हैल्लो दोस्तो, आइये जानते हैं भारत के प्रमुख पर्यटन स्थल देवभूमि हिमाचल प्रदेश के सबसे लोकप्रिय मैकलोडगंज के 12 प्रसिद्ध पर्यटन स्थल (Mcleodganj Famous Tourist Places In Hindi), खर्चा, जाने का समय के बारे में जहाँ पर आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ छुट्टियों का आनंद लेने जा सकते है। अपने प्रकिर्तिक सुंदरता, हरी भरी वादियों और हिमालय की अद्भुत खूबसूरती के साथ साथ मैकलोडगंज अपने एडवेंचर एक्टिविटी के लिए भी लोकप्रिय है। आपको बता दें की आप मैकलोडगंज परिवार के साथ साथ हनीमून में भी यहाँ आकर इस खास ट्रिप को ज़िन्दगी का खूबसूरत यादगार पल बना सकते है।
आज हम इस पोस्ट के माध्यम से जानते है मैकलोडगंज के 12 प्रसिद्ध पर्यटन स्थल, मैकलोडगंज घूमने का सबसे अच्छा समय क्या है? मैकलोडगंज कैसे पहुंचे? मैकलोडगंज में कहां रुके? मैकलोडगंज घूमने में कितना खर्च आएगा? आदि मैकलोडगंज पर्यटन के बारे में जानकारी। तो कृपया पोस्ट को अन्त तक पढ़िएगा।
मैकलोडगंज के 12 प्रसिद्ध पर्यटन स्थल – Mcleodganj Famous Tourist Places In Hindi – Best Places To Visit In India – Mcleodganj Himanchal Pradesh
Mcleodganj Famous Tourist Places In Hindi : सामाजिक और सांस्कृतिक विविधता से भरपूर मैकलोडगंज एक बेहद ही खूबसूरत और शानदार पर्यटन स्थल है जो भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य में स्थित है। यहां पर आपको तिब्बती और ब्रिटिश संस्कृति की मिली जुली झलक दिखाई देगी। मैकलोडगंज की प्राकृतिक सुंदरता और विविधता यहां पर्यटकों को अपनी ओर खींच लाती है। मैकलोडगंज में देश और विदेश से पर्यटन के लिए पर्यटक साल भर आते रहते हैं। इस खूबसूरत स्थान पर अपने देश के ही नहीं बदल विदेश से आए हुए नागरिक भी दिखाई देंगे जो यहां की खूबसूरती देखकर यहीं पर ही बस गए हैं।
मैक्लोडगंज में ही तिब्बत के 14वे गुरु दलाई लामा का निवास स्थान भी बना हुआ है जिस कारण से बौद्ध धर्म भाइयों के लिए यह स्थान बेहद ही खास स्थल है। पर्वत श्रृंखलाओं में स्थित यह खूबसूरत स्थान मैकलोडगंज जहां पर आप पर्यावरण के खूबसूरत और आकर्षक नजारों के अलावा रोमांचक गतिविधियां भी कर सकते हैं। मैक्लोडगंज हिमाचल प्रदेश का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जो 19वीं शताब्दी में बसा हिमालय की धौलाधार पर्वत श्रृंखलाओं में स्थित है। यदि आप प्रकृति के प्रेमी और रोमांच के शौकीन हैं तो यह स्थान आपके लिए एक बेहद ही खूबसूरत पर्यटन स्थल है।
यदि आप हिमाचल प्रदेश की यात्रा पर आए तो इस स्थान पर अवश्य जाएं। यहां की खूबसूरत प्राकृतिक वातावरण हरी-भरी जंगल और पर्वत श्रृंखलाओं के अलावा बर्फ से ढकी हुई चोटियां, ग्लेशियर का रोमांच और झरनों की सुंदरता तथा प्राकृतिक शांति आपको यहां आने के बाद आपके बहुमूल्य समय को और भी कीमती बना देगी। निश्चित ही यहां का यात्रा आपके लिए भी यादगार यात्रा होगी।
मैक्लोडगंज का इतिहास – History of Mcleodganj in Hindi
मैकलोडगंज हिमाचल प्रदेश के काँगड़ा जिले का प्रमुख पर्यटन स्थल है। इस स्थान का उल्लेख महाभारत और राजतरंगिणी जैसे ग्रंथो में मिलता है। महाभारत युद्ध के बाद राजा सुसर्माचंद द्वारा इस स्थान को बसाया गया था। यह शहर कभी चंद्र वंश की राजधानी के रूप में अपनी पहचान रखता था। चीनी यात्री हून त्सांग के खत के अनुसार राजा हर्षवर्धन ने नगरकोट (काँगड़ा) पर अधिकार कर लिया जो उस समय जालंधर की राजधानी थी। बाद में 1009 ईस्वी से 1360 ईस्वी तक महमूद गजनवी ने नगरकोट (काँगड़ा) के धार्मिक खजाने की लूट पाट और राज किया। उसके बाद 1556 ईस्वी में अकबर ने काँगड़ा जिले को जीत कर यहाँ शाशन किया
