगी, अगर आप बौद्ध धर्म के बारे में रिसर्च कर रहे हैं और अधिक जानकारी जानना चाहते हैं तो आपको स्पीति घाटी के इस सबसे बड़े मठ में जरूर आना चाहिए।

Kee Monastery In Hindi | काई मठ हिमाचल
Kee Monastery In Hindi | काई मठ हिमाचल

यह प्रसिद्ध काई मठ समुद्र तल से लगभग 4166 मीटर की ऊंचाई पर स्पीति जिले में बना हुआ एक तिब्बती बौद्ध मोनास्ट्री है। इस मठ की स्थापना 11वीं शताब्दी में ड्रोमटन के द्वारा करवाया गया था जो की प्रसिद्ध शिक्षक अतिशा के एक छात्र थे। इस प्रसिद्ध बौद्ध मठ की प्राचीन तिब्बती वास्तुकला बेहद ही शानदार है और यह चीनी वास्तुकला से मेल खाता है। इस मठ की संरचना किले के सामान की गई है जिसमे एक पुस्तकालय, प्रार्थना हॉल, ध्यान कक्ष और महावतों के लिए कई निवास कक्ष बने हुए है।

काई मठ में बने पुस्तकालय में बहुत सी बौद्ध चित्रकला, तिब्बती चित्रकला, प्राचीन धर्मशास्त्र और बहुत सी हस्तलिखित पुस्तकों का दुर्लभ और अद्भुत संग्रह है। काई मठ में बने मुख्य प्रार्थना हॉल में जटिल चित्रों, बौद्ध धर्म के महान शान्तो और भगवान बुद्ध की मूर्तियां और चित्र बने हुए है। यह प्रसिद्ध मठ स्पीति नदी के पास बर्फ से ढकी चोटियों, शानदार परिदृश्य और ऊँचे पर्वतों के बीच बना हुआ है जिस कारण यह स्पीति घाटी के लोकप्रिय और प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है।

काई मठ का इतिहास – History of Kee Monastery In Hindi

काई मठ को पहले गोम्पा मठ के नाम से भी जाना जाता था, इस मठ को स्थापित करने वाले का नाम ड्रोमन माना जाता है, यह 11वीं शताब्दी के एक साधु थे, कालांतर में इस मठ ने कई आक्रमणकारियों को झेला है, 17वीं शताब्दी में यहां पर मंगोलों ने हमला किया था, जिससे कि यह मठ क्षतिग्रस्त हो गया था,

1830 के लद्दाख युद्ध में भी यह मठ छिन्न-भिन्न हो गया था, इसी के 10 साल बाद 1840 में यहां पर भयंकर आग भी लग गई थी, लेकिन बौद्ध साधु संतों और सरकार द्वारा इसका बार-बार पुनर्निर्माण करवाया गया, 1975 में यहां पर एक भयंकर तूफान में भी इस मठ को भारी नुकसान पहुंचा था, लेकिन भारत सरकार के पुरातत्व विभाग ने इस मठ की मरम्मत दोबारा करवा दी थी।

इतनी अधिक लड़ाई और प्रकृति की मार झेलने के बाद भी काई मठ आज भी ज्यों का त्यों बना हुआ है, आज के समय में यहां पर हजारों टूरिस्ट घूमने के लिए आते हैं, यह मठ अपने बौद्धिक मान्यताओं और अत्यधिक दुर्गम स्थल पर स्थापित होने के कारण अधिक विख्यात है, सर्दियों में यहां का नजारा जन्नत से कम नहीं होता, चारों तरफ बर्फ ही बर्फ दिखाई देती है, जिससे कि रोमांचकारी एक्टिविटी पसंद लोगों के लिए यह स्थान लाजवाब माना जाता है।

काई मठ हिमाचल, प्राकृतिक सौंदर्य और आध्यात्मिकता का एक साथ अनुभव

काई मठ की वास्तुकला – Kai Monastery Architecture In Hindi

बार-बार आक्रमणकारियों के मार झेलने और बार-बार पुनर्निर्माण कराए जाने के कारण काई मठ की ओरिजिनल वास्तुकला पूरी तरह से छिन्न-भिन्न हो गई है, आज के समय में यहां पर जितने भी कमरे आप देखेंगे, उनमें से कुछ एक ही होंगे जो 11वीं शदी के माने जाते हैं, बार-बार पुनर्निर्माण करवाए जाने के कारण इसकी वास्तु कला में अत्यधिक भेद आ गया है, अब यह मठ एक मठ कम और एक दुर्ग के समान अधिक दिखाई देता है, यह एक विशालकाय रक्षा किले की तरह दिखता है जो कि एक पहाड़ी को पूरी तरह से घेरे हुए हैं, दूर से देखने में यह काफी खूबसूरत नजर आता है।

काई मठ के पास में घूमने की जगह – Lahaul Spiti Tourist Places Near Kee Monastery In Hindi

काई मठ घूमने के लिए सबसे अच्छा समय – What Is The Best Time To Visit Kee Monastery In Hindi

यदि आप हिमाचल प्रदेश पर्यटन में स्पीति घाटी के काई मठ की यात्रा का मन बना रहे हैं तो बता दे कि यहां की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय गर्मियों का समय होता है क्योंकि इस समय यहां का तापमान शून्य से लेकर 15 डिग्री सेल्सियस सेल्सियस तक रहता है जो काफी अच्छा और सुखद रहता है। तो आपको जब भारत की गर्मी भरे मौसम से बचना हो और एक हर रोमांचक यात्रा का अनुभव लेना हो तो यह आपके लिए गर्मियों की यात्रा का एक सबसे अच्छा स्थान है।

Kee Monastery In Hindi

काई मठ कैसे पंहुचा जाये – How To Reach Kee Monastery In Hindi

काई मठ हिमाचल प्रदेश पर्यटन के शिमला, मनाली, कुल्लू जैसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल के पास होने के कारण यहाँ पहुंचने के लिए साधन आसानी से मिल जाते है। लाहौल स्पीती के साथ काई मठ की यात्रा के लिए आइए जानते हैं यहां के मार्गों के बारे में जिनके द्वारा आप यहां पर पहुंच सकते है। आप Amazon से किफायती कीमत पर फ्लाइट की टिकट बुक कर सकते है।

काई मठ कहाँ स्थित है?

काई मठ भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य के लाहौल और स्फीति जिले में स्थित आध्यात्मिक स्थल के साथ साथ खूबसूरत पर्यटन स्थल भी है।

काई मठ की स्थापना कब और किसने कराया था?

काई मठ की स्थापना 11वीं शताब्दी में ड्रोमटन के द्वारा करवाया गया था जो की प्रसिद्ध शिक्षक अतिशा के एक छात्र थे।

आशा करता हूँ काई मठ हिमाचल (Kee Monastery In Hindi) के विषय में इस पोस्ट के माध्यम से जो जानकारी दी गई है वो आपको अच्छी लगी होगी। आप अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से इस पोस्ट को साझा करे। काई मठ स्पीति वैली या हिमाचल प्रदेश के और किसी भी पर्यटन स्थल के बारे में कुछ भी जानकारी चाहिए या मेरी इस पोस्ट में आपको कुछ गलती दिखे तो कृपया कमेंट जरूर करें। – धन्यबाद

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