ब्रिटिश काल के दौरान मैक्लोडगंज – एंग्लो – सिख के दूसरे युद्ध के समय 1849 में अंग्रेजो ने काँगड़ा में स्थित धर्मशाला को अपनी छावनी के रूप में स्थापित कर लिया था। इस युद्ध के दौरान पंजाब के लेफ्टिनेंट गवर्नर डेविड मैकलेओड के नाम पर इस शहर का नाम मैकलोडगंज रखा गया। उसके बाद जब 1885 में जब हिमालय के पश्चिम में बस्तियों को बसाया जाने लगा तो 1862 से 1863 तक भारत के ब्रिटिश वायसराय लॉर्ड एल्गिन ने इस शहर को बसाया। हलाकि 1863 में लॉर्ड एल्गिन की मौत हो गई। बता दें कि 1905 में भयानक भूकंप के बाद पूर्णतया नस्ट हो चुके इस शहर को दलाई लामा द्वारा फिर से बसाया गया।
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Mcleodganj Famous Tourist Places In Hindi : धर्मशाला का उपनगर मैकलोडगंज धौलाधार पर्वतश्रृंखला में स्थित होने के कारण अपने प्रकिर्तिक सुंदरता के साथ साथ रोमांचक गतिविधियों के लिए हिमांचल के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल में एक है। तो यदि आप हिमांचल या मैकलोडगंज की यात्रा का प्लान बना रहे है तो आपको वहाँ के पर्यटन स्थलों की जानकारी होना आवश्य्क है। तो आइए जानते हैं मैकलोडगंज के 12 प्रसिद्ध पर्यटन स्थल के बारे में –
डल झील मैकलोडगंज का प्रमुख पर्यटन स्थल – Dal Lake Mcleodganj Ka Pramukh Paryatan Sthal
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में तोता रानी गांव के पास स्थित यह खूबसूरत झील जो समुद्र तट से लगभग 1775 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह झील मैकलोडगंज के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक खूबसूरत पर्यटन स्थल है जिसका आकर्षण देखने के लिए यहां पर्यटक आते हैं। विशाल देवदार के हरे भरे पेड़ और पर्वत श्रृंखलाओं से गिरी हुई यह बेहद ही आकर्षक झील अपने शांत और हरे पानी के कारण प्रमुख पर्यटन स्थल है। शहर से मात्र 2 किमी दूर डल झील के पास कई खूबसूरत ट्रेक भी बने हुए है जो पर्यटकों को रोमांचित करती है।
डल झील के किनारे भगवान शिव का एक मंदिर भी स्थापित है जहा सितंबर में एक बहुत भव्य मेला लगता है। लोगो का मानना है कि इसी डल झील के किनारे दुर्वास ऋषि भगवान शंकर की आराधना किया करते थे। 10,000 वर्ग मीटर में स्थित इस झील का पानी शर्दियो में पूरी तरह से बर्फ बन जाता है उस दौरान एडवेंचर एक्टिविटी के लिए पर्यटक यहाँ भारी संख्या में यहाँ आते है। डल झील प्रवेश निःशुल्क है और इस झील में प्रवेश का समय सुबह 07:00 से लेकर रात 08:00 तक का है।
भागसुनाग मंदिर मैकलोडगंज का धार्मिक स्थल – Bhagsunag Temple Mcleodganj Ka Dharmik Sthal
मैकलोडगंज का भागसुनाग मंदिर स्थानीय निवासियों में एक बेहद ही प्रमुख आस्था केंद्र और लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। भागसुनाथ मंदिर खूबसूरत हरे भरे प्रकृति वातावरण से घिरा हुआ एक बेहद ही खूबसूरत स्थान है। इस मंदिर परिवेश में एक खूबसूरत जलाशय भी स्थित है जिसके किनारे पर शेर के मुख बनाय गए है। लोगो का मानना है की इस जलाशय में स्न्नान करने मात्र से कई प्रकार की बीमारियों से मुक्ति प्राप्त हो जाती है। यह एक प्राचीन मंदिर है जिसका निर्माण मध्ययुगीन काल मे राजा भागसू द्वारा करवाया गया था। भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर समुद्र तल से लगभग 1770 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
पौराणिक मान्यतानुसार इस स्थान पर नाग देवता और राजा भागसू के बीच युद्ध हुवा था जब राजा भागसू ने बिना नाग देवता के अनुमति के उनके जलाशय से जल ले लिया था। अन्त में राजा भागसू ने नाग देवता से छमा मांगी और फिर इस मंदिर का निर्माण कराया था। यह मंदिर गोरखा समुदाय और हिन्दू धर्म के लोगो के लिए एक पवित्र तीर्थ स्थल के रूप में विख्यात है जाहाँ वर्ष भर पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है।
कांगड़ा किला मैकलोडगंज टूरिज्म में घूमने लायक जगह – Kangda Fort Mcleodganj Ka Pramukh Paryatan Sthal
मसाला से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित या कांगड़ा किला देश के सबसे पुराने किलो में से एक है। इसकी संरचना भारत की भव्य विरासत और संस्कृति तथा स्थापत्य कला का प्रतीक है जो यहां की समृद्ध संस्कृति और गौरवशाली इतिहास को दर्शाता है। दुनिया भर से आने वाले सैलानियों के लिए यह किला एक प्रमुख आकर्षण है। यह विशाल किला सिकंदर के युद्ध में भी उल्लेख किया गया है जिस पर कई बार मुगलों ने भी आक्रमण किया है। यदि आप मैकलोडगंज यात्रा पर जाते हैं तो आप कांगड़ा किला को अपने लिस्ट में अवश्य शामिल करें।
कांगड़ा किला हिमांचल का सबसे बड़ा, बेहद ही भव्य और शायद सबसे पुराना किला है जो कांगड़ा शहर के बाहरी इलाके में स्थित है। कहते हैं कभी इस किले में बहुत ही अधिक मात्रा में धन रखा जाता था जो यहां पर स्थित बृजेश्वरी मंदिर में चढ़ाया जाता था। इस धन को लूटने के लिए इस किले पर कई बार हमले हुए। इस किले का उल्लेख महाभारत जैसे महाकाव्य में भी देखने को मिलता है जिस कारण से इसे भारत का सबसे पुराना किला माना जाता है। कांगड़ा किला व्यास नदी तथा उनकी सहायक नदियों की निकली घाट पर बना हुआ है।
त्रिउंड मैकलोडगंज का फेमस टूरिस्ट प्लेस – Triund Mcleodganj Me Ghumne Ki Jagah
मैक्लोडगंज से मात्र 9 किमी दूर स्तिथ त्रिउंड एक छोटा सा और खूबसूरत हिल स्टेशन है जो हिमालय की पर्वतशृंखला के बीच बसा है। त्रिउंड का ट्रैक मैकलोडगंज आने वाले पर्यटकों के लिए एक लोकप्रिय ट्रैकिंग स्थल है। इस ट्रैक के दौरान यहां की 10 किलोमीटर की यात्रा में यहां के आसपास काँगड़ा वेली की खूबसूरती और धौलाधर पर्वतशृंखला की मन मोह लेने वाली सुंदरता का एहसास कर सकते हैं। समुद्र तल से लगभग 2828 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह खूबसूरत ट्रैकिंग स्थल एक आदर्श स्थान है इस ट्रैक के दौरान रास्ते में देवदार, रोडोडेंड्रोन और ओक के पेड़ो के हरे भरे जंगल आपके ट्रैकिंग के अनुभव को रोमांचक बना देते हैं।
बहुत से ट्रैकर्स रात के समय त्रिउंड में दिखने वाले सुन्दर स्टार टेल और काँगड़ा वेली की फोटो खींचने ले लिए कैंपिंग करना पसंद करते है। मैक्लोडगंज और धर्मकोट से त्रिउंड के लिए दो ट्रैक है जिसमे मैक्लोडगंज वाला ट्रैक थोड़ा कठिन है। धर्मकोट से प्रारम्भ होने वाला ट्रैक बहुत ही आसान और खूबसूरत है। गर्मियों में भी इस ट्रैक का तापमान दिन में 28 से 32 डिग्री और रात में लगभग 6 से 10 डिग्री के बीच रहता है तो कृपया यहाँ जाते समय गर्म कपडे जरूर ले जाए।
भागसु वॉटरफॉल मैकलोडगंज में घूमने के लिए खूबसूरत पर्यटन स्थल – Bhagsu Waterfall Mcleodganj Mein Ghumne Ke Liye Khubsurat Paryatan Sthal In Hindi
भागसु वॉटरफॉल मैकलोडगंज के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है जहां की प्राकृतिक सुंदरता और खूबसूरत वातावरण और ऊंचाई से गिरने वाले इस खूबसूरत झरने को देखने के लिए यहां पर पर्यटक खींचे चले आते हैं। 30 फ़ीट ऊँचा यह झरना धौलाधार पर्वतशृंखला के बीच स्थित होने के कारण एक अलौकिक खूबसूरती प्रदर्शित करता है। यहां का शांत वातावरण और आसपास के मंत्रमुग्ध करने वाले दृश्य शांति भरा पल बिताने के लिए पर्यटक यहां पर अपना कीमती समय निकाल कर आते हैं।
बरसात के मौसम में भागसु वॉटरफॉल के आस पास की प्रकिर्तिक सुंदरता यहाँ फैली हरियाली के कारण और भी बढ़ जाती है। भागसु वॉटरफॉल का जल भागसूनाथ मंदिर तक जाता है जिस वजह से इस झरने से धार्मिक भावना भी जुडी हुई है। पिछले कुछ सालो में हुई दुर्घटनाओं की वजह से इस झरने में स्नान करने पर रोक लगा दी गई है। इस झरने को देखने के लिए आप दिन में कभी भी जा सकते है और यहाँ कोई प्रवेश शुल्क नहीं लगता है।
नामग्याल मठ मैकलोडगंज का प्रमुख दर्शनीय स्थल – Namgyal Monastery Mcleodganj Ka Pramukh Darshaniya Sthal
प्रसिद्ध गुरु दलाई लामा जो तिब्बतियों के 14वें आध्यात्मिक धर्मगुरु थे उनके मठ के रूप में जाना जाने वाला यह एक पवित्र स्थान है। आध्यात्मिक शांति और वातावरण बेहद शांत वातावरण वाला यह नामग्याल मठ धौलाधार पर्वतश्रृंखला के बीच स्थित है जहाँ पर आकर पर्यटक मन की शांति का अनुभव करते है। नामग्याल मठ को नामग्याल तांत्रिक महाविद्यालय के रूप में भी प्रशिद्धि मिली है। यहां पर 200 से भी अधिक बौद्ध भिक्षु शिच्छा ग्रहन कर रहे हैं जो इस मठ की प्रथाओं और कौशल परंपराओं की रक्षा का कार्य करते हैं। नामग्याल मठ में विभिन्न बौद्ध प्रथाओं का भी अनुष्ठान होता है जो तिब्बत के बाहर का सबसे बड़ा तिब्बती मठ है।
तिब्बती इंस्टिट्यूट ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स मैकलोडगंज में घूमने के लिए खूबसूरत पर्यटन स्थल – Tibetan Institute of Performing Arts Mcleodganj Mein Ghumne Ke Liye Khubsurat Paryatan Sthal
तिब्बत के बौद्ध गुरू दलाई लामा द्वारा बनवाया गया यह तिब्बती इंस्टीट्यूट आफ परफॉर्मिंग आर्ट्स तिब्बत की पारंपरिक नृत्य शैली, संस्कृति, कला और संगीत को जीवंत रखे हुए एक इंस्टिट्यूट है। यहां पर आप तिब्बत की संस्कृति और कला को पास से देख सकते हैं। इस इंस्टीट्यूट में हर वर्ष 10 दिवसीय वार्षिक उत्सव का आयोजन भी किया जाता है जहां पर यहां के सांस्कृतिक कार्यक्रमों के कारण तिब्बत की कला और संस्कृति को नजदीक से देखने का अनुभव प्राप्त होता है। इस आयोजन के दौरान यहां पर पारंपरिक वेशभूषा में नृत्य तथा तिब्बती लोकगीत और कहानियां भी सुनाई जाती हैं। यहाँ प्रवेश शुल्क 50रु/वयस्क और कैमरा शुल्क 100रु और वीडियो कैमरा शुल्क 500रु तक है।
करेरी झील मैकलोडगंज का सबसे आकर्षक पर्यटन स्थल – Kareri Lake Mcleodganj Ka Sabse Aakarshak Paryatan Sthal
विशाल और खूबसूरत धौलाधार पर्वत श्रृंखलाओं के बीच स्थित खूबसूरत करेरी झील मैकलोडगंज के पास स्थित सबसे खूबसूरत और लोकप्रिय स्थानों में से एक प्रमुख स्थान है। इसका निर्माण धौलाधार पर्वत श्रृंखला में स्थित मनकियानी चोटी की बर्फ के पिघलने से आने वाले जल से निर्मित होता है। यहां के पास में स्थित करीरी नाम के गांव के कारण ही इस झील का नाम करेरी झील रखा गया है। इस झील का जल बेहद साफ और पारदर्शी होने के साथ-साथ यह एक मीठे पानी की झील भी है।
इस खूबसूरत करेरी झील के पानी की स्वच्छता और पारदर्शिता का इससे अनुमान लगा सकते हैं कि झील के तल को आप आंखों से देख सकते हैं। इस झील की ऊंचाई समुद्र तल से लगभग 2934 मीटर है। करेरी झील शर्दियो के दौरान बर्फ से जम जाती है। करेरी झील के किनारे भगवान शंकर को समर्पित एक पुराना मंदिर भी बना हुवा है। यहां के आसपास के खूबसूरत घास के हरे-भरे मैदान तथा शानदार पर्वत श्रृंखलाओं का दृश्य बेहद ही खूबसूरत है। ट्रैकिंग के प्रिय लोगों के लिए एक बेहद शानदार और खूबसूरत स्थल है।
अघंजर महादेव मैकलोडगंज का दर्शनीय स्थल – Aghanjar Mahadev Temple Places to Visit In Mcleodganj
अघंजर महादेव एक प्राचीन मंदिर है जो भगवान शिव को समर्पित एक लोकप्रिय मंदिर है जो पौराणिक कथाओं के अनुसार महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। कहते हैं प्राचीन काल में पांडवों के द्वारा इस मंदिर का निर्माण कराया गया था। पांडवों ने अपने महाभारत के युद्ध के दौरान हुए पापों के मुक्ति के लिए इस मंदिर का निर्माण किया तथा विधिवत पूजा की। यह प्राचीन मंदिर खनियारा गांव में स्थित है जो मैकलोडगंज से लगभग 12 किलोमीटर पहले ही पड़ जाता है जहां पर दर्शन और पर्यटन के लिए भारी मात्रा में पर्यटक आते रहते हैं। इस मंदिर में स्थित एक 300 साल पुराने शिलालेख पर महाराजा रणजीत सिंह की मंदिर यात्रा का वर्णन भी लिखा हुआ है।
जिसके अनुसार शिकार के समय यहां पर अपने मार्ग से भटकते के कारण महाराजा रणजीत सिंह इस मंदिर में पहुंचे थे और यहां के पुजारी से प्रभावित होकर महाराणा राणा रणजीत सिंह ने इस मंदिर की यात्रा कई बार की। अघंजर महादेव की यात्रा के दौरान श्रद्धालु गुप्तेश्वर महादेव मंदिर के दर्शन भी अवश्य करते हैं जो एक गुफा में स्थापित महादेव का मंदिर है। जिसका निर्माण भी पांडवों के द्वारा जब अर्जुन ने पशुपति अस्त्र प्राप्त करने के लिए महादेव की पूजा की थी उस दौरान स्थापित किया था।
कालचक्र मंदिर मैकलोडगंज का प्रमुख दर्शनीय स्थल – Kalachakra Temple Mcleodganj Ka Pramukh Darshaniya Sthal In Hindi
पर्यटकों और दर्शनार्थियों में बेहद ही लोकप्रिय कालचक्र मंदिर का निर्माण 1992 ईस्वी में करवाया गया था। यह मंदिर बौद्ध धर्म और तिब्बती समुदाय के जुड़े हुए मंदिर के रूप में लोकप्रिय है। यह कालचक्र मंदिर मैक्लोडगंज मुख्य शहर से लगभग 2.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस प्राचीन मंदिर की स्थापत्य शैली प्राचीन तिब्बती शैली है इसकी आंतरिक सजावट बेहद खूबसूरत और मंत्रमुग्ध करने वाली है। इस मंदिर में बने हुए विभिन्न चित्र बेहद ही रमणीय और आकर्षक हैं। इस मंदिर के भीतर लगभग 722 भित्ति चित्र बने हुए हैं जो बौद्ध धर्म के देवताओं तथा केंद्रीय काल चक्र की छवि को दर्शाता हुआ दिखाई देता है।
तिब्बत की प्राचीन थंगका शैली से मंदिर की दीवारों और स्तंभों पर उकेरी गए चित्रों को देखकर मन मंत्रमुग्ध हो जाता है। इन आकर्षक भित्ति चित्रों के अलावा इस मंदिर में भगवान बुद्ध की प्रतिमा भी स्थापित की गई है। यहां पर आने वाले दर्शनार्थी और श्रद्धालुओं के लिए मंदिर में कैफे तथा पुस्तकालय भी बना हुआ है। यह मंदिर यहां का एक लोकप्रिय धार्मिक और प्रमुख पर्यटन स्थल है। जहां पर हर वर्ष वार्षिकोत्सव का आयोजन भी किया जाता है जिसमें बड़ी संख्या में बौद्ध और तिब्बती समुदाय से जुड़े लोग भाग लेते हैं।
नेचुंग मठ मैकलोडगंज का सबसे आकर्षक पर्यटन स्थल – Nechung Monastery Mcleodganj Me Dekhne Ki Jagh
यह लोकप्रिय और चर्चित नेचुंग मठ बौद्ध और तिब्बती समुदाय के लोगों के लिए ऐतिहासिक महत्व रखता है। नेचुंग मठ शहर से लगभग 3.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। नेचुंग मठ बौद्ध और तिब्बती लोगों के धार्मिक स्थल से जुड़ा हुआ है। जहां पर भूत भगाने वाली प्रक्रिया तथा पूर्व बौद्ध संस्कार आदि की क्रियाएं की जाती हैं। इस मंदिर की अंदर भित्ति चित्र तथा कलाकृतियां भी बनाई गई है जो अन्य मठों से बिल्कुल अलग हैं। इस मंदिर में पतले कपड़ों की मालाओं के साथ क्रोधित देवताओं की कलाकृतियां तथा मानव और नागों तथा सिर और पैर की पेंटिंग भी दिखाई देती हैं।
मठ में स्थित हाल के स्तंभों में बौद्ध धर्म के पौराणिक जानवरों की आकृतियां कुंडली मारे हुए अवस्था में बनाई गई हैं। तिब्बत के प्रमुख रक्षक देवता के रूप में जाने जाने वाले परम पावन नेचुंग और दलाई लामा के होने के कारण बहुत और तिब्बत के इतिहास में नेचुंग को बहुत अधिक महत्व दिया जाता है। कहते हैं रक्षक देवता वर्तमान दलाई लामा के शरीर पर कब्जा करके तिब्बती नेताओं को सलाह और भविष्यवाणी करके सही मार्ग बताते हैं। नेचुंग मठ सभी बौद्ध संप्रदाय के लोगों के लिए धार्मिक धार्मिक महत्व रखने वाला प्रमुख मठ है जिसके कारण वे यहां की यात्रा करते रहते हैं।
मैकलोडगंज की योग और स्पा थेरेपी – Yoga sessions and Spa Therapies
मैकलोडगंज के आकर्षण और रोमांच तथा खूबसूरत वातावरण के अलावा मैकलोडगंज अपने योग और साधना केंद्र के लिए भी बेहद ही लोकप्रिय है। इस योग साधना केंद्र में आप योग सत्र तथा स्पा थेरेपी के अलावा और भी कई तरह के उपचार ले सकते हैं। यहां पर बहुत से पर्यटक आध्यात्मिक शांति और चिंताओं से मुक्ति प्राप्त करने के लिए आते हैं। शरीर और दिमाग को पूर्ण रूप से सकिर्य करने के लिए मैकलोडगंज के आयुर्वेदिक कायाकल्प केंद्र और योग साधना केंद्र का दौरा जरूर करें।
मैकलोडगंज के अन्य घूमने की जगह | Mcleodganj Me Ghumne ki Jagah
- कोरा सर्किट – blank circuit
- कांगड़ा घाटी ट्रैक – Kangra Valley Trek
- नड्डी गांव – Naddi Village
- कोरा सर्किट – Kora Circuit
- मैकलोडगंज बाजार – Mcleodganj market
- सेंट जॉन चर्च – St. Jhon Church
- इन्द्रहार पास – Indrahar Pass
- लाका ग्लेशियर ट्रेक – Laka Glacier Trek
- श्री बृजेश्वरी देवी शक्तिपीठ – Shri Brijeshwari Devi Shaktipeeth
- चामुंडा देवी शक्तिपीठ – Chamunda Devi Shaktipeeth
- सनसेट व्यू प्वाइंट – Sunset View Point
- लाहेश गुफा – Lahesh Caves
मैकलोडगंज घूमने का सबसे अच्छा समय क्या है? – Best Time To Visit Mcleodganj In Hindi
अब मैकलोडगंज यात्रा के लिए जाना चाहता है चाहते हैं तो बता दे कि यहां पर बारिश के मौसम को छोड़कर आप यहां पर किसी भी समय में यात्रा कर सकते हैं। गर्मियों में यहां का तापमान लगभग 25 डिग्री के आसपास पहुंच जाता है वहीं ठंड में तापमान -1 डिग्री तक रहता है। यदि आप बर्फबारी और जमी हुई झीलों का आनंद लेना चाहते हैं तब आपके लिए सर्दियों का मौसम अच्छा रहेगा। ज्यादातर पर्यटक अक्टूबर से लेकर मार्च के महीने तक का समय यहां के पर्यटन के लिए सबसे अच्छा समय मानते हैं तथा इसी समय में यहां पर पर्यटक अधिक मात्रा में इस स्थान के पर्यटन के लिए आते हैं।
मैक्लोडगंज में कहाँ ठहरें – Hotels in Mcleodganj in Hindi
हिमाचल प्रदेश के इस खूबसूरत और लोकप्रिय पर्यटन स्थल मैक्लोडगंज में पर्यटक पूरे साल भारी मात्रा में घूमने के लिए आते रहते है। जिस वजह से मैक्लोडगंज में अब अधिक मात्रा में होटलो की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। लेकिन पास ही स्थित धर्मशाला की तुलना में मैक्लोडगंज के होटलो थोड़ा महंगे है तो हो सके तो आप धर्मशाला में ही रुके। धर्मशाला से आप रेंटल बाइक लेकर अपने टूर का आनंद ले सकते है।
इसके अलावा आप मैक्लोडगंज से कुछ दूरी पर स्थित धर्मकोट में भी रुक सकते है यहाँ धर्मशाला से भी कम कीमत पर आपको होटल मिल जायँगे। यदि आप ट्रैकिंग करने आय है तो आपको धर्मकोट या मैक्लोडगंज ही रुकना चाहिए क्यू कि धौलाधार पर्वत श्रृंखला के लगभग सभी ट्रैक इन्ही जगह से शुरू होते है। आपको गर्मियों के दौरान भारी भीड़ होती है जिस वजह से आपको होटल पहले ही ऑनलाइन बुक कर लेना चाहिए जिससे आपको कोई असुभिधा न हो।
मैक्लोडगंज का स्थानीय भोजन – Local Food in Mcleodganj in Hindi
मैक्लोडगंज में आपको तिब्बती संस्कृति के प्रसिद्ध व्यंजन देखने को मिलेंगे यहां पर आपको स्थानीय रेस्टोरेंट ओं में सादे भोजन भी मिलेंगे इसके अलावा यहां पर स्ट्रीट फूड में प्रसिद्ध मोमोज, थूकपा तथा अन्य तिब्बती भोजन का स्वाद अवश्य ले। यहां की लोकप्रिय चाय जो शहद,अदरक और नींबू की बनी हुई होती है कि आप चाय के शौकीन हैं तो इस चाय का स्वाद अवश्य लें। तिब्बती संस्कृति होने के कारण यहां पर ज्यादातर तिब्बती व्यंजन ही मिलते हैं इसके अलावा यहां पर आपको कई चीनी, जापानी और अन्य महाद्वीपों व्यंजन महाद्वीपीय व्यंजन भी उपलब्ध हो जाते हैं।
मैक्लोडगंज के प्रमुख व्यंजनों में से लाल मांस और गेहूं की रोटी प्रमुख व्यंजन है। सुगंधित मसालों के साथ मोटी और रिच ग्रेवी का यहां पर बहुतायत में प्रयोग किया जाता है। यहां पर आपको खाने के लिए दाल, शोरबा, चावल, सब्जियां तथा ब्रेड भी आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं परंतु यहां पर मांसाहारी भोजन को ज्यादा पसंद किया जाता है जिस कारण में आपको यहां पर अधिक संख्या में मांसाहारी व्यंजन दिखाई दे जाएंगे। मैक्लोडगंज के भागसू रोड और टेम्पल रोड में मोमोज, तिब्बती नूडल्स, बोक चोय सूप और इटैलियन फूड काफी लोकप्रिय है तो मैक्लोडगंज की यात्रा के दौरान इनका स्वाद लेना न भूले।
मैकलोडगंज कैसे पहुंचे? – How To Reach Mcleodganj by air In Hindi
मैकलोडगंज हिमाचल प्रदेश और काँगड़ा का एक बेहद ही लोकप्रिय और प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है जहां पर आप हवाई मार्ग या रेल मार्ग अथवा सड़क मार्ग के द्वारा आसानी से यहां पर पहुंच कर यहां की यात्रा का आनंद ले सकते हैं। यदि आप मैकलोडगंज की यात्रा का प्लान बना रहे हैं तो आइए जानते हैं यहां पर पहुंचने के मार्गों के बारे में जिसके द्वारा आप यहां पर पहुंचकर यात्रा का आनंद ले सकते हैं।
हवाई मार्ग द्वारा मैकलोडगंज कैसे पहुंचे? – How To Reach Mcleodganj by Rail In Hindi
बता दें कि मैकलोडगंज के सबसे पास का हवाई अड्डा गग्गल हवाई अड्डा है जो यहाँ से मात्र 18.5 किमी की दूरी पर स्थित है लेकिन यहां पर कुछ सीमित उड़ाने ही उपलब्ध हैं। इसके अलावा यहाँ से लगभग 95 किमी दूर स्थित पठानकोट हवाई अड्डा भी यहाँ का निकटतम हवाई अड्डा है। इसके अलावा मैकलोडगंज के पास का हवाई अड्डा चंडीगढ़ हवाई अड्डा है जो यहां से लगभग 200 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है ( Chandigarh to Mcleodganj distance ) । यह हवाई अड्डा भारत के लगभग सभी प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है जहां पर पहुंचकर आप टैक्सी के द्वारा मैकलोडगंज पहुंच सकते हैं।
रेल मार्ग द्वारा मैकलोडगंज कैसे पहुंचे? – How To Reach Mcleodganj by road In Hindi
यदि आप मैकलोडगंज जाने के लिए रेल मार्ग का चुनाव करते हैं तो बता दे कि यहां के सबसे पास का रेलवे स्टेशन पठानकोट रेलवे स्टेशन है। पठानकोट रेलवे स्टेशन यहां से लगभग 90 किमी की दूरी पर स्थित है ( Pathankot to Mcleodganj distance ) जो भारत के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। इस स्टेशन पर पहुंच कर आप टैक्सी अथवा बस के द्वारा मैकलोडगंज की यात्रा कर सकते हैं।
सड़क मार्ग द्वारा मैकलोडगंज कैसे पहुंचे? – How To Reach Mcleodganj In Hindi
धर्मशाला से मात्र 9 किमी दूर स्थित मैकलोडगंज (Mcleodganj To Dharmshala distance) तो एक लोकप्रिय और प्रमुख पर्यटन स्थल है जो भारत के अन्य प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग के द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। सड़क मार्ग द्वारा यहां पर आना चाहते हैं तो यहां पर आने के लिए सरकारी और निजी बसें भी चलती हैं। यहां पर आप अपने निजी वाहन के द्वारा भी यात्रा का आनंद ले सकते हैं अथवा आप यहां पर पहुंचकर प्राइवेट टैक्सी को किराए पर लेकर यहां की यात्रा कर सकते हैं। दिल्ली, चंडीगढ़, कश्मीर, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश के सभी शहरों से मैकलोडगंज के लिए अच्छी और सस्ती बसे रेड बस के माध्यम से भी उपलभ्ध है।
मैकलोडगंज के बारे में पूछे जाने वाले प्रश्न – Frequently asked questions about Mcleodganj In Hindi
मैक्लोडगंज का ऐतिहासिक महत्व क्यू है?
मैक्लोडगंज दलाई लामा जो तिब्बती समुदाय के आध्यत्मिक गुरु है उनके घर के रूप में अपना ऐतिहासिक महत्व रखता है। इसके आलावा नामग्याल मठ, आयुर्वेदिक कायाकल्प केंद्र, योग साधना केंद्र और त्सुगलाखंग मठ के लिए भी ये प्रसिद्ध है
मैक्लोडगंज घूमने में कितना खर्च आएगा?
मैक्लोडगंज घूमने का खर्चा आपके एक्टिविटी पर निर्भर करता है की आप किस तरह के होटल में रुकते है और कौन कौन सी एडवेंचर एक्टिविटी करते है। मैक्लोडगंज यात्रा के दौरान आप 10000 से 15000 तक का बजट बनाकर जाए।
मैक्लोडगंज घूमने के लिए कितने दिन काफी हैं?
मैक्लोडगंज घूमने के लिए 3-4 दिनों का समय काफी है। यदि आप धर्मशाला, काँगड़ा के साथ साथ पास ही स्थित शिमला जैसी अद्भुत जगहों को घूमना चाहते है तो आपको अपनी यात्रा के लिए कम से कम 10 दिन लगेंगे।
निष्कर्ष –
डल झील, करेरी झील, भागसु नाग मंदिर, त्रिउंड, कांगड़ा घाटी ट्रैक, नड्डी गांव, लाका ग्लेशियर ट्रेक, सनसेट व्यू प्वाइंट और भागसु वॉटरफॉल जैसे प्रकिर्तिक सौंदर्य से परिपूर्ण मैकलोडगंज हिमाचल प्रदेश और काँगड़ा के साथ पूरे भारत का एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। आज हमने जाना मैकलोडगंज के 12 प्रसिद्ध पर्यटन स्थल, खर्चा, जाने का समय – Mcleodganj Famous Tourist Places In Hindi के बारे में जहाँ आप अपने घरवालो और दोस्तो के साथ क्वालिटी टाइम स्पेंड कर सकते है। इस पोस्ट की जानकारी कैसी लगी कृपया कमेंट करे। धन्यवाद
